नई दिल्ली: कल सुबह जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर फरीदाबाद के फतेहपुर तागा गांव में डॉक्टर मुजम्मिल शकील द्वारा किराए पर लिए गए दो घरों पर छापेमारी के दौरान 2900 किलोग्राम आईईडी बनाने की सामग्री बरामद की थी। बावजूद इसके शाम को ही लाल किले पर ब्लास्ट हो गया। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि टेरर मॉड्यूल के ‘डॉक्टर्स ऑफ डेथ’ क्या इस हमले की पटकथा पहले ही लिख चुके थे, या फिर अपने साथियों की गिरफ्तारी होने के बाद बदला लेने के लिए इस ब्लास्ट की प्लानिंग की गई।
ऐसा इसलिए क्योंकि कार में सवार पुलवामा का डॉ उमर मोहम्मद भी इसी मॉड्यूल का हिस्सा बताया जा रहा है। हालांकि मामले पर अभी खुलकर कोई कुछ नहीं बोल रहा है। मगर जिस तरह पुलिस ने यूएपीए के तहत केस दर्ज किया है, इससे भी साफ है कि यह हमला एक आतंकी साजिश ही है। जितनी मात्रा में विस्फोटक सामान बरामद हुआ है, उससे साफ था कि इनकी साजिश कुछ बहुत बड़ा करने की थी।
फेल हो गई इंटेलिजेंसजिस तरह उमर ने कार को लाल किले की पार्किंग में घंटों खड़ा रखा और फिर लाल किले के सामने ही ब्लास्ट हो गया। ऐसे में वहां की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। क्योंकि सुबह ही फरीदाबाद में इतना विस्फोटक सामान बरामद हुआ था। बावजूद इसके बाद लाल किले पर सुरक्षा व्यवस्था का यह हाल था। रोज की तरह बाहर गाड़ियां खड़ी थीं। बाहर पटरी पर दुकानें लगी हुईं थीं।
अब सब हरकत में
ब्लास्ट के बाद तमाम सुरक्षा एजेंसियां मामले की जांच में लगी हैं। एनआईए से लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच की अलग-अलग यूनिट भी हर एंगल से मामले की तफ्तीश में जुटी हैं। उमर की दिल्ली में मदद करने वालों की भी पहचान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। फिलहाल चार से पांच संदिग्ध अलग-अलग जगह से हिरासत में लिए गए हैं। उनसे पूछताछ की जा रही है।
दिल्ली गेट, ITO चौराहे तक सुनी गई ब्लास्ट की आवाजलाल किले के पास कल शाम जब ब्लास्ट हुआ तो उसकी आवाज डेढ़ से दो किलोमीटर दूर तक सुनी गई। जी हां, दिल्ली गेट से लेकर आईटीओ चौक के पास मौजूद लोगों ने धमाके की आवाज को सुना। हालांकि शुरुआत में सभी को यह लगा था कि पास में किसी ने कोई पटाखा फोड़ा है। मगर कुछ समय बाद उन्हें पता चला कि लाल किले के पास ब्लास्ट हुआ है।
पहले सभी को लगा कि पास में किसी ने फोड़ा है पटाखा
दिल्ली गेट इलाके में मशहूर ब्रेड पकोड़े की दुकान चलाने वाले जतिन ने बताया, रोज की तरह मैं आज भी काम पर था। अचानक तेज धमाके की आवाज आई। नीचे जमीन में कंपन्न भी महसूस हुई। जिस पर मैंने अपने भाई से कहा कि बच्चे बड़े शैतान हो गए हैं, अभी तो ऐसा कुछ भी नहीं है जो इतनी धमाकेदार पटाखे फोड़ रहे हैं। इतना कहकर मैं अपने काम में लग गया। कुछ देर बाद एक ग्राहक दुकान पर आया, जिसने बताया कि लाल किले के पास कार में ब्लास्ट हो गया है, जिसमें सात-आठ सिलिंडर फट गए हैं। इसके बाद टीवी चैनल आदि पर भी ब्लास्ट की खबर देखी।
