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JNU Election Result 2025: एबीवीपी ने JNU छात्रसंघ चुनाव में रचा इतिहास, काउंसलर की 42 में से 23 सीटों पर जीत हासिल की

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नई दिल्ली: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रसंघ चुनाव 2025 में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए वामपंथ के गढ़ में भगवा लहराया है। एबीवीपी ने न केवल 42 काउंसलर सीटों में से 23 पर कब्जा जमाया, बल्कि केंद्रीय पैनल के अध्यक्ष पद पर भी उनके प्रत्याशी शिखा स्वराज बढ़त बनाए हुए हैं। यह जीत जेएनयू की छात्र राजनीति में एक बड़े बदलाव का संकेत दे रही है। अध्यक्ष पद की रेस में कौन आगे? JNUSU उपाध्यक्ष चुनाव के रिजल्ट जनरल सेक्रेटरी पद की रेस में कौन आगे? संयुक्त सचिव चुनाव के नतीजे कहां कितनी सीट जीती ABVP?एबीवीपी ने विश्वविद्यालय के 16 स्कूलों और संयुक्त केंद्रों में शानदार प्रदर्शन किया। संगठन का दावा है कि उनकी यह जीत किसी भी अन्य छात्र संगठन की तुलना में सर्वाधिक है। देखिए कहां ABVO की कितनी सीट
  • स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज: 5 में से 2 सीटें
  • स्कूल ऑफ सोशल साइंस: 5 में से 2 सीटें
  • स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी: 2 में से 1 सीट
  • स्पेशल सेंटर फॉर मॉलिक्यूलर मेडिसिन: 1 में से 1 सीट
  • स्कूल ऑफ कम्प्यूटेशनल एंड इंटीग्रेटिव साइंस: 2 में से 1 सीट
  • स्कूल ऑफ कंप्यूटर एंड सिस्टम साइंस: 3 में से 2 सीटें
  • स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग: 4 में से 4 सीटें
  • स्पेशल सेंटर फॉर नैनोसाइंस: 1 में से 1 सीट
  • स्कूल ऑफ संस्कृत एंड इंडिक स्टडीज: 3 में से 3 सीटें
  • अमलगमेटेड सेंटर: 2 में से 2 सीटें
  • स्कूल ऑफ एनवायर्नमेंटल साइंस: 2 में से 1 सीट
  • अटल बिहारी वाजपेयी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड एंटरप्रेन्योरशिप: 1 में से 1 सीट
  • स्कूल ऑफ फिजिकल साइंस: 3 में से 2 सीटें
ABVP बोली- ये ऐतिहासिक जीतविद्यार्थी परिषद का कहना है कि यह एक ऐतिहासिक जीत है और यह चुनाव लड़ रहे किसी भी अन्य छात्र संगठन की तुलना में सर्वाधिक भी है। जेएनयू के विभिन्न स्कूलों और केंद्रों में एबीवीपी के प्रदर्शन की बात करें तो स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में 5 काउंसलर पदों में से 2 सीटों पर विद्यार्थी परिषद की विजय हुई है। स्कूल ऑफ सोशल साइंस की 5 काउंसलर सीटों में से 2 सीटों पर विद्यार्थी परिषद ने जीत दर्ज की है। वामपंथ का गढ़ भेदाविद्यार्थी परिषद के मुताबिक इस चुनाव में उन्होंने दो ऐतिहासिक सफलताएं अर्जित की हैं। पहली सफलता स्कूल ऑफ सोशल साइंस में मिली है। इसे जेएनयू में वामपंथ का गढ़ माना जाता रहा है, यहां 'अभाविप' ने 25 वर्षों बाद दो सीटों पर विजय प्राप्त कर एक ऐतिहासिक बदलाव का संकेत दिया है। इसी प्रकार दूसरी सफलता स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में मिली है। यह केंद्र भी लंबे समय से वामपंथी प्रभाव का प्रमुख केंद्र रहा है। हालांकि इस बार हुए छात्रसंघ चुनाव में यहां भी एबीवीपी ने दो सीटों पर विजय हासिल कर नई राजनीतिक धारा को स्थापित किया है।
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