गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पीएम आवास योजना के भवनों पर दो साल से कब्जा लेने का इंतजार कर रहे आवंटियों की उम्मीद जाग गई है। योजना के लंबे समय से पेंडिंग चल रहे आउटर डेवलपमेंट कार्य को गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी (GDA) खुद पूरा करवाएगा। इसके लिए 18 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। जीडीए यह पैसा शेल्टर फीस के रूप में जमा पैसे से खर्च करेगा। इसका प्रस्ताव बोर्ड से पास करा लिया गया है। जीडीए का दावा है कि जल्द ही वहां पर प्रकिया पूरी करा ली जाएगी।
जीडीए का कहना है कि टेंडर की प्रक्रिया को शुरू करके आउटर डेवलपमेंट वर्क करवाए जाएंगे और अवंटियों को कब्जा दे दिया जाएगा। दरअसल, पीएम आवास योजना के 3496 अवंटी पिछले 2 साल से अपने भावनों पर कब्जा हासिल करने के लिए जीडीए के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन, आउटर डेवलपमेंट वर्क पूरा नहीं होने की वजह से जीडीए कब्जा नहीं दे रहा है।
इस कारण हो रही थी दिक्कतपीएम आवास योजना के भावनाओं का निर्माण प्राधिकरण को करवाना था, जबकि वहां आउटर डेवलपमेंट वर्क जिसमें- संपर्क मार्ग, जलापूर्ति, ड्रेन, सीवर और इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य लोक निर्माण विभाग, जल निगम, नगर निगम और उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन को करवाना था। इन कार्यों में केवल पावर कॉरपोरेशन की तरफ से काम शुरू किया गया। अन्य विभागों ने काम शुरू ही नहीं किया। इसके चलते भावनों का कब्जा नहीं दिया जा सका है।
यहां शेल्टर फीस का उपयोगजीडीए के अधिकारियों ने बताया कि बिल्डर से नक्शा पास करवाते समय शेल्टर फीस ली जाती है। इस शेल्टर फीस का उपयोग केवल ईडब्ल्यूएस और एलआईजी हाउसिंग के लिए जमीन खरीद और अवस्थापना विकास के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा दुर्बल और अल्प आय वर्ग के भवनों के सुपर स्ट्रक्चर निर्माण से जुड़े कार्य में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
जीडीए का कहना है कि टेंडर की प्रक्रिया को शुरू करके आउटर डेवलपमेंट वर्क करवाए जाएंगे और अवंटियों को कब्जा दे दिया जाएगा। दरअसल, पीएम आवास योजना के 3496 अवंटी पिछले 2 साल से अपने भावनों पर कब्जा हासिल करने के लिए जीडीए के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन, आउटर डेवलपमेंट वर्क पूरा नहीं होने की वजह से जीडीए कब्जा नहीं दे रहा है।
इस कारण हो रही थी दिक्कतपीएम आवास योजना के भावनाओं का निर्माण प्राधिकरण को करवाना था, जबकि वहां आउटर डेवलपमेंट वर्क जिसमें- संपर्क मार्ग, जलापूर्ति, ड्रेन, सीवर और इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य लोक निर्माण विभाग, जल निगम, नगर निगम और उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन को करवाना था। इन कार्यों में केवल पावर कॉरपोरेशन की तरफ से काम शुरू किया गया। अन्य विभागों ने काम शुरू ही नहीं किया। इसके चलते भावनों का कब्जा नहीं दिया जा सका है।
यहां शेल्टर फीस का उपयोगजीडीए के अधिकारियों ने बताया कि बिल्डर से नक्शा पास करवाते समय शेल्टर फीस ली जाती है। इस शेल्टर फीस का उपयोग केवल ईडब्ल्यूएस और एलआईजी हाउसिंग के लिए जमीन खरीद और अवस्थापना विकास के लिए किया जा सकता है। इसके अलावा दुर्बल और अल्प आय वर्ग के भवनों के सुपर स्ट्रक्चर निर्माण से जुड़े कार्य में भी इसका उपयोग किया जा सकता है।
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