वहीं आईटीओ पर एक मीडिया हाउस में काम करने वाले शख्स ने बताया, जब धमाका हुआ तो मैं आईटीओ चौराहे के पास था। अचानक धमाके की आवाज आई तो ऐसा लगा कि किसी ने पटाखा फोड़ा है। क्योंकि आस-पास सब कुछ सामान्य था। मगर कुछ देर बाद फोन पर लाल किले पर कार में ब्लास्ट होने की सूचना मिली। जिससे साफ हुआ कि वो कोई पटाखा नहीं था, बल्कि उसी धमाके की आवाज थी। जब इतनी दूर तक धमाके की आवाज सुनाई दी तो इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां के हालात कैसे रहे होंगे।
ऐसा इसलिए क्योंकि कार में सवार पुलवामा का डॉ उमर मोहम्मद भी इसी मॉड्यूल का हिस्सा बताया जा रहा है। हालांकि मामले पर अभी खुलकर कोई कुछ नहीं बोल रहा है। मगर जिस तरह पुलिस ने यूएपीए के तहत केस दर्ज किया है, इससे भी साफ है कि यह हमला एक आतंकी साजिश ही है। जितनी मात्रा में विस्फोटक सामान बरामद हुआ है, उससे साफ था कि इनकी साजिश कुछ बहुत बड़ा करने की थी।
फेल हो गई इंटेलिजेंसजिस तरह उमर ने कार को लाल किले की पार्किंग में घंटों खड़ा रखा और फिर लाल किले के सामने ही ब्लास्ट हो गया। ऐसे में वहां की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। क्योंकि सुबह ही फरीदाबाद में इतना विस्फोटक सामान बरामद हुआ था। बावजूद इसके बाद लाल किले पर सुरक्षा व्यवस्था का यह हाल था। रोज की तरह बाहर गाड़ियां खड़ी थीं। बाहर पटरी पर दुकानें लगी हुईं थीं।
अब सब हरकत में
ब्लास्ट के बाद तमाम सुरक्षा एजेंसियां मामले की जांच में लगी हैं। एनआईए से लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच की अलग-अलग यूनिट भी हर एंगल से मामले की तफ्तीश में जुटी हैं। उमर की दिल्ली में मदद करने वालों की भी पहचान करने के प्रयास किए जा रहे हैं। फिलहाल चार से पांच संदिग्ध अलग-अलग जगह से हिरासत में लिए गए हैं। उनसे पूछताछ की जा रही है।
दिल्ली गेट, ITO चौराहे तक सुनी गई ब्लास्ट की आवाजलाल किले के पास कल शाम जब ब्लास्ट हुआ तो उसकी आवाज डेढ़ से दो किलोमीटर दूर तक सुनी गई। जी हां, दिल्ली गेट से लेकर आईटीओ चौक के पास मौजूद लोगों ने धमाके की आवाज को सुना। हालांकि शुरुआत में सभी को यह लगा था कि पास में किसी ने कोई पटाखा फोड़ा है। मगर कुछ समय बाद उन्हें पता चला कि लाल किले के पास ब्लास्ट हुआ है।
पहले सभी को लगा कि पास में किसी ने फोड़ा है पटाखा
दिल्ली गेट इलाके में मशहूर ब्रेड पकोड़े की दुकान चलाने वाले जतिन ने बताया, रोज की तरह मैं आज भी काम पर था। अचानक तेज धमाके की आवाज आई। नीचे जमीन में कंपन्न भी महसूस हुई। जिस पर मैंने अपने भाई से कहा कि बच्चे बड़े शैतान हो गए हैं, अभी तो ऐसा कुछ भी नहीं है जो इतनी धमाकेदार पटाखे फोड़ रहे हैं। इतना कहकर मैं अपने काम में लग गया। कुछ देर बाद एक ग्राहक दुकान पर आया, जिसने बताया कि लाल किले के पास कार में ब्लास्ट हो गया है, जिसमें सात-आठ सिलिंडर फट गए हैं। इसके बाद टीवी चैनल आदि पर भी ब्लास्ट की खबर देखी।
वहीं आईटीओ पर एक मीडिया हाउस में काम करने वाले शख्स ने बताया, जब धमाका हुआ तो मैं आईटीओ चौराहे के पास था। अचानक धमाके की आवाज आई तो ऐसा लगा कि किसी ने पटाखा फोड़ा है। क्योंकि आस-पास सब कुछ सामान्य था। मगर कुछ देर बाद फोन पर लाल किले पर कार में ब्लास्ट होने की सूचना मिली। जिससे साफ हुआ कि वो कोई पटाखा नहीं था, बल्कि उसी धमाके की आवाज थी। जब इतनी दूर तक धमाके की आवाज सुनाई दी तो इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां के हालात कैसे रहे होंगे।
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