सिवानः पाकिस्तान के कायराना हमले में बिहार के सिवान जिले के वसिलपुर गांव के रहने वाले सेना के जवान रामबाबू कुमार शहीद हो गए हैं। सोमवार की देर शाम परिजनों को उनके शहादत की जानकारी मिली। इसके बाद से परिवार और गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी। बताया जा रहा है कि रामबाबू कश्मीर में तैनात थे और भारत के डिफेंस सिस्टम एस 400 को संचालित करते थे। बुधवार को गांव पहुंचेगा शहीद का शव शहीद रामबाबू कुमार का शव कश्मीर से विमान से दिल्ली लाया जाएगा। इसके बाद बुधवार की सुबह दिल्ली से शव आएगा। जहां से उनसे राजकीय सम्मान के साथ शहीद के गांव वासिलपुर ला कर अंतिम संस्कार किया जाएगा। मंगलवार को सुबह से ही रामबाबू कुमार के घर प्रशासनिक अधिकारियों, नेताओं और इलाके के लोगों का जमावड़ा लगा रहा। हर कोई रामबाबू कुमार के जज्बे को सलाम कर रहा था। पत्नी को अभी भी शहादत की जानकारी नहींशहीद रामबाबू के ससुर सुभाष चंद्र शर्मा ने बताया कि उनके दामाद भारत के डिफेंस सिस्टम एस 400 चलाते थे। पिछले महीने 10 अप्रैल को उन्होंने जम्मू कश्मीर में अपनी ड्यूटी ज्वाइन की थी। जबकि उनकी में थी। उन्होंने बताया कि सोमवार को दिन में करीब डेढ़ बजे फोन पर आर्मी हेडक्वार्टर से कॉल आया की गोली लगी हैं। उसके बाद सूचना मिली कि वे शहीद हो गए हैं। हालांकि रामबाबू की पत्नी अंजलि सिंह को अभी भी उनकी शहादत की जानकारी नहीं दी गई है। बताया जा रहा है कि गर्भवती हैं। उनके स्वास्थ्य को देखते हुए परिजन उनसे सारी बातें नहीं बता रहे हैं। घटना के कुछ देर पहले रामबाबू की पत्नी से हुई थी बातससुर ने बताया कि दामाद रामबाबू की सुबह अंजलि से बात हुई थी। उस समय वे बिल्कुल ठीक थे। उन्होंने अंजलि से अपना ख्याल रखने को कहा था। ससुर ने बताया कि रामबाबू की पोस्टिंग जोधपुर हो चुकी थी। लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच तनातनी को देखते हुए उन्हें कश्मीर में ही रोक लिया गया था। इस बीच सीजफायर का उल्लंघन करते हुए पाकिस्तानियों के गोलीबारी में जवान रामबाबू को गोली लग गई। जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां वे शहीद हो गए। दो साल पहले पिता का निधन, भाई हजारीबाग में हैं लोको पायलटशहीद जवान रामबाबू कुमार सिवान जिला के बड़हरिया प्रखंड के हरिहरपुर पंचायत के वसिलपुर गांव के निवासी हैं। उनके पिता रामविचार सिंह हरिहरपुर पंचायत के पूर्व उप मुखिया रह चुके हैं। दो साल पहले उनका निधन हो गया। वही उनके बड़े भाई अखलेश सिंह झारखंड हजारीबाग में लोगो पायलट के पद पर कार्यरत हैं। अखिलेश सिंह ने बताया कि रामबाबू वर्ष 2017 में सेना में भर्ती हुए थे। वे बचपन से ही सेना में जाना चाहते थे। 14 दिसम्बर 2024 को उनकी शादी धनबाद के सुभाष चंद्र की बेटे अंजलि से हुई थी। अंजलि एयरपोर्ट पर काम करती हैं।
You may also like
Jashpur News: पत्नी गांव की सरपंच, खुद डॉक्टर था, 22 साल पुराना भेद खुला तो शॉक्ड रह गए ग्रामीण, पहुंच गया जेल
ढाका में पाक उच्चायुक्त मारूफ के लापता होने का रहस्य, आखिर क्या हुआ?
भारत का नया टेस्ट कप्तान: शुभमन गिल की उम्मीदें बढ़ीं
कई साल बाद बना दुर्लभ सयोग, माँ काली की प्रतिज्ञा हुई पूरी अब इन राशियों पर बरसेगा बेशुमार धन
खाली पेट मीठी नीम यानी करी पत्ते चबाने के 5 गज़ब फायदे जो हर किसी को जानने चाहिए,एक्सपर्ट की सलाह