माले: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार से ब्रिटेन और मालदीव की चार दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। इस यात्रा का उद्देश्य भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, मोदी पहले चरण में दो दिवसीय यात्रा पर ब्रिटेन जाएंगे और फिर मालदीव में स्वतंत्रता दिवस समारोह में 'मुख्य अतिथि' के रूप में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री की 25 से 26 जुलाई तक होने वाली मालदीव यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह द्विपक्षीय संबंधों को फिर से मजबूत करने का प्रतीक है। चीन समर्थक माने जाने वाले मोहम्मद मुइज्जू के नवंबर 2023 में सत्ता में आने के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव पैदा हो गया था।
मालदीव के स्वतंत्रता दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे मोदी
लंदन से मोदी मालदीव जाएंगे। वह मुख्य रूप से 26 जुलाई को मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित होने वाले समारोह में शामिल होंगे। यह मोदी की मालदीव की तीसरी यात्रा होगी तथा नवंबर 2023 में राष्ट्रपति मुइज्जू के पदभार ग्रहण करने के बाद भारतीय शासनाध्यक्ष की पहली यात्रा होगी। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा करेंगे और 'व्यापक आर्थिक एवं समुद्री सुरक्षा साझेदारी' के लिए भारत-मालदीव संयुक्त दृष्टिकोण के कार्यान्वयन में प्रगति का जायजा लेंगे। यह संयुक्त दृष्टिकोण पिछले साल अक्टूबर में मुइज्जू की भारत यात्रा के दौरान अपनाया गया था।
भारत से 7 अरब यूरो का कर्ज मांग रहा मालदीव
अधाधु की रिपोर्ट के अनुसार, मालदीव की मोदम्मद मुइज्जू के नेतृत्व वाली सरकार अगले साल होने वाले स्थानीय परिषद चुनावों से पहले प्रमुख परियोजनाओं के लिए भारत से लगभग 7 अरब यूरो (MVR) उधार लेने की कोशिश कर रही है। विश्वसनीय सूत्रों ने पुष्टि की है कि सरकार वर्तमान में भारत सरकार से वित्तीय सहायता लेने के लिए बातचीत कर रही है। एक सूत्र ने कहा, "हम अरबों डॉलर की रुफिया परियोजनाओं पर बात कर रहे हैं।" एक अन्य सूत्र ने कहा कि सरकार आवास, अन्य बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं और वाहन खरीद से संबंधित परियोजनाओं के लिए सहायता प्राप्त करने हेतु भारत के साथ बातचीत कर रही है। सूत्र ने कहा, "मेरा अनुमान है कि इन परियोजनाओं का मूल्य 6 अरब यूरो (MVR) से अधिक है।"
भारत से मदद के लिए मजबूर हुआ मालदीव
मालदीव की सरकार अपनी अस्थिर विदेश नीति के कारण भारत से सहायता लेने के लिए मजबूर हुई है, जिसके कारण उसे चीन सहित अन्य देशों से सहायता नहीं मिल पाई है। इस कारण मालदीव की कई प्रमुख विकास परियोजनाएं रुकी हुई हैं या स्थगित कर दी गई हैं, जबकि नई परियोजनाएं शुरू नहीं हुई हैं। मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने "इंडिया आउट" अभियान के ज़रिए 2023 का राष्ट्रपति चुनाव जीता। सत्ता में आने के बाद, मुइज़्ज़ू ने शुरुआत में भारत को दूर धकेलने और चीन और तुर्की व संयुक्त अरब अमीरात जैसे अन्य देशों के साथ संबंध बनाने की कोशिश की।
मालदीव के स्वतंत्रता दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे मोदी
लंदन से मोदी मालदीव जाएंगे। वह मुख्य रूप से 26 जुलाई को मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित होने वाले समारोह में शामिल होंगे। यह मोदी की मालदीव की तीसरी यात्रा होगी तथा नवंबर 2023 में राष्ट्रपति मुइज्जू के पदभार ग्रहण करने के बाद भारतीय शासनाध्यक्ष की पहली यात्रा होगी। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा करेंगे और 'व्यापक आर्थिक एवं समुद्री सुरक्षा साझेदारी' के लिए भारत-मालदीव संयुक्त दृष्टिकोण के कार्यान्वयन में प्रगति का जायजा लेंगे। यह संयुक्त दृष्टिकोण पिछले साल अक्टूबर में मुइज्जू की भारत यात्रा के दौरान अपनाया गया था।
भारत से 7 अरब यूरो का कर्ज मांग रहा मालदीव
अधाधु की रिपोर्ट के अनुसार, मालदीव की मोदम्मद मुइज्जू के नेतृत्व वाली सरकार अगले साल होने वाले स्थानीय परिषद चुनावों से पहले प्रमुख परियोजनाओं के लिए भारत से लगभग 7 अरब यूरो (MVR) उधार लेने की कोशिश कर रही है। विश्वसनीय सूत्रों ने पुष्टि की है कि सरकार वर्तमान में भारत सरकार से वित्तीय सहायता लेने के लिए बातचीत कर रही है। एक सूत्र ने कहा, "हम अरबों डॉलर की रुफिया परियोजनाओं पर बात कर रहे हैं।" एक अन्य सूत्र ने कहा कि सरकार आवास, अन्य बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं और वाहन खरीद से संबंधित परियोजनाओं के लिए सहायता प्राप्त करने हेतु भारत के साथ बातचीत कर रही है। सूत्र ने कहा, "मेरा अनुमान है कि इन परियोजनाओं का मूल्य 6 अरब यूरो (MVR) से अधिक है।"
भारत से मदद के लिए मजबूर हुआ मालदीव
मालदीव की सरकार अपनी अस्थिर विदेश नीति के कारण भारत से सहायता लेने के लिए मजबूर हुई है, जिसके कारण उसे चीन सहित अन्य देशों से सहायता नहीं मिल पाई है। इस कारण मालदीव की कई प्रमुख विकास परियोजनाएं रुकी हुई हैं या स्थगित कर दी गई हैं, जबकि नई परियोजनाएं शुरू नहीं हुई हैं। मोहम्मद मुइज़्ज़ू ने "इंडिया आउट" अभियान के ज़रिए 2023 का राष्ट्रपति चुनाव जीता। सत्ता में आने के बाद, मुइज़्ज़ू ने शुरुआत में भारत को दूर धकेलने और चीन और तुर्की व संयुक्त अरब अमीरात जैसे अन्य देशों के साथ संबंध बनाने की कोशिश की।
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