नई दिल्ली: राजधानी के शाहदरा में बढ़ती चार पहिया वाहन चोरी की घटनाओं के मद्देनजर दिल्ली पुलिस की एएटीएस (Anti-Auto Theft Squad) की टीम ने सक्रिय वाहन चोरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने दो कुख्यात वाहन चोरों को गिरफ्तार कर चार चोरी की गाड़ियां बरामद की हैं। 28 अक्टूबर को शाहदरा पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि दो चोर चोरी की शेवरले बीट कार के साथ आनंद विहार बस अड्डा से सीमापुरी रोड की ओर आने वाले हैं। सूचना के बाद, पुलिस ने फ्लाईओवर के नीचे दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इनकी निशानदेही पर चोरी की हुई शेवरले बीट कार बरामद हुई, जो एक महीने पहले केशव पुरम थाना क्षेत्र से चुराई गई थी।
आर्थिक तंगी के कारण गिरोह में शामिल
इन आरोपियों की पहचान आशिफ उर्फ आसिफ (22) और फैसल (28) के रूप में हुई है, जो दिल्ली के विभिन्न इलाकों से चोरी की गई गाड़ियों को बेचते थे।
पूछताछ में पता चला कि आशिफ उर्फ आसिफ आर्थिक तंगी के कारण वाहन चोरी में शामिल हुआ। उसने बताया कि पहले वह एक ऑटो चालक था, लेकिन किसी वजह से उसे रोजगार नहीं मिल पाया और वह हसन नामक व्यक्ति के संपर्क में आया, जिसने उसे गाड़ियों की चोरी करने की योजना बनाने लगा। इसके बाद, आसिफ ने अपने साथी फैसल के साथ मिलकर चोरी की गाड़ियों को बेचने का काम शुरू किया।
अच्छे पैसे...आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद
वहीं, फैसल ने बताया कि उसने पहले मोटरसाइकिलें चुराई थीं और बाद में गाड़ियों की चोरी में शामिल हुआ। उसे विभिन्न स्थानों से गाड़ियां चुराने के लिए अच्छे पैसे मिलते थे। इससे उसकी आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद मिली। पुलिस के अनुसार, आशिफ और फैसल दोनों पहले भी इसी तरह के अपराधों में शामिल रहे हैं। आशिफ पर 7 से अधिक और फैसल पर 16 से अधिक चोरी के मामले दर्ज हैं।
पुलिस की टीम यह भी पता लगा रही है कि इन्होंने इससे पहले भी जो गाड़ियां चोरी की थीं, उन्हें कहां बेचा है और इनके गिरोह में कौन-कौन शामिल है। पुलिस ने बताया कि इन दोनों आरोपियों की तलाश काफी दिनों से की जा रही थी। जल्द ही सभी गाड़ियों को बरामद कर लिया जाएगा।
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एसएके/एएस
आर्थिक तंगी के कारण गिरोह में शामिल
इन आरोपियों की पहचान आशिफ उर्फ आसिफ (22) और फैसल (28) के रूप में हुई है, जो दिल्ली के विभिन्न इलाकों से चोरी की गई गाड़ियों को बेचते थे।
पूछताछ में पता चला कि आशिफ उर्फ आसिफ आर्थिक तंगी के कारण वाहन चोरी में शामिल हुआ। उसने बताया कि पहले वह एक ऑटो चालक था, लेकिन किसी वजह से उसे रोजगार नहीं मिल पाया और वह हसन नामक व्यक्ति के संपर्क में आया, जिसने उसे गाड़ियों की चोरी करने की योजना बनाने लगा। इसके बाद, आसिफ ने अपने साथी फैसल के साथ मिलकर चोरी की गाड़ियों को बेचने का काम शुरू किया।
अच्छे पैसे...आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद
वहीं, फैसल ने बताया कि उसने पहले मोटरसाइकिलें चुराई थीं और बाद में गाड़ियों की चोरी में शामिल हुआ। उसे विभिन्न स्थानों से गाड़ियां चुराने के लिए अच्छे पैसे मिलते थे। इससे उसकी आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद मिली। पुलिस के अनुसार, आशिफ और फैसल दोनों पहले भी इसी तरह के अपराधों में शामिल रहे हैं। आशिफ पर 7 से अधिक और फैसल पर 16 से अधिक चोरी के मामले दर्ज हैं।
पुलिस की टीम यह भी पता लगा रही है कि इन्होंने इससे पहले भी जो गाड़ियां चोरी की थीं, उन्हें कहां बेचा है और इनके गिरोह में कौन-कौन शामिल है। पुलिस ने बताया कि इन दोनों आरोपियों की तलाश काफी दिनों से की जा रही थी। जल्द ही सभी गाड़ियों को बरामद कर लिया जाएगा।
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एसएके/एएस
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