लखनऊ: सर्किल रेट में बढ़ोतरी के प्रस्ताव के बीच एलडीए भी अपनी पुरानी योजनाओं में प्लॉटों और कमर्शल प्रॉपर्टी की कीमत 25% तक बढ़ाने की तैयारी कर रही है। एलडीए के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि नगर निगम को हैंडओवर होने से बची कॉलोनियों में अब खाली प्लॉट बढ़े रेट पर बेचे जाएंगे, हालांकि नई योजनाओं में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी।
डीएम सर्किल रेट में बढ़ोतरी का असर एलडीए की प्रस्तावित नई योजनाओं पर भी पड़ेगा। एलडीए को आईटी सिटी, वेलनेस सिटी, सीतापुर रोड स्थित बीकेटी योजना तथा आगरा एक्सप्रेसवे के किनारे प्रस्तावित नई आवास योजना में जमीन अधिग्रहण के बदले किसानों को अधिक मुआवजा देना होगा। इससे योजना की लागत बढ़ जाएगी।
नए रेट से बेअसर रहेंगे औद्योगिक इलाके
राजधानी में सर्किल रेट बढ़े तो इंडस्ट्रियल एरिया पर इसका नहीं पड़ेगा। प्रस्तावित लिस्ट में अकृषक जमीनों का सर्किल रेट अधिकतम 25% तक बढ़ाने का प्रस्ताव है। इंड्रस्ट्रियल एरिया भी अकृषक जमीन पर ही डिवेलप किए जा रहे हैं। ये जमीनें किसी न किसी संस्था की ओर से उद्योगपतियों को लीज पर दी गई हैं, लेकिन इंडस्ट्रियल एरिया में अलग से सर्किल रेट बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। ऐसे में इंडस्ट्रियल एरिया में पूर्व से लागू नियमावली के आधार पर ही खरीद-फरोख्त होगी। माना जा रहा है कि उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला किया गया है।
अमौसी इंडस्ट्रियल एरिया के महामंत्री रजत मेहरा का कहना है कि सरकार ने शुरू से उद्योगों को बढ़ावा देने पर ध्यान दिया है। सभी इंड्रस्ट्रियल एरिया