लीड्स: भारतीय क्रिकेट टीम का सामना इंग्लैंड से लीड्स में 5 मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में हो रहा है। इस मैच में पहले दिन टीम इंडिया के लिए यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल ने कमाल के शतक बनाए। इन दोनों बल्लेबाजों के दम पर भारतीय टीम ने 359 रन का स्कोर बोर्ड पर लगाया। गिल इस सीरीज में पहली बार टीम इंडिया की कप्तानी कर रहे हैं। बहुत से क्रिकेट फैंस और दिग्गज उन्हें कप्तानी मिलने पर खुश नहीं थे। जिनमें से एक संजय मांजरेकर भी थे।
संजय मांजरेकर ने दिया बड़ा बयानपूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि वह शुभमन गिल को भारत का टेस्ट कप्तान बनाने के विचार के खिलाफ थे। मांजरेकर ने साफ कहा कि जसप्रीत बुमराह बेहतर विकल्प थे। ऐसा उन्होंने बुमराह के दुनिया भर में प्रदर्शन को देखते हुए कहा। मांजरेकर की यह टिप्पणी तब आई जब गिल, विजय हजारे, सुनील गावस्कर और विराट कोहली के बाद कप्तानी में डेब्यू करते हुए शतक लगाने वाले चौथे भारतीय बने।
कप्तान बनने के खिलाफ थे मांजरेकरगिल इंग्लैंड के खिलाफ पहले दिन 127 रन पर नाबाद रहे। मांजरेकर ने कहा कि वह इसके खिलाफ थे। उन्होंने सोचा था कि बुमराह बेहतर विकल्प होते। उन्होंने भविष्य के बारे में ज्यादा नहीं सोचा था। इसलिए उन्हें नहीं लगता कि यह सही फैसला था। बुमराह ने बीसीसीआई को बताया था कि उनका शरीर टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया की कप्तानी करने की इजाजत नहीं देगा। सेलेक्टर्स ने सोचा कि गिल भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने के लिए सबसे अच्छे विकल्प हैं। मांजरेकर ने कहा कि क्या शुभमन गिल कप्तान के तौर पर फेल हो जाते? नहीं। उन्होंने अपनी बात समझाते हुए यह बात कही।
संजय मांजरेकर ने शुभमन गिल को टेस्ट कप्तान बनाने के फैसले पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि वह इस फैसले से सहमत नहीं थे। उनके अनुसार, जसप्रीत बुमराह इस पद के लिए बेहतर विकल्प थे। गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ एंडरसन ट्रॉफी में कप्तानी करते हुए शतक बनाया। वह ऐसा करने वाले चौथे भारतीय बल्लेबाज बने। मांजरेकर ने एक इंटरव्यू में कहा, 'मैं इसके खिलाफ था। सच कहूं तो मुझे लगा था कि बुमराह बेहतर विकल्प होते। मैंने भविष्य के बारे में ज्यादा नहीं सोचा था। इसलिए मुझे नहीं लगता कि यह सही फैसला था।'
गिल ने किया पहले ही दिन कमालमांजरेकर ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं लगता कि गिल कप्तान के तौर पर फेल होते। उन्होंने कहा, 'हमें पता था कि वह कप्तान बनने के दबाव को अपने खेल पर हावी नहीं होने देंगे। लेकिन हमें यह भी पता था कि उन्हें विदेशी परिस्थितियों में खेलने का ज्यादा अनुभव नहीं है।' गिल का विदेशी टेस्ट मैचों में औसत 27 का है। यह किसी भी बल्लेबाज के लिए बहुत कम है। लेकिन टीम मैनेजमेंट को उनकी क्षमता पर पूरा भरोसा था। मांजरेकर ने कहा कि गिल ने हेडिंग्ले में शतक लगाकर अपने आलोचकों को गलत साबित कर दिया।
संजय मांजरेकर ने दिया बड़ा बयानपूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि वह शुभमन गिल को भारत का टेस्ट कप्तान बनाने के विचार के खिलाफ थे। मांजरेकर ने साफ कहा कि जसप्रीत बुमराह बेहतर विकल्प थे। ऐसा उन्होंने बुमराह के दुनिया भर में प्रदर्शन को देखते हुए कहा। मांजरेकर की यह टिप्पणी तब आई जब गिल, विजय हजारे, सुनील गावस्कर और विराट कोहली के बाद कप्तानी में डेब्यू करते हुए शतक लगाने वाले चौथे भारतीय बने।
कप्तान बनने के खिलाफ थे मांजरेकरगिल इंग्लैंड के खिलाफ पहले दिन 127 रन पर नाबाद रहे। मांजरेकर ने कहा कि वह इसके खिलाफ थे। उन्होंने सोचा था कि बुमराह बेहतर विकल्प होते। उन्होंने भविष्य के बारे में ज्यादा नहीं सोचा था। इसलिए उन्हें नहीं लगता कि यह सही फैसला था। बुमराह ने बीसीसीआई को बताया था कि उनका शरीर टेस्ट क्रिकेट में टीम इंडिया की कप्तानी करने की इजाजत नहीं देगा। सेलेक्टर्स ने सोचा कि गिल भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने के लिए सबसे अच्छे विकल्प हैं। मांजरेकर ने कहा कि क्या शुभमन गिल कप्तान के तौर पर फेल हो जाते? नहीं। उन्होंने अपनी बात समझाते हुए यह बात कही।
संजय मांजरेकर ने शुभमन गिल को टेस्ट कप्तान बनाने के फैसले पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि वह इस फैसले से सहमत नहीं थे। उनके अनुसार, जसप्रीत बुमराह इस पद के लिए बेहतर विकल्प थे। गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ एंडरसन ट्रॉफी में कप्तानी करते हुए शतक बनाया। वह ऐसा करने वाले चौथे भारतीय बल्लेबाज बने। मांजरेकर ने एक इंटरव्यू में कहा, 'मैं इसके खिलाफ था। सच कहूं तो मुझे लगा था कि बुमराह बेहतर विकल्प होते। मैंने भविष्य के बारे में ज्यादा नहीं सोचा था। इसलिए मुझे नहीं लगता कि यह सही फैसला था।'
गिल ने किया पहले ही दिन कमालमांजरेकर ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं लगता कि गिल कप्तान के तौर पर फेल होते। उन्होंने कहा, 'हमें पता था कि वह कप्तान बनने के दबाव को अपने खेल पर हावी नहीं होने देंगे। लेकिन हमें यह भी पता था कि उन्हें विदेशी परिस्थितियों में खेलने का ज्यादा अनुभव नहीं है।' गिल का विदेशी टेस्ट मैचों में औसत 27 का है। यह किसी भी बल्लेबाज के लिए बहुत कम है। लेकिन टीम मैनेजमेंट को उनकी क्षमता पर पूरा भरोसा था। मांजरेकर ने कहा कि गिल ने हेडिंग्ले में शतक लगाकर अपने आलोचकों को गलत साबित कर दिया।