पूर्वी चंपारण: बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के भीतर टिकट बंटवारे में हुई देरी का खामियाजा अब प्रत्याशियों को भुगतना पड़ रहा है। मोतिहारी से सटे सुगौली विधानसभा क्षेत्र में नामांकन समीक्षा के दौरान बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम सामने आया, जहाँ विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रत्याशी और राजद के मौजूदा विधायक शशि भूषण सिंह का नामांकन रद्द कर दिया गया है। कागजात की जांच में तकनीकी गड़बड़ी पाए जाने पर यह कार्रवाई की गई, जिससे इस सीट का राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल गया है।
शपथ पत्र बने कारण
सदर एसडीओ सह निर्वाचन पदाधिकारी श्वेता भारती ने बताया कि वीआईपी जैसी निबंधित लेकिन अमान्य दल के प्रत्याशी होने के कारण शशि भूषण सिंह को नामांकन के लिए 10 प्रस्तावकों की आवश्यकता थी, लेकिन वह केवल एक प्रस्तावक के साथ नामांकन दाखिल करने चले गए थे। प्रस्तावकों की संख्या अधूरी पाए जाने के आधार पर उनका नामांकन रद्द कर दिया गया। इतना ही नहीं, सुगौली सीट से राजद के बागी उम्मीदवार ओमप्रकाश चौधरी का नामांकन भी रद्द हो गया। उन पर आरोप है कि उन्होंने नामांकन पत्र में कई आवश्यक पृष्ठ खाली छोड़ दिए थे।
एनडीए की राह आसान
नामांकन रद्द होने वाले अन्य प्रत्याशियों में सदरे आलम, कृष्ण मोहन झा और गयासुद्दीन भी शामिल हैं। शशि भूषण सिंह का नामांकन रद्द होने से महागठबंधन खेमे में निराशा का माहौल है, जबकि एनडीए समर्थित लोजपा (रामविलास) के प्रत्याशी राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता के लिए मुकाबला आसान माना जा रहा है। अब सुगौली विधानसभा में मुख्य मुकाबला बबलू गुप्ता और जन सुराज पार्टी के अजय झा के बीच सिमट गया है।
पिछले चुनाव का आंकड़ा
पिछले चुनाव में राजद प्रत्याशी शशि भूषण सिंह ने 65,267 वोट लेकर वीआईपी पार्टी के रामचंद्र सहनी को 3,447 वोटों से हराया था। इस बार खुद शशि भूषण सिंह का नामांकन रद्द हो जाने से यह सीट राजनीतिक पंडितों के लिए चर्चा का केंद्र बन गई है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि बिहार की राजनीति में समीकरण कभी भी बदल सकते हैं, लेकिन अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि वीआईपी पार्टी आगे किसका समर्थन करती है। यह घटनाक्रम आगामी मतदान से पहले चुनावी रणभूमि में एक नया मोड़ लेकर आया है।
शपथ पत्र बने कारण
सदर एसडीओ सह निर्वाचन पदाधिकारी श्वेता भारती ने बताया कि वीआईपी जैसी निबंधित लेकिन अमान्य दल के प्रत्याशी होने के कारण शशि भूषण सिंह को नामांकन के लिए 10 प्रस्तावकों की आवश्यकता थी, लेकिन वह केवल एक प्रस्तावक के साथ नामांकन दाखिल करने चले गए थे। प्रस्तावकों की संख्या अधूरी पाए जाने के आधार पर उनका नामांकन रद्द कर दिया गया। इतना ही नहीं, सुगौली सीट से राजद के बागी उम्मीदवार ओमप्रकाश चौधरी का नामांकन भी रद्द हो गया। उन पर आरोप है कि उन्होंने नामांकन पत्र में कई आवश्यक पृष्ठ खाली छोड़ दिए थे।
एनडीए की राह आसान
नामांकन रद्द होने वाले अन्य प्रत्याशियों में सदरे आलम, कृष्ण मोहन झा और गयासुद्दीन भी शामिल हैं। शशि भूषण सिंह का नामांकन रद्द होने से महागठबंधन खेमे में निराशा का माहौल है, जबकि एनडीए समर्थित लोजपा (रामविलास) के प्रत्याशी राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता के लिए मुकाबला आसान माना जा रहा है। अब सुगौली विधानसभा में मुख्य मुकाबला बबलू गुप्ता और जन सुराज पार्टी के अजय झा के बीच सिमट गया है।
पिछले चुनाव का आंकड़ा
पिछले चुनाव में राजद प्रत्याशी शशि भूषण सिंह ने 65,267 वोट लेकर वीआईपी पार्टी के रामचंद्र सहनी को 3,447 वोटों से हराया था। इस बार खुद शशि भूषण सिंह का नामांकन रद्द हो जाने से यह सीट राजनीतिक पंडितों के लिए चर्चा का केंद्र बन गई है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि बिहार की राजनीति में समीकरण कभी भी बदल सकते हैं, लेकिन अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि वीआईपी पार्टी आगे किसका समर्थन करती है। यह घटनाक्रम आगामी मतदान से पहले चुनावी रणभूमि में एक नया मोड़ लेकर आया है।
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