पटना: बिहार में मतदाता सूची को अपडेट करने का काम चल रहा है। इस काम में 7.89 करोड़ से ज्यादा लोग शामिल हैं। इनमें से 4.96 करोड़ लोगों को कोई भी कागज दिखाने की जरूरत नहीं है। ये वो लोग हैं जिनके नाम 2003 की विशेष सूची में भी थे। उन्हें सिर्फ यह दिखाना होगा कि उनका नाम अपडेटेड सूची में है। ऐसे मतदाताओं की संख्या लगभग 60% है।
इनको दिखाना होगा कागज
लेकिन, बाकी के लगभग 3 करोड़ मतदाताओं को अपनी पहचान बतानी होगी। उन्हें अपनी जन्मतिथि या जन्मस्थान का प्रमाण देना होगा। इसके लिए उन्हें 11 तरह के दस्तावेजों में से कोई एक देना होगा। चुनाव आयोग के अनुसार, सबसे पहले इन 3 करोड़ मतदाताओं की पहचान की जाएगी। उसके बाद ही उनके नाम मतदाता सूची में शामिल किए जाएंगे।
क्या बोले निर्वाचन आयुक्त
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि इस विशेष अभियान का मकसद है कि कोई भी योग्य मतदाता सूची से बाहर न रहे। साथ ही, कोई भी अयोग्य व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न हो। उन्होंने यह भी कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र के अधिकारी को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे यह सुनिश्चित करें कि कोई भी योग्य नागरिक छूटे नहीं और कोई भी अयोग्य व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न हो।
1.5 लाख से ज्यादा बूथ लेवल एजेंट्स नियुक्त
इस काम में राजनीतिक दल भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। अभी तक 1.5 लाख से ज्यादा बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) नियुक्त किए जा चुके हैं। ये बीएलए हर बूथ पर मतदाता सूची को चेक कर रहे हैं। राजनीतिक दल और भी बीएलए नियुक्त कर रहे हैं ताकि मतदाता सूची पूरी तरह से सही हो। चुनाव आयोग ने सभी दलों को यह सलाह दी है कि वे हर बूथ पर अपने बीएलए नियुक्त करें। इससे बाद में किसी को शिकायत करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इनको दिखाना होगा कागज
लेकिन, बाकी के लगभग 3 करोड़ मतदाताओं को अपनी पहचान बतानी होगी। उन्हें अपनी जन्मतिथि या जन्मस्थान का प्रमाण देना होगा। इसके लिए उन्हें 11 तरह के दस्तावेजों में से कोई एक देना होगा। चुनाव आयोग के अनुसार, सबसे पहले इन 3 करोड़ मतदाताओं की पहचान की जाएगी। उसके बाद ही उनके नाम मतदाता सूची में शामिल किए जाएंगे।
क्या बोले निर्वाचन आयुक्त
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि इस विशेष अभियान का मकसद है कि कोई भी योग्य मतदाता सूची से बाहर न रहे। साथ ही, कोई भी अयोग्य व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न हो। उन्होंने यह भी कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र के अधिकारी को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे यह सुनिश्चित करें कि कोई भी योग्य नागरिक छूटे नहीं और कोई भी अयोग्य व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न हो।
1.5 लाख से ज्यादा बूथ लेवल एजेंट्स नियुक्त
इस काम में राजनीतिक दल भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। अभी तक 1.5 लाख से ज्यादा बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) नियुक्त किए जा चुके हैं। ये बीएलए हर बूथ पर मतदाता सूची को चेक कर रहे हैं। राजनीतिक दल और भी बीएलए नियुक्त कर रहे हैं ताकि मतदाता सूची पूरी तरह से सही हो। चुनाव आयोग ने सभी दलों को यह सलाह दी है कि वे हर बूथ पर अपने बीएलए नियुक्त करें। इससे बाद में किसी को शिकायत करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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