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खेल: तेंदुलकर बोले- सिराज को वह श्रेय नहीं मिला, जिसके वह हकदार हैं और 'बुमराह के बिना भारत की जीत महज संयोग'

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सिराज को वह श्रेय नहीं मिला, जिसके वह हकदार हैं, मुझे उनका रवैया पसंद है: तेंदुलकर

भारत के दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कहा कि उन्हें मोहम्मद सिराज का रवैया बहुत पसंद है। इस तेज गेंदबाज को वह श्रेय नहीं मिलता, जिसका वह हकदार है। ओवल टेस्ट के पांचवें दिन सिराज ने 104 रन देकर 5 विकेट चटकाए, जिसकी बदौलत भारत ने इंग्लैंड को छह रन से हराकर पांच मैचों की सीरीज 2-2 से बराबर कर ली।

इंग्लैंड के पास सिराज की सटीकता का कोई जवाब नहीं था, क्योंकि उन्होंने पांचवें दिन 25 गेंदों में सिर्फ नौ रन देकर तीन विकेट झटके और निचले क्रम को तहस-नहस कर दिया।

सिराज ने गस एटकिंसन का ऑफ स्टंप उखाड़कर भारत की जीत पक्की की।

तेंदुलकर ने कहा कि अविश्वसनीय और शानदार अंदाज। मुझे उनका रवैया बहुत पसंद है। एक तेज गेंदबाज का इस तरह लगातार आपके सामने रहना, किसी भी बल्लेबाज को पसंद नहीं आएगा। और आखिरी दिन उन्होंने जो रवैया अपनाया, वह अंत तक कायम रहा, मैं कमेंटेटर्स को यह कहते हुए भी सुन सकता था कि उन्होंने सीरीज में 1,000 से ज्यादा गेंदें फेंकने के बाद आखिरी दिन लगभग 90 मील प्रति घंटे (145 किलोमीटर प्रति घंटे) की रफ्तार से गेंद फेंकी। यह उनके साहस और बड़े दिल को दर्शाता है।"

तेंदुलकर ने कहा कि आखिरी दिन उन्होंने जिस तरह से शुरुआत की, वह काबिले तारीफ थी और उन्होंने हमेशा अहम भूमिका निभाई है, जब भी हमें उनकी जरूरत पड़ी, जब भी हम चाहते थे कि वह धमाकेदार प्रदर्शन करें। उन्होंने अच्छी गेंदबाजी करके दिखाई। इस सीरीज में भी यही हुआ। जिस तरह से उन्होंने इतने सारे विकेट लिए और अच्छा प्रदर्शन किया, उससे उन्हें वह श्रेय नहीं मिलता, जिसके वे हकदार हैं।

गिल आईसीसी के महीने के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी पुरस्कार के लिए नामित

 भारतीय कप्तान शुभमन गिल को बुधवार को दक्षिण अफ्रीका के वियान मुल्डर और इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के जुलाई महीने के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी पुरस्कार के लिए नामित किया गया।

गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ हाल में समाप्त हुई पांच टेस्ट मैच की श्रृंखला में आगे बढ़कर नेतृत्व किया और बल्लेबाजी में कई रिकॉर्ड अपने नाम लिखे। भारत की युवा टीम ने यह श्रृंखला 2–2 से ड्रॉ की।

गिल ने श्रृंखला में 75.40 की औसत और चार शतकों की मदद से 754 रन बनाए। उन्होंने एक दोहरा शतक भी लगाया। इस 25 वर्षीय बल्लेबाज ने श्रृंखला में किसी भारतीय कप्तान द्वारा सर्वाधिक रन बनाने का सुनील गावस्कर का रिकॉर्ड (732) तोड़ा।

गिल का प्रदर्शन अब सर्वकालिक कप्तानों की सूची में सर डोनाल्ड ब्रैडमैन (810 रन) के बाद दूसरे स्थान पर है।

आईसीसी ने अपनी वेबसाइट पर लिखा, ‘‘शुभमन गिल के लिए यह महीना शानदार रहा। उन्होंने इस रोमांचक श्रृंखला के दौरान इस महीने में तीन टेस्ट मैचों में 94.50 की औसत से 567 रन बनाए।’’

बुमराह के बिना भारत की जीत महज संयोग, उनकी क्षमता असाधारण: तेंदुलकर

महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का मानना है कि जसप्रीत बुमराह की अनुपस्थिति में भारत का इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट जीतना महज ‘संयोग’ था और यह करिश्माई तेज गेंदबाज अब भी ‘असाधारण और अविश्वसनीय’ है।

