गुजरात के अहमदाबाद में राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जनता को संबोधित करते हुए देश की एकता और सुरक्षा पर जोर दिया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि भारत को कमजोर समझने की कोई हिम्मत न करे, क्योंकि देश सशक्त और एकजुट है।
सशक्त भारत का संदेश
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा, “यदि किसी ने भारत की तरफ आंख उठाने की हिम्मत की तो उसे जवाब देने के लिए हमारी सेना और जनता तैयार है। हम किसी भी प्रकार के बाहरी दबाव को बर्दाश्त नहीं करेंगे।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि राष्ट्रीय एकता केवल एक दिन की बात नहीं, बल्कि हर भारतीय का सामाजिक और राष्ट्रीय कर्तव्य है।
राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय एकता दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह दिन संपूर्ण भारत की अखंडता और विविधता में एकता का प्रतीक है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे देश की सेवा, राष्ट्रभक्ति और सामाजिक समरसता के मूल्यों को अपनाएं।
आर्थिक और सामाजिक विकास पर जोर
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय एकता केवल सेना या कानून तक सीमित नहीं है। इसके लिए आर्थिक समृद्धि, सामाजिक न्याय और शिक्षा भी जरूरी है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि एक मजबूत भारत के लिए सभी नागरिकों को बराबरी और सुरक्षा की भावना अनुभव करनी होगी।
सुरक्षा और विदेश नीति
प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य पर भी ध्यान दिलाते हुए कहा कि भारत ने हमेशा अपने मित्र देशों के साथ सहयोग और शांति की नीति अपनाई है, लेकिन जो भी देश भारत की सार्वभौमिकता और अखंडता को चुनौती देगा, उसका सामना हमारी सशक्त सेना और जनता करेगी।
युवाओं को संदेश
पीएम मोदी ने युवाओं से कहा कि वे केवल शिक्षा और रोजगार में ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सेवा और जागरूकता में भी आगे आएं। उन्होंने कहा कि देश की ताकत युवाओं की प्रतिबद्धता और सक्रियता में निहित है।
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