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NEET PG 2025: काउंसलिंग शेड्यूल पर सस्पेंस बरकरार, आंसर-की जारी होने में देरी बन रही बड़ी वजह

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मेडिकल स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों (MD/MS) में प्रवेश के लिए आयोजित NEET PG 2025 परीक्षा के परिणाम घोषित होने के बावजूद, काउंसलिंग शेड्यूल को लेकर अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। इसको लेकर परीक्षार्थियों और अभिभावकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। माना जा रहा है कि इस बार पहली बार जारी की गई आंसर-की भी देरी की एक प्रमुख वजह है।

कब आएगा काउंसलिंग शेड्यूल?

हर वर्ष की तरह, इस बार भी NEET PG परीक्षा का आयोजन राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE) द्वारा किया गया। परीक्षा तो समय पर हो गई, परिणाम भी घोषित हो चुके हैं, लेकिन अब तक मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) द्वारा ऑल इंडिया काउंसलिंग शेड्यूल जारी नहीं किया गया है।

सूत्रों के अनुसार, MCC काउंसलिंग शेड्यूल की घोषणा तब तक नहीं करेगी जब तक आंसर-की से जुड़ी आपत्तियों की पूरी तरह से जांच और समाधान नहीं हो जाता।

पहली बार जारी हुई थी प्रोविजनल आंसर-की

NEET PG 2025 में एक बड़ा बदलाव यह हुआ कि पहली बार परीक्षा के बाद प्रोविजनल आंसर-की जारी की गई। इससे पहले NEET PG परीक्षा में आंसर-की जारी करने की प्रथा नहीं थी। हालांकि, यह कदम पारदर्शिता के लिहाज से सराहनीय माना गया, लेकिन इसके चलते छात्रों द्वारा बड़ी संख्या में आपत्तियां दर्ज कराई गई हैं।

NBE के अनुसार, हजारों की संख्या में छात्रों ने विभिन्न प्रश्नों पर आपत्ति दर्ज कराई, जिनकी समीक्षा में समय लग रहा है। विशेषज्ञों की टीम द्वारा इन आपत्तियों की जांच की जा रही है, जिससे अंतिम परिणाम और रैंकिंग में भी कुछ बदलाव संभव हैं।

काउंसलिंग में होगा चार राउंड का प्रोसेस

NEET PG काउंसलिंग आमतौर पर चार चरणों में होती है:

राउंड 1 काउंसलिंग

राउंड 2 काउंसलिंग

मॉप-अप राउंड

Stray Vacancy राउंड

काउंसलिंग के माध्यम से ऑल इंडिया कोटा (AIQ), डेम्ड यूनिवर्सिटीज, सेंट्रल यूनिवर्सिटीज, और AFMS सीटों पर प्रवेश होता है। राज्य स्तर पर भी अलग-अलग काउंसलिंग एजेंसियां शेड्यूल जारी करती हैं।

छात्रों में बढ़ रही चिंता

काउंसलिंग में देरी से छात्रों में बेचैनी और असमंजस की स्थिति है। NEET PG में सफलता प्राप्त करने वाले कई छात्रों ने सोशल मीडिया पर MCC और स्वास्थ्य मंत्रालय से तत्काल काउंसलिंग शेड्यूल जारी करने की मांग की है।

छात्रों का कहना है कि उन्हें अब अगली प्रक्रिया — जैसे डाक्यूमेंट वेरिफिकेशन, कॉलेज चॉइस फिलिंग, और ट्रैवल प्लानिंग — के लिए तैयार रहना है, लेकिन शेड्यूल न होने से वे मानसिक तनाव में हैं।

विशेषज्ञों की राय

शैक्षिक विशेषज्ञों का मानना है कि आंसर-की की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना अच्छा कदम है, लेकिन इसके चलते समय-सीमा पर असर पड़ा है। उनका मानना है कि MCC को यह स्पष्ट करना चाहिए कि काउंसलिंग प्रक्रिया कब से शुरू होगी और छात्रों को आगे की रणनीति तय करने का मौका दिया जाना चाहिए।

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