बुमराह हाल में इंग्लैंड में खत्म हुई पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में से तीन मैच में ही खेले थे। श्रृंखला में कम अनुभव वाली भारतीय टीम इसके बावजूद इंग्लैंड से 2-2 से ड्रॉ खेलने में कामयाब रही। भारतीय टीम ने जो दो मैच जीते उनमें कार्यभार प्रबंधन योजना के कारण बुमराह का नहीं खेलना पहले से ही तय था।

तेंदुलकर ने कहा कि बुमराह की अनुपस्थिति में बर्मिंघम और द ओवल में भारत की जीत महज संयोग थी। उन्होंने बुमराह के तीन टेस्ट मैच में प्रदर्शन के बारे में बात की। इस तेज गेंदबाज ने श्रृंखला में कुल 14 विकेट लिए।

तेंदुलकर ने ‘रेडिट’ पर श्रृंखला के अपने वीडियो विश्लेषण में कहा, ‘‘बुमराह ने सही में अच्छी शुरुआत की, पहले टेस्ट (पहली पारी में) में पांच विकेट लिए। वह दूसरा टेस्ट नहीं खेले लेकिन तीसरे और चौथे टेस्ट में खेले। फिर इन दो टेस्ट में से एक में उन्होंने पांच विकेट झटके। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘बुमराह ने जो तीन टेस्ट खेले, उनमें से दो में उन्होंने पांच विकेट लिए। मुझे पता है कि लोग कई बातों पर चर्चा कर रहे हैं कि हम उन टेस्ट मैच में जीते जिनमें वह नहीं खेले। मुझे लगता है कि यह महज एक संयोग है। ’’

चैपल ने इंग्लैंड की आलोचना की, कहा, सकारात्मक क्रिकेट का मतलब लापरवाह क्रिकेट नहीं है

आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ग्रेग चैपल ने भारत के खिलाफ ड्रॉ हुई टेस्ट श्रृंखला के दौरान इंग्लैंड की आक्रामक अंदाज में बल्लेबाजी करने की रणनीति की आलोचना करते हुए कहा, ‘‘सकारात्मक क्रिकेट का मतलब लापरवाह क्रिकेट नहीं है।’’

चैपल ने 'ईएसपीएनक्रिकइन्फो' में अपने कॉलम में युवा भारतीय टीम की अच्छा प्रदर्शन करने के लिए प्रशंसा की, वहीं इंग्लैंड के खिलाड़ियों, विशेषकर हैरी ब्रुक की आलोचना की, क्योंकि वे परिस्थितियों को समझने में विफल रहे।

भारत के पूर्व मुख्य कोच चैपल ने कहा, ‘‘इस श्रृंखला में इंग्लैंड का सफर उसके सामने चेतावनी पेश करता है। इसे प्रतिभाशाली लेकिन चंचल प्रकृति के हैरी ब्रुक ने मूर्त रूप दिया, जिनकी मैं पहले सार्वजनिक रूप से प्रशंसा कर चुका हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उनकी टाइमिंग बहुत अच्छी है। वह कई तरह के शॉट लगा सकते हैं। उनमें आत्मविश्वास है और बल्लेबाजी को सहज बनाने का दुर्लभ कौशल है। लेकिन क्रिकेट, विशेष रूप से टेस्ट क्रिकेट, केवल शॉट लगाने के बारे में नहीं है। यह निर्णय लेने के बारे में है। टेस्ट क्रिकेट में यह समझना जरूरी होता है कि कब आक्रामक होकर खेलना है और कब संयम बरतना है।’’

रूट को मैन ऑफ द सीरीज होना चाहिए था: हैरी ब्रुक

इंग्लैंड के स्टार बल्लेबाज हैरी ब्रुक ने भारतीय कोच गौतम गंभीर के उन्हें श्रृंखला का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुनने के फैसले पर असहमति जताते हुए कहा कि यह सम्मान पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में शानदार प्रदर्शन करने वाले जो रूट को मिलना चाहिए था।

श्रृंखला 2-2 से बराबर रहने के बाद प्रत्येक टीम के कोच ने प्लेयर ऑफ द सीरीज पुरस्कार के लिए विपक्षी टीम से एक खिलाड़ी का चयन किया।

इंग्लैंड के मुख्य कोच ब्रेंडन मैकुलम ने भारत की तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी के रूप में कप्तान शुभमन गिल को जबकि गंभीर ने इंग्लैंड के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी के रूप में ब्रूक को चुना।

ब्रुक ने बीबीसी से कहा, ‘‘मैंने रूटी (जो रूट) जितने रन नहीं बनाए, इसलिए मुझे लगता है कि उन्हें मैन ऑफ द सीरीज होना चाहिए था। उन्हें इन गर्मियों में फिर से इंग्लैंड का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनना चाहिए।’’

पीटीआई और आईएएनएस के इनपुट के साथ

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