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17 हार और सिर्फ दो जीत... सचिन के संन्यास लेते टीम इंडिया को क्या हो गया? रन चेज में सबसे फिसड्डी!

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नई दिल्ली: सचिन तेंदुलकर ने नवंबर 2013 में भारत के लिए आखिरी टेस्ट मैच खेला था। उस समय भारतीय टीम के प्रदर्शन का ग्राफ नीचे गिर रहा था। 2015 की शुरुआत में विराट कोहली को कप्तानी मिली और टीम इंडिया ने एक के बाद एक जीत हासिल की। ऑस्ट्रेलिया को दो बार घर में जाकर टेस्ट सीरीज में हराया। इंग्लैंड से लेकर साउथ अफ्रीका हर जगह जाकर मुकाबले जीते। विराट के पास खुद चेज मास्टर का टैग है। इसके बाद भी टेस्ट में रन चेज में टीम इंडिया फिसड्डी हो चुकी है।



सिर्फ दो बार 150 से ज्यादा का टारगेट चेज

भारतीय टीम को सचिन तेंदुलकर के संन्यास के बाद टेस्ट में 26 बार 150 या उससे ज्यादा का टारगेट मिला है। टीम इसमें सिर्फ दो ही मुकाबले अपने नाम कर पाई। 2021 में ब्रिस्बेन के गाबा में 329 रन बनाकर जीत हासिल की थी। फिर पिछले साल रांची टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ चौथी पारी में शुभमन गिल और ध्रुव जुरेल ने जैसे तैसे जीत दिला दी थी। इसके अलावा टीम को 17 बार हार मिली है और 7 मुकाबले ड्रॉ रहे।



147 तक चेज नहीं कर पाई टीम इंडिया

भारतीय टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम पर पिछले साल नवंबर में चौथी पारी में जीत के लिए 147 रनों का लक्ष्य मिला था। टीम उसे भी चेज नहीं कर पाई थी। 30वें ओवर में टीम की पारी 121 रनों पर सिमट गई। 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम में 194 रन चेज नहीं हुए थे। श्रीलंका के खिलाफ गाले में 2015 में 176 रन टीम चेज करने में फेल रही थी। टीम 5 बार 150 से ज्यादा का टारगेट चेज करते हुए 50 या उससे कम रन से हारी है।



सचिन के खेलते हुए रन चेज में प्रदर्शन

सचिन तेंदुलकर के करियर के दौरान भारतीय टीम ने टेस्ट में 13 बार 150 या उससे ज्यादा का टारगेट चेज करते हुए जीत हासिल की थी। 2008 में सचिन तेंदुलकर के शतक की मदद से भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथी पारी में 387 रन बनाकर जीत हासिल की थी। वहीं 25 बार टीम 150 से ज्यादा का टारगेट चेज करते हुए हारी। 1997 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 120 रन चेज करते भारत 81 पर ऑलआउट हो गया था। इसके अलावा कभी टीम 200 से कम का टारगेट चेज करते हुए नहीं हारी। 20 मुकाबले इस दौरान ड्रॉ रहे।

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