सहरसा: बिहार के सहरसा जिले में सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र है। खगड़िया लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। सिमरी बख्तियारपुर और सलखुआ प्रखंडों के साथ-साथ महिषी प्रखंड के सात ग्राम पंचायत इसमें शामिल है। 2020 में ये सीट आरजेडी के खाते में चली गई थी। तब, चिराग पासवान का एनडीए से गठबंधन नहीं हो पाया था। आरजेडी को इसका फायदा मिला। 2025 बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान का एनडीए से एलायंस है और सिमरी बख्तियापुर सीट भी उनकी लोक जनशक्ति पार्टी के हिस्से में है। एलजेपी (रामविलास) से चिराग पासवान ने संजय सिंह को टिकट दिया है, जो यहीं के लोकल हैं। सिमरी बख्तियारपुर को जीतने के लिए चिराग और संजय दमखम से जुटे हुए हैं। सिमरी बख्तियारपुर से लगभग 22 किमी दूर कोसी नदी है, जो सिंचाई और बाढ़ की स्थिति को काफी प्रभावित करती है। सहरसा जिला मुख्यालय से सिमरी बख्तियारपुर की दूरी लगभग 20 किमी है। खगड़िया से 45 किमी और बिहार की राजधानी पटना से लगभग 200 किमी सिमरी बख्तियारपुर दूर है।
चिराग के संजय बनेंगे सिमरी बख्तियारपुर की शान
सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र से NDA समर्थित लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रत्याशी संजय कुमार सिंह हैं। चिराग पासवान चुनावी जनसभा कर संजय की जीत सुनिश्चित करना चाहते हैं। आगामी 6 नवंबर को यहां मतदान हैं। हेलीकॉप्टर छाप के आगे बटन दबा कर समर्थन देने की अपील कर रहे हैं। लगतार क्षेत्र में घूम रहे हैं। लोकसभा चुनाव में मिली बढ़त को बरकरार रखना चाहते हैं। संजय कुमार सिंह ने 1982 में जिला स्कूल सहरसा से मैट्रिक पास की थी। 1984 में इंटर, 1989 में बीएससी, 1991 में एमएससी (एलएन मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा) किया। फिर उन्होंने 1994 में एलएलबी (बीएनएमयू, मधेपुरा) की डिग्री हासिल की। मतलब, संजय सिंह सहरसा और सिमरी बख्तियारपुर के लोकल हैं, जिसका फायदा उन्हें मिलते दिख रहा है। वो लोगों से ठीक से कनेक्ट कर पा रहे हैं।
चिराग पासवान की रैली में दिखी थी काफी भीड़
सिमरी बख्तियारपुर में दो नवंबर को चिराग पासवान और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का दौरा हो चुक है। इस दौरान लोगों की काफी भीड़ देखी गई। सिमरी बख्तियारपुर में एनडीए के चुनावी अभियान के दौरान महागठबंधन और विपक्षी नेताओं पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब महागठबंधन पर विश्वास नहीं करती और एक बार फिर भारी मतों से एनडीए को सत्ता में लाने का मन बना चुकी है। चिराग पासवान ने कहा कि बिहार की जनता विश्वास खो चुकी है। जिस तरह से महागठबंधन टूटा है, चाहे कोई भी नेता आए या कुछ भी हो, बिहार की जनता ने एक बार फिर एनडीए को भारी मतों से वोट देने का संकल्प लिया है। बिहार में केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। आज जनता के अंदर यह विश्वास देखने को मिल रहा है कि अलग-अलग राज्यों से आने वाले नेता मिलकर बिहार के विकास की नई कहानी लिखेंगे।
2020 में इस वजह से जीते थे युसुफ सलाउद्दीन
सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र में अब तक कुल 16 विधानसभा चुनाव हुए हैं। 2009 और 2019 में उपचुनाव हुए थे। यहां के विधायक लोकसभा के लिए निर्वाचित हो गए थे। आठ बार यहां से कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की है। जेडीयू ने चार बार सफलता पाई, वहीं आरजेडी ने 2019 के उपचुनाव में जीत के साथ इस क्षेत्र में मौजूदगी दर्ज कराई। फिर 2020 में भी विजय हासिल की। संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी और जनता दल ने भी एक-एक बार सिमरी बख्तियारपुर में जीत हासिल की है। 2020 विधानसभा चुनाव में राजद के युसुफ सलाउद्दीन ने वीआईपी के मुकेश सहनी को मात्र 1,769 वोटों से हराया था। ये करीबी मुकाबला लोजपा की वजह से हुआ। तब चिराग पासवान ने एनडीए से अलग होकर अपना उम्मीदवार उतारा था। लोजपा ने 6,962 वोट मिले और वो तीसरा स्थान हासिल किया। चिराग की वजह से वीआईपी के मुकेश सहनी (2020 में मुकेश सहनी एनडीए में थे) हार गए। 2015 में ये सीट जेडीयू के पास थी और दिनेश चंद्र यादव ने जीत दर्ज की थी। 1990 में जनता दल और 2005 में जेडीयू के टिकट पर विजयी रह चुके हैं।
2024 लोकसभा चुनाव में मिली थी एनडीए को बढ़त
सिमरी बख्तियारपुर की मतदाता की बात करें तो करीब साढ़े तीन लाख मतदाता हैं। इनमें अनुसूचित जातियों के मतदाता करीब 70000, जो कुल मतदाताओं का लगभग 19 प्रतिशत हैं। मुस्लिम मतदाता भी 72 हजार के करीब हैं, जो 20 प्रतिशत के आसपास है। 2024 के लोकसभा चुनावों में मतदाताओं की संख्या 3,51,506 थी। 2020 में सिमरी बख्तियारपुर में 58.09 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई थी। 2024 के लोकसभा चुनावों में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राजेश वर्मा ने खगड़िया सीट जीती। सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र में 16,756 वोटों की बढ़त बनाई थी। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि एनडीए अब इस सीट पर राजद की पकड़ को चुनौती देने की स्थिति में है। विशेष रूप से तब जब चिराग पासवान एक बार फिर से एनडीए का हिस्सा बन चुके हैं।
चिराग के संजय बनेंगे सिमरी बख्तियारपुर की शान
चिराग पासवान की रैली में दिखी थी काफी भीड़
2020 में इस वजह से जीते थे युसुफ सलाउद्दीन
2024 लोकसभा चुनाव में मिली थी एनडीए को बढ़त
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