दरभंगा: बिहार के दरभंगा में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां एक बेटे ने अपने पिता के जीवित रहते हुए उनका मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा लिया। वह इस प्रमाण पत्र के आधार पर अनुकंपा पर नौकरी पाना चाहता था। लेकिन, सही समय पर इस फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया। डीएम कौशल कुमार ने इस मामले में FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। उन्होंने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र और अनुकंपा समिति की जांच रिपोर्ट की जांच के भी आदेश दिए हैं। इस फर्जी नियुक्ति में शामिल बेटे विकास कुमार यादव, उसकी मां शांति देवी और सभी दोषी कर्मचारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।
क्या है पूरा मामला
पथ प्रमंडल दरभंगा के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी विष्णु देव यादव को मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर मृत दिखाया गया। उनके बेटे विकास कुमार यादव ने इसी फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर अनुकंपा के आधार पर नौकरी की सिफारिश करवा ली। 30 मई को जिला अनुकंपा समिति की बैठक में इसे स्वीकृति भी दे दी गई थी। लेकिन, 24 जून को अनुकंपा समिति की बैठक में सच्चाई सामने आ गई। विष्णु देव यादव खुद जीवित अवस्था में उपस्थित हुए। उन्होंने समिति को बताया कि उनके पुत्र ने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी लेने का प्रयास किया है। इसके बाद विभाग सहित पूरे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। तत्काल विभाग ने इसकी जांच करते हुए सबसे पहले फर्जी नियुक्ति को रद्द कर दिया।
सभी आरोपियों पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश
वहीं, डीएम कौशल कुमार ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने नियुक्ति की सिफारिश को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि इस फर्जीवाड़े में शामिल सभी व्यक्तियों पर FIR दर्ज की जाए। उन्होंने विकास कुमार यादव, उनकी मां शांति देवी और अन्य पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
क्या है पूरा मामला
पथ प्रमंडल दरभंगा के चतुर्थवर्गीय कर्मचारी विष्णु देव यादव को मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर मृत दिखाया गया। उनके बेटे विकास कुमार यादव ने इसी फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र का इस्तेमाल कर अनुकंपा के आधार पर नौकरी की सिफारिश करवा ली। 30 मई को जिला अनुकंपा समिति की बैठक में इसे स्वीकृति भी दे दी गई थी। लेकिन, 24 जून को अनुकंपा समिति की बैठक में सच्चाई सामने आ गई। विष्णु देव यादव खुद जीवित अवस्था में उपस्थित हुए। उन्होंने समिति को बताया कि उनके पुत्र ने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर नौकरी लेने का प्रयास किया है। इसके बाद विभाग सहित पूरे प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। तत्काल विभाग ने इसकी जांच करते हुए सबसे पहले फर्जी नियुक्ति को रद्द कर दिया।
सभी आरोपियों पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश
वहीं, डीएम कौशल कुमार ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने नियुक्ति की सिफारिश को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि इस फर्जीवाड़े में शामिल सभी व्यक्तियों पर FIR दर्ज की जाए। उन्होंने विकास कुमार यादव, उनकी मां शांति देवी और अन्य पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
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