दरअसल लैवेंडर खूबसूरत फूलों के अलावा अपनी तेज और मनमोहक खुशबू के लिए जाना जाता है, लेकिन यह खुशबू सांपों को बिल्कुल पसंद नहीं आती है। इसे पौधे को गमले में उगाना फायदेमंद साबित हो सकता है। अच्छी बात है कि इसे उगाना भी मुश्किल काम नहीं है। दूसरी बात ये, पौधा आपके घर को खूबसूरत दिखाने में भी मदद करता है इसके फूल बेहद ही अट्रैक्टिव लगते हैं।
सांपों को कैसे दूर रखता है ये पौधा?
दरअसल लैवेंडर में एक खास तरह का कंपाउंड होता है जिसकी तेज और तीखी गंध सांपों को असहज करती है। सांप अपनी सूंघने की शक्ति का उपयोग करके शिकार और खतरे का पता लगाते हैं। लेकिन लैवेंडर की तेज खुशबू उनकी इस क्षमता को बाधित करती है और उन्हें उस जगह से दूर रहने पर मजबूर करती है। यह पौधा देखने में भी सुंदर होता है और घर में पॉजिटिव एनर्जी लाता है।
कौनसी मिट्टी रहेगी बेस्ट

लैवेंडर को अच्छी जल निकासी वाली थोड़ी रेतीली और एल्कलाइन मिट्टी पसंद होती है। 50% सामान्य बगीचे की मिट्टी, 30% रेत और 20% कंपोस्ट या गोबर की खाद मिला लें। चाहें तो रेडीमेड कैक्टस या सकुलेंट पॉटिंग मिक्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि उनमें भी अच्छी जल निकासी होती है। मिट्टी का pH 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए है।
मिट्टी का सिलेक्शन
लैवेंडर को बीज या कटिंग दोनों ही तरीकों का इ्स्तेमाल कर आसानी से उगाया जा सकता है। भारतीय जलवायु में इसे कटिंग से उगाना ज्यादा आसान और प्रभावी होता है। लैवेंडर को अच्छी जल निकासी वाले गमले की जरूरत होती है। मिट्टी या टेराकोटा के गमले सबसे अच्छे होते हैं क्योंकि ये मिट्टी को सांस लेने देते हैं और एक्स्ट्रा नमी को सूखने देते हैं। कम से कम 8-12 इंच गहरा और चौड़ा गमला ले सकते हैं।
कटिंग से पौधा लगाने का तरीका
किसी हेल्दी लैवेंडर प्लांट से लगभग 4-6 इंच लंबी कटिंग लें। कटिंग के निचले हिस्से से पत्तियों को हटा दें, ताकि नीचे 2-3 नोड खाली रहें। कटिंग के निचले सिरे को रूटिंग हार्मोन पाउडर में डुबोने से जड़ें जल्दी निकलती हैं।
अब तैयार गमले की मिट्टी में उंगली से छेद करें और कटिंग को उसमें 1-2 इंच गहरा लगाएं। सुनिश्चित करें कि कम से कम एक नोड मिट्टी के नीचे हो। आप एक गमले में 2-3 कटिंग लगा सकते हैं। इसके बाद पानी डाल दें।
यूं करें देखभाल

- लैवेंडर को भरपूर धूप चाहिए होती है, इसे ऐसी जगह पर रखें जहां कम से कम 6-8 घंटे की सीधी धूप मिलती हो। धूप की कमी से पौधे में फूल कम आते हैं और गंध भी कम हो सकती है।
- लैवेंडर सूखे को सहन कर सकता है, इसलिए इसे ज्यादा पानी न दें। मिट्टी सूखने पर ही पानी दें, सर्दियों में पौधे को ओवरवॉटरिंग से बचाकर रखें।इससे जड़ें सड़ जाती हैं।
- जब पौधा थोड़ा बड़ा हो जाए, तो इसे घना बनाने और ज्यादा फूल पाने के लिए हल्की छंटाई करते रहें। सूखे हुए फूलों को हटाने से नए फूल आने में मदद मिलती है।
- लैवेंडर को बहुत ज्यादा खाद की जरूरत नहीं होती, साल में एक या दो बार हल्की जैविक खाद डालना काफी है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में किए गए दावे इंटरनेट पर मिली जानकारी पर आधारित हैं। एनबीटी इसकी सत्यता और सटीकता जिम्मेदारी नहीं लेता है।
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