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Times Special: चांदनी चौक में अवैध निर्माण, ऊंची छतें बनी बड़ा खतरा, जानें क्यों है चुनौती

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नई दिल्ली: चांदनी चौक और पुरानी दिल्ली में अवैध निर्माण एक बड़ी समस्या बन गया है। पहले से ही गलियां बहुत तंग हैं। ऊपर से अवैध निर्माण के कारण और भी ज्यादा भीड़ हो रही है। लोग नियमों को तोड़कर इमारतों को कई मंजिला बना रहे हैं। इससे इलाके की व्यवस्था बिगड़ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने 18 जुलाई को इस मामले पर ध्यान दिया और अवैध निर्माणों को सील करने और नियमों का उल्लंघन करने वालों को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। कोर्ट ने देश के विरासत क्षेत्र को अवैध निर्माणों से बचाने में नाकाम रहने पर नगर निगम के अधिकारियों को फटकार लगाई। नगर निगम अभी कोर्ट के आदेश का आकलन कर रहा है और उसने अभी तक कोई और कदम नहीं उठाया है।



दिल्ली के मास्टर प्लान (MPD) 2021 के अनुसार, MCD को योजना की 2007 की अधिसूचना के तीन साल के भीतर पुरानी दिल्ली के लिए एक पुनर्विकास योजना बनानी थी। लेकिन, MPD 21 को दिल्ली सरकार को 2018-19 में पेश किया गया। तब से, कोई प्रगति नहीं हुई है और न ही पुनर्विकास की कोई सूचना दी गई है।



'आधुनिक जरूरतों के हिसाब से नहीं...'एक सरकारी अधिकारी ने कहा, पुरानी दिल्ली की गलियां बहुत पहले बनी थीं और अब वे आधुनिक जरूरतों के हिसाब से नहीं हैं। शहरी विकास मंत्री आशीष सूद से जब पुनर्विकास योजना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि MPD 21 में ही विशेष क्षेत्र के लिए विवरण और विशेषताएं दी गई हैं। उन्होंने कहा, 'हमें यह जांचने की जरूरत है कि MCD द्वारा प्रस्तुत पुनर्विकास योजना में क्या अतिरिक्त चीजें दी गई हैं और वे उद्देश्य को कैसे पूरा करेंगी।' यानी, सरकार अभी भी यह तय करने की कोशिश कर रही है कि पुरानी दिल्ली का पुनर्विकास कैसे किया जाए।



पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीस्थानीय निवासियों के अनुसार, योजना की अधिसूचना में देरी के कारण क्षेत्र के हालात बिगड़ रहे हैं। उनका कहना है कि पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। खारी बावली के केमिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और स्थानीय निवासी प्रदीप गुप्ता के अनुसार, बीते 30 दशकों में इलाके के 50% से अधिक मतदाता यहां से चले गए हैं। उन्होंने कहा, 'यह जगह एक पिंजरे में बदल रही है, प्रत्येक लेन के प्रवेश द्वार पर लगे खंभों के कारण आपातकालीन सेवाओं तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है।



कई कानूनी विवादों में फंसी प्रापर्टीजगुप्ता ने कहा कि सामान्य भवन नियमों को इस जगह पर लागू नहीं किया जा सकता क्योंकि यह शहर के अन्य हिस्सों से बहुत अलग है। उन्होंने कहा, 'लोगों ने शुरू में अपनी संपत्तियों का पुनर्निर्माण करने की कुछ कोशिश की, लेकिन जब उन्होंने पाया कि सरकार का क्षेत्र का पुनर्विकास करने का कोई इरादा नहीं है, तो वे चले गए। साथ ही, यहां की संपत्तियां कई कानूनी विवादों में फंसी हुई हैं।'



पुरानी इमारतों की मरम्मत बहुत मुश्किलचांदनी चौक के रंग महल इलाके के निवासी और वाल्ड सिटी रेजिडेंट्स वेलफेयर फेडरेशन के अध्यक्ष धीरज दुबे ने बताया कि कैसे उनका परिवार अपनी 200 साल पुरानी हवेली का रेनोवेशन करने में असफल रहे। उन्होंने कहा, 'पुरानी इमारतों की मरम्मत करना बहुत मुश्किल है, क्योंकि इसके लिए कई तरह की अनुमति लेनी पड़ती है और पुराने तरीके से ही काम करना होता है।'



सांसद ने क्या कहा? चांदनी चौक के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने इलाके में अवैध निर्माण की समस्या को स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि MCD इलाके का सर्वे करे और यह पता लगाए कि कौन सी इमारतें कानूनी हैं और कौन सी अवैध। साथ ही, वे जरूरतमंद लोगों के लिए एक योजना शुरू करने की बात भी कर रहे हैं।



अधिकारियों की मिलीभगत का आरोपचांदनी चौक के तीसरी पीढ़ी के निवासी विशाल पांडे ने दावा किया कि कुछ लोग गलत तरीके से मरम्मत की अनुमति लेकर नई इमारतें बना रहे हैं और इसमें कुछ अधिकारियों की मिलीभगत भी है। कुछ लोग पुरानी इमारतों को गिराकर उनकी जगह नई इमारतें बना रहे हैं, जिससे आसपास की इमारतों को भी नुकसान हो रहा है।

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