कृष्णा कुणाल सिंह, नई दिल्ली: जयपुर के एक गारमेंट्स और जूता कारोबारी का पहले अपहरण करने और फिर तीन लाख रुपये लेकर छोड़ने का मामला सामने आया है। अपहरण का आरोप दिल्ली के एक कारोबारी पर लगा है। पीड़ित कारोबारी ने छूटने के बाद दिल्ली पुलिस को मामले की सूचना दी। उनके बयान पर प्रीत विहार थाना पुलिस ने बीएनएस की धारा 115 (मारपीट), 140(3) 3(5) (हत्या के इरादे से अपहरण) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जूते के व्यापार को लेकर चल रही थी बातचीतपुलिस अधिकारी के मुताबिक 33 वर्षीय सुधांशु वरिंदानी अपने परिवार के साथ जयपुर राजस्थान में रहते हैं। वह गारमेंट्स और जूते का होलसेल व रिटेल का कारोबार करते हैं। उनका कहना है कि उनके एक परिचित के माध्यम से वह जूते के व्यापारी अतुल उर्फ मोंटी से मिले थे। अतुल नांगलोई दिल्ली का रहने वाला है। जूते के व्यापार को लेकर अतुल से उनकी बातचीत होती रहती थी। अतुल के कहने पर उनकी ईस्ट गुरु अंगद नगर स्थित चौधरी ट्रेडिंग कंपनी से 20 लाख रुपये के जूते की डील हुई थी। उन्होंने 28 अगस्त 2025 को डेढ़ लाख रुपये ऑनलाइन एडवांस भी भेज दिए। बाद में वह सैंपल देखने के लिए दिल्ली आए थे। उन्होंने माल की गिनती के लिए अपने स्टाफ को भेजा, लेकिन माल तैयार नहीं था। इस कारण उन्होंने डील कैंसल कर दी।
कारोबारी को दिल्ली बुलाकर किया अपहरणइसके बाद उन्होंने चौधरी ट्रेडिंग कंपनी के मालिक विजय देशवाल को फोन कर अपने एडवांस के पैसे मांगे। विजय देशवाल ने उन्हें दिल्ली बुलाया। वह 2 नवंबर को उसके बताए गए ऑफिस के पते पर पहुंचे। आरोप है कि वहां विजय देशवाल और अन्य पांच लोग मौजूद थे। उनके आते ही आरोपी उनसे मारपीट करने लगे। फिर एक सफेद रंग की कार में उन्हें बंधक बना कर हरियाणा के पलवल में ले गए और एक खेत में बने मकान में ले जाकर मारपीट शुरू की। यहां उन्होंने 20 लाख रुपये की मांग की। तब उन्होंने अपनी पत्नी को फोन कर 3 लाख रुपये मंगवाए। रुपये मिलने के बाद आरोपियों ने उन्हें छोड़ा। पीड़ित ने बताया कि उन्हें छोड़ने से पहले आरोपियों ने एक विडियो भी बनाया, जिसमें उनसे बयान दिलाया गया कि उनके साथ कुछ नहीं हुआ है और वह पुलिस को कुछ नहीं बताएंगे, लेकिन छूटने छूटने के बाद वह दिल्ली आए और पुलिस को सूचना दी।
जूते के व्यापार को लेकर चल रही थी बातचीतपुलिस अधिकारी के मुताबिक 33 वर्षीय सुधांशु वरिंदानी अपने परिवार के साथ जयपुर राजस्थान में रहते हैं। वह गारमेंट्स और जूते का होलसेल व रिटेल का कारोबार करते हैं। उनका कहना है कि उनके एक परिचित के माध्यम से वह जूते के व्यापारी अतुल उर्फ मोंटी से मिले थे। अतुल नांगलोई दिल्ली का रहने वाला है। जूते के व्यापार को लेकर अतुल से उनकी बातचीत होती रहती थी। अतुल के कहने पर उनकी ईस्ट गुरु अंगद नगर स्थित चौधरी ट्रेडिंग कंपनी से 20 लाख रुपये के जूते की डील हुई थी। उन्होंने 28 अगस्त 2025 को डेढ़ लाख रुपये ऑनलाइन एडवांस भी भेज दिए। बाद में वह सैंपल देखने के लिए दिल्ली आए थे। उन्होंने माल की गिनती के लिए अपने स्टाफ को भेजा, लेकिन माल तैयार नहीं था। इस कारण उन्होंने डील कैंसल कर दी।
कारोबारी को दिल्ली बुलाकर किया अपहरणइसके बाद उन्होंने चौधरी ट्रेडिंग कंपनी के मालिक विजय देशवाल को फोन कर अपने एडवांस के पैसे मांगे। विजय देशवाल ने उन्हें दिल्ली बुलाया। वह 2 नवंबर को उसके बताए गए ऑफिस के पते पर पहुंचे। आरोप है कि वहां विजय देशवाल और अन्य पांच लोग मौजूद थे। उनके आते ही आरोपी उनसे मारपीट करने लगे। फिर एक सफेद रंग की कार में उन्हें बंधक बना कर हरियाणा के पलवल में ले गए और एक खेत में बने मकान में ले जाकर मारपीट शुरू की। यहां उन्होंने 20 लाख रुपये की मांग की। तब उन्होंने अपनी पत्नी को फोन कर 3 लाख रुपये मंगवाए। रुपये मिलने के बाद आरोपियों ने उन्हें छोड़ा। पीड़ित ने बताया कि उन्हें छोड़ने से पहले आरोपियों ने एक विडियो भी बनाया, जिसमें उनसे बयान दिलाया गया कि उनके साथ कुछ नहीं हुआ है और वह पुलिस को कुछ नहीं बताएंगे, लेकिन छूटने छूटने के बाद वह दिल्ली आए और पुलिस को सूचना दी।
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