इटावा: उत्तर प्रदेश के इटावा में कथा वाचकों का सिर मुंड़वाने और चोटी काटने के बाद जमकर बवाल हुआ है। इस मामले में पुलिस ने गगन यादव पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। साथ ही अब तक इटावा हिंसा में 19 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, सिर मुंड़वाने की घटना से पहले एक वीडियो सामने आया है, जिसमें कथा वाचकों से स्थानीय लोग उससे जाति पूछ रहे हैं, लेकिन वह बता नहीं रहा है।
इटावा कथा वाचकों के सिर मुंड़वाने की घटना के पहले वीडिया सामने आया है। स्थानीय लोग कथा वाचकों से उनसे जाति पूछ रहे हैं। एक लोग कह रहे हैं कि जानकारी मिली है कि ये शुद्ध यादव भी नहीं हैं। कथा वाचक कह रहे हैं कि महात्मा की कोई जाति नहीं है। 14-15 साल से कथा कह रहे हैं। लोगों ने कहा कि आप अपनी जाति छिपाकर कथा कह रहे हैं। आप पाप कर रहे हैं। आधार कार्ड कहां है। स्थानीय लोगों ने कहा कि पता चला है कि आप यादव नहीं हरिजन हैं। कथा वाचक और लोगों में जमकर बहसबाजी होती है। लोग आपके पैर छू रहे हैं।
बता दें कि इटावा के दादरपुर गांव में 21 जून घटना घटी थी। यहां कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी संत कुमार यादव के साथ बदसलूकी की गई थी और मारपीट की घटना हुई थी। आरोप है कि गांव के कुछ लोगों ने कथावाचक का सिर मुंड़वाकर उनका अपमान किया था। उन पर "गांव को अपवित्र" करने का आरोप लगाया।
इस घटना के बाद 26 जून को 'अहीर रेजिमेंट' और अन्य ने गांव में प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस पर पथराव हुआ। पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया। प्रदर्शनकारियों ने आगरा-कानपुर नेशनल हाई-वे जाम कर दिया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हवाई फायरिंग की और कई उपद्रवियों को गिरफ्तार किया।
इटावा कथा वाचकों के सिर मुंड़वाने की घटना के पहले वीडिया सामने आया है। स्थानीय लोग कथा वाचकों से उनसे जाति पूछ रहे हैं। एक लोग कह रहे हैं कि जानकारी मिली है कि ये शुद्ध यादव भी नहीं हैं। कथा वाचक कह रहे हैं कि महात्मा की कोई जाति नहीं है। 14-15 साल से कथा कह रहे हैं। लोगों ने कहा कि आप अपनी जाति छिपाकर कथा कह रहे हैं। आप पाप कर रहे हैं। आधार कार्ड कहां है। स्थानीय लोगों ने कहा कि पता चला है कि आप यादव नहीं हरिजन हैं। कथा वाचक और लोगों में जमकर बहसबाजी होती है। लोग आपके पैर छू रहे हैं।
बता दें कि इटावा के दादरपुर गांव में 21 जून घटना घटी थी। यहां कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी संत कुमार यादव के साथ बदसलूकी की गई थी और मारपीट की घटना हुई थी। आरोप है कि गांव के कुछ लोगों ने कथावाचक का सिर मुंड़वाकर उनका अपमान किया था। उन पर "गांव को अपवित्र" करने का आरोप लगाया।
इस घटना के बाद 26 जून को 'अहीर रेजिमेंट' और अन्य ने गांव में प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस पर पथराव हुआ। पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया। प्रदर्शनकारियों ने आगरा-कानपुर नेशनल हाई-वे जाम कर दिया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हवाई फायरिंग की और कई उपद्रवियों को गिरफ्तार किया।
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