पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान पटना जिले की मोकामा सीट 'खूनी' जंग की गवाह बनी। JDU प्रत्याशी अनंत सिंह और जन सुराज पार्टी के पीयूष प्रियदर्शी के काफिले के बीच टाल इलाके में भिड़ंत हुई। इस बवाल, फायरिंग और रोड़ेबाजी में दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई, जिसके बाद मोकामा में राजनीतिक तनाव अपने चरम पर है। पूर्व विधायक और JDU उम्मीदवार अनंत सिंह ने तुरंत राजद प्रत्याशी वीणा देवी के पति सूरजभान सिंह पर हत्याकांड में शामिल होने का आरोप लगाया। अब इस गंभीर आरोप पर सूरजभान सिंह ने अपना जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने आरोपों को राजनीतिकरण बताया और मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
सूरजभान ने दिया अनंत सिंह को जवाबमोकामा हत्याकांड के बाद अनंत सिंह ने सीधे तौर पर RJD नेता सूरजभान सिंह पर हत्या में कथित संलिप्तता का आरोप लगाया। इन आरोपों का जवाब देते हुए सूरजभान सिंह ने कहा, 'मैं अनंत सिंह की बातों का कोई जवाब नहीं दूंगा। बस इतना कहूंगा कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच हो और उसके बाद खुद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।' उन्होंने घटना को निंदनीय बताया और कहा कि ऐसी घटनाएं लोकतांत्रिक समाज में स्वीकार्य नहीं हैं।
अविश्वास और दहशत का माहौल बतायासूरजभान सिंह ने घटना के बाद चुनाव प्रक्रिया और इलेक्शन कमीशन पर विश्वास उठने की भावना व्यक्त की। उन्होंने सवाल उठाया कि जहां आदर्श आचार संहिता लागू है, वहां ऐसी हिंसक घटनाएं कैसे हो सकती हैं। उनके अनुसार, मोकामा के लोगों में घटना के बाद भय और दहशत फैली है। उन्होंने रिटायर्ड जजों की एक विशेष बेंच बनाने का सुझाव दिया, ताकि मामले की निष्पक्ष जांच हो और निर्दोष को कोई परेशानी न हो।
निष्पक्ष जांच ही अंतिम समाधान- सूरजभानसूरजभान सिंह ने स्पष्ट किया कि इस मामले को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। उन्होंने चुनाव आयोग और पुलिस प्रशासन से निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की। उन्होंने मीडिया से कहा कि वो इस मामले में और कोई बयान नहीं देंगे क्योंकि मुख्य जरूरत ये है कि जांच में राजनीति का दखल न हो।
सूरजभान ने दिया अनंत सिंह को जवाबमोकामा हत्याकांड के बाद अनंत सिंह ने सीधे तौर पर RJD नेता सूरजभान सिंह पर हत्या में कथित संलिप्तता का आरोप लगाया। इन आरोपों का जवाब देते हुए सूरजभान सिंह ने कहा, 'मैं अनंत सिंह की बातों का कोई जवाब नहीं दूंगा। बस इतना कहूंगा कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच हो और उसके बाद खुद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।' उन्होंने घटना को निंदनीय बताया और कहा कि ऐसी घटनाएं लोकतांत्रिक समाज में स्वीकार्य नहीं हैं।
अविश्वास और दहशत का माहौल बतायासूरजभान सिंह ने घटना के बाद चुनाव प्रक्रिया और इलेक्शन कमीशन पर विश्वास उठने की भावना व्यक्त की। उन्होंने सवाल उठाया कि जहां आदर्श आचार संहिता लागू है, वहां ऐसी हिंसक घटनाएं कैसे हो सकती हैं। उनके अनुसार, मोकामा के लोगों में घटना के बाद भय और दहशत फैली है। उन्होंने रिटायर्ड जजों की एक विशेष बेंच बनाने का सुझाव दिया, ताकि मामले की निष्पक्ष जांच हो और निर्दोष को कोई परेशानी न हो।
निष्पक्ष जांच ही अंतिम समाधान- सूरजभानसूरजभान सिंह ने स्पष्ट किया कि इस मामले को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। उन्होंने चुनाव आयोग और पुलिस प्रशासन से निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की। उन्होंने मीडिया से कहा कि वो इस मामले में और कोई बयान नहीं देंगे क्योंकि मुख्य जरूरत ये है कि जांच में राजनीति का दखल न हो।
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