दुनियाभर में जहां एक तरफ इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों की डिमांड बढ़ रही है, वहीं परफॉर्मेंस चाहने वालों के लिए पेट्रोल और डीजल कारें बेहतर विकल्प के रूप में होती हैं। भारतीय बाजार में टाटा मोटर्स, महिंद्रा, हुंडई, किआ और टोयोटा समेत लग्जरी कंपनियों की डीजल कारों की बंपर बिक्री होती है। ऐसे में अक्सर लोगों के सवाल होते हैं कि पेट्रोल कारों के मुकाबले डीजल कारों के बेहतर होने की क्या खास वजहें है और स्पेशली जब माइलेज की बात आती है तो। आपके मन में भी अगर यह सवाल कौंध रहा है तो आइए आज इनके जवाब जानते हैं।दरअसल, डीजल गाड़ियों के पेट्रोल कारों से बेहतर माइलेज की कई वजहें हैं। ये इंजन के काम करने के तरीके और उसके डिजाइन के साथ ही फ्यूल स्ट्रक्चर से जुड़े होते हैं। डीजल में ज्यादा एनर्जी होती है, इंजन ज्यादा दबाव से काम करता है और गियर रेश्यो भी पेट्रोल कारों से अलग होता है। इन सब वजहों से डीजल गाड़ियां कम ईंधन में ज्यादा दूरी तय कर पाती हैं। ऐसे में आप अगर लंबी दूरी की यात्रा करते हैं और फ्यूल कंजप्शन को लेकर परेशान रहते हैं तो डीजल गाड़ी आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकती है। डीजल कारों में ज्यादा एनर्जीअब विस्तार से चर्चा करें कि पेट्रोल कारों के मुकाबले डीजल कारों की माइलेज बेहतर क्यों होती हैं तो आपको बता दें कि डीजल में पेट्रोल से ज्यादा एनर्जी होती है, यानी आप अगर समान मात्रा में डीजल और पेट्रोल जलाते हैं तो डीजल ज्यादा गर्मी और पावर पैदा करेगा। दरअसल, डीजल में कार्बन अणुओं की लंबी श्रृंखला होती है, जिस वजह से इसकी एनर्जी डेंसिटी लगभग 45.3 MJ/kg होती है। वहीं, पेट्रोल का ऊर्जा घनत्व लगभग 42.4 MJ/kg होता है। ज्यादा एनर्जी होने के कारण डीजल इंजन समान दूरी तय करने के लिए कम ईंधन का इस्तेमाल करते हैं।
यह वजह जानना जरूरीआपको बता दें कि डीजल इंजन कंप्रेशन इग्निशन के सिद्धांत पर काम करते हैं। इसका मतलब है कि इनमें केवल हवा को सिलिंडर में खींचा जाता है, फिर उसे बहुत ज्यादा दबाव (आमतौर पर 15:1 से 23:1 के बीच) में दबाया जाता है। हाई प्रेशर के कारण हवा का तापमान बहुत बढ़ जाता है। ऐसे में जब इस गर्म हवा में डीजल का महीन स्प्रे डाला जाता है तो वह तुरंत जल उठता है। वहीं, पेट्रोल इंजन स्पार्क इग्निशन के सिद्धांत पर काम करते हैं। इनमें हवा और पेट्रोल के मिश्रण को सिलिंडर में खींचा जाता है, फिर उसे कम दबाव (आमतौर पर 8:1 से 12:1 के बीच) में दबाया जाता है, जिसके बाद स्पार्क प्लग की मदद से उसे जलाया जाता है। कम आरपीएम पर ज्यादा टॉर्कडीजल इंजन पेट्रोल इंजन के मुकाबले कम RPM पर ज्यादा टॉर्क पैदा करते हैं, जिससे इंजन पर कम दबाव पड़ता है और ईंधन की खपत कम होती है। शहरों में कम स्पीड पर चलाने और भारी सामान उठाने के लिए डीजल इंजन ज्यादा बेहतर होते हैं। डीजल कारों में अक्सर पेट्रोल कारों की तुलना में लंबे गियर रेश्यो होते हैं, जिसका मतलब है कि एक निश्चित स्पीड पर डीजल इंजन पेट्रोल इंजन की तुलना में कम आरपीएस पर काम करता है। ऑयल स्ट्रक्चर भी अहमयहां एक और जरूरी बात यह है कि डीजल एक तैलीय पदार्थ होता है। यह इंजन के कुछ हिस्सों को चिकना करने में भी मदद करता है, जिससे घर्षण कम होता है और इंजन की एफिसिएंसी बढ़ती है। वहीं, पेट्रोल एक डिटर्जेंट की तरह काम करता है और इंजन के हिस्सों से तेल को धो सकता है, जिससे घर्षण बढ़ सकता है। इन सभी कारणों से डीजल गाड़ियां आमतौर पर पेट्रोल कारों की तुलना में बेहतर माइलेज देती हैं।
You may also like
New TCS Rules in Effect from April 22: 20% Tax Without PAN on Luxury Purchases Above ₹10 Lakh
पहलगाम हमला: मोदी सरकार की कश्मीर नीति पर उठते सवालों के बीच क्या कह रहे हैं जानकार
कार में AC की कुलिंग कम या ज्यादा करने पर क्या माइलेज घटती या बढ़ती है, जान लें जरूरी बातें
वनप्लस के इन न्यू स्मार्टफोन पर मिल रहे हैं शानदार ऑफर्स और किफयती नो कॉस्ट ईएमआई, अमेजन डील्स में कई मॉडल्स हैं उपलब्ध
जम्मू कश्मीर: LoC पर पूरी रात फायरिंग जारी, भारत का पाकिस्तान को करारा जवाब