अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती लगातार सक्रिय नजर आ रही हैं। बसपा इस बार बिहार में अकेले चुनाव लड़ने की रणनीति पर काम कर रही है, और पार्टी सुप्रीमो मायावती लगातार राज्य से जुड़े मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रियाएं देकर सियासी माहौल में उपस्थिति दर्ज करा रही हैं।
सोमवार को मायावती ने बिहार की नीतीश सरकार पर एक बार फिर तीखा हमला बोला है। उन्होंने राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस वादे को चुनावी जुमला बताया है, जिसमें उन्होंने चुनाव जीतने के बाद अगले 5 सालों में एक करोड़ लोगों को नौकरी और रोजगार देने की बात कही थी।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने बयान में कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था की बदहाल स्थिति की राष्ट्रीय चर्चाओं के बीच शायद लोगों का ध्यान भटकाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह घोषणा की है। यह वादा हकीकत से ज्यादा अच्छे दिन जैसे पुराने जुमलों जैसा लगता है। उन्होंने कहा कि जनता अब राजनीतिक दलों की चाल, चरित्र और चेहरे को अच्छी तरह से पहचानती है। हर चुनाव से पहले विरोधी दल जनता को बहकाने के लिए लोकलुभावने वादों की बौछार कर देते हैं, लेकिन इन वादों का हश्र क्या होता है, यह जनता पिछले कई सालों से खुद देख रही है।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि बिहार की मौजूदा एनडीए सरकार का रोजगार और नौकरी देने का वादा भी उन्हीं पुराने खोखले वादों की तरह है, जो केवल चुनावी मंचों तक सीमित रहते हैं और जमीन पर उनका कोई असर नहीं दिखता। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आगे कहा कि बिहार की जनता अब इन जुमलों से ऊब चुकी है और सोच-समझकर फैसला करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर चुनाव बाहुबल, धनबल और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से मुक्त रहेंगे और सभी गरीब, मजदूर और मेहनतकश लोगों को निष्पक्ष रूप से वोट देने का मौका मिलेगा, तो राज्य में एक सच्ची गरीब व सर्वजन हितैषी सरकार बनेगी।
वहीं एक्स पर पोस्ट करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने चुनाव आयोग से अपेक्षा जताई कि वह निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने में अपनी पूरी भूमिका निभाएगा, ताकि लोकतंत्र की साख बनी रहे और सभी मतदाता निर्भय होकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। फिलहाल बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती लगातार आक्रामक रणनीति अपनाए हुए हैं। उनके बयानों से साफ है कि बसपा इस बार न केवल चुनाव लड़ेगी, बल्कि खुद को एक मजबूत विकल्प के तौर पर पेश करने की तैयारी में है।
सोमवार को मायावती ने बिहार की नीतीश सरकार पर एक बार फिर तीखा हमला बोला है। उन्होंने राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस वादे को चुनावी जुमला बताया है, जिसमें उन्होंने चुनाव जीतने के बाद अगले 5 सालों में एक करोड़ लोगों को नौकरी और रोजगार देने की बात कही थी।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने बयान में कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था की बदहाल स्थिति की राष्ट्रीय चर्चाओं के बीच शायद लोगों का ध्यान भटकाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह घोषणा की है। यह वादा हकीकत से ज्यादा अच्छे दिन जैसे पुराने जुमलों जैसा लगता है। उन्होंने कहा कि जनता अब राजनीतिक दलों की चाल, चरित्र और चेहरे को अच्छी तरह से पहचानती है। हर चुनाव से पहले विरोधी दल जनता को बहकाने के लिए लोकलुभावने वादों की बौछार कर देते हैं, लेकिन इन वादों का हश्र क्या होता है, यह जनता पिछले कई सालों से खुद देख रही है।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि बिहार की मौजूदा एनडीए सरकार का रोजगार और नौकरी देने का वादा भी उन्हीं पुराने खोखले वादों की तरह है, जो केवल चुनावी मंचों तक सीमित रहते हैं और जमीन पर उनका कोई असर नहीं दिखता। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आगे कहा कि बिहार की जनता अब इन जुमलों से ऊब चुकी है और सोच-समझकर फैसला करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर चुनाव बाहुबल, धनबल और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से मुक्त रहेंगे और सभी गरीब, मजदूर और मेहनतकश लोगों को निष्पक्ष रूप से वोट देने का मौका मिलेगा, तो राज्य में एक सच्ची गरीब व सर्वजन हितैषी सरकार बनेगी।
वहीं एक्स पर पोस्ट करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने चुनाव आयोग से अपेक्षा जताई कि वह निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने में अपनी पूरी भूमिका निभाएगा, ताकि लोकतंत्र की साख बनी रहे और सभी मतदाता निर्भय होकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। फिलहाल बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती लगातार आक्रामक रणनीति अपनाए हुए हैं। उनके बयानों से साफ है कि बसपा इस बार न केवल चुनाव लड़ेगी, बल्कि खुद को एक मजबूत विकल्प के तौर पर पेश करने की तैयारी में है।
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