जहानाबाद: बिहार की सियासी हलचल के बीच एक नए समीकरण के संकेत मिल रहे हैं। राजनीति में कब किसका दोस्त दुश्मन बन जाए और कब कोई दुश्मन दोस्त ऐसे संयोग से राजनीति का इतिहास भरा पड़ा है। वैसे भी जब चुनाव का मौसम हो तो दल बदल, दोस्त दुश्मन बनने का खेल चरम पर होता है। मिली जानकारी के अनुसार जनता दल यू के यहां एक बड़े नेता का आगमन होने जा रहा है। चलिए जानते हैं उस कद्दावर नेता का नाम जो कभी नीतीश के करीबी दोस्त थे अब सिर्फ एक दिन बाद करीबी दोस्त बनने जा रहे हैं।
पूर्व एमपी 4 सितंबर को जदयू की सदस्यता लेंगे
जदयू को राजनीतिक रूप से संबल पहुंचाने जहानाबाद लोकसभा से कभी सांसद रहे अरुण कुमार जनता दल यू की सदस्यता ग्रहण करने जा रहे हैं। इस मौके पर उनके साथ गया और जहानाबाद के कई जमीनी नेता शामिल होंगे। फिलहाल इनका राजनीतिक अटैचमेंट बहुजन समाज पार्टी से था। ये बहुजन समाज के टिकट पर जहानाबाद लोकसभा (2024) का चुनाव लड़ा था। इनकी वजह से जहानाबाद लोकसभा की जंग जदयू हार गई थी। तब यहां का चुनावी जंग राजद के उम्मीदवार सुरेंद्र यादव ने जीता था।
क्या है राजनीतिक पृष्ठभूमि?
अरुण कुमार भारत की सोलहवीं लोकसभा में जहानाबाद सांसद थे। 2014 के चुनावों में इन्होंने बिहार की जहानाबाद सीट से राष्ट्रीय लोक समता सेकुलर की ओर से भाग लिया जो एनडीए की घटक दल थी। अटल बिहारी सरकार में भी 1999-2004 तक जहानाबाद के सांसद रहे। सत्रहवीं लोक सभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड के चंद्रमोहन चंद्रवंशी से पराजित हुए।
अरुण कुमार प्रसिद्ध शिक्षाविद् हैं। पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रखकर बालु माफियाओं के खिलाफ छेड़ा गया इनका आन्दोलन एक सराहनीय और खासा लोकप्रिय कदम था। विकास के नाम पर मगध के प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन के कारण मगध क्षेत्र भीषण जलवायु परिवर्तन अनावृष्टि और भीषण पेय जल संकट से जूझ रहा है। जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर नीतीश सरकार के विरोध में आ गए और एनडीए से अलग हटकर जहानाबाद से चुनाव लड़े। इन्होंने भारतीय सबलोग पार्टी का गठन किया है। वे इस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे।
बाद में इन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। यहां टिकट को लेकर जब वफ़ा खिलाफी का सामना करना पड़ा तो लोजपा छोड़कर बहुजन समाज पार्टी से जहानाबाद लोकसभा 2024 का चुनाव लड़ा। ये खुद तो नहीं जीते लेकिन जदयू के उम्मीदवार चंदेश्वर चंद्रवंशी की हार के कारण बने।
क्या होगा लाभ?
अरुण कुमार एक संगठन के साथ राजनीति करते आए हैं। समता पार्टी के ये संस्थापक सदस्यों में से रहे हैं। इनका विशेष प्रभाव गया, अरवल, जहानाबाद और नवादा पर विशेष रूप से प्रभाव पड़ेगा। इनके आने से विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए मजबूत प्रदर्शन कर सकती है।
पूर्व एमपी 4 सितंबर को जदयू की सदस्यता लेंगे
जदयू को राजनीतिक रूप से संबल पहुंचाने जहानाबाद लोकसभा से कभी सांसद रहे अरुण कुमार जनता दल यू की सदस्यता ग्रहण करने जा रहे हैं। इस मौके पर उनके साथ गया और जहानाबाद के कई जमीनी नेता शामिल होंगे। फिलहाल इनका राजनीतिक अटैचमेंट बहुजन समाज पार्टी से था। ये बहुजन समाज के टिकट पर जहानाबाद लोकसभा (2024) का चुनाव लड़ा था। इनकी वजह से जहानाबाद लोकसभा की जंग जदयू हार गई थी। तब यहां का चुनावी जंग राजद के उम्मीदवार सुरेंद्र यादव ने जीता था।
क्या है राजनीतिक पृष्ठभूमि?
अरुण कुमार भारत की सोलहवीं लोकसभा में जहानाबाद सांसद थे। 2014 के चुनावों में इन्होंने बिहार की जहानाबाद सीट से राष्ट्रीय लोक समता सेकुलर की ओर से भाग लिया जो एनडीए की घटक दल थी। अटल बिहारी सरकार में भी 1999-2004 तक जहानाबाद के सांसद रहे। सत्रहवीं लोक सभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड के चंद्रमोहन चंद्रवंशी से पराजित हुए।
अरुण कुमार प्रसिद्ध शिक्षाविद् हैं। पर्यावरण सुरक्षा को ध्यान में रखकर बालु माफियाओं के खिलाफ छेड़ा गया इनका आन्दोलन एक सराहनीय और खासा लोकप्रिय कदम था। विकास के नाम पर मगध के प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन के कारण मगध क्षेत्र भीषण जलवायु परिवर्तन अनावृष्टि और भीषण पेय जल संकट से जूझ रहा है। जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर नीतीश सरकार के विरोध में आ गए और एनडीए से अलग हटकर जहानाबाद से चुनाव लड़े। इन्होंने भारतीय सबलोग पार्टी का गठन किया है। वे इस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे।
बाद में इन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। यहां टिकट को लेकर जब वफ़ा खिलाफी का सामना करना पड़ा तो लोजपा छोड़कर बहुजन समाज पार्टी से जहानाबाद लोकसभा 2024 का चुनाव लड़ा। ये खुद तो नहीं जीते लेकिन जदयू के उम्मीदवार चंदेश्वर चंद्रवंशी की हार के कारण बने।
क्या होगा लाभ?
अरुण कुमार एक संगठन के साथ राजनीति करते आए हैं। समता पार्टी के ये संस्थापक सदस्यों में से रहे हैं। इनका विशेष प्रभाव गया, अरवल, जहानाबाद और नवादा पर विशेष रूप से प्रभाव पड़ेगा। इनके आने से विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए मजबूत प्रदर्शन कर सकती है।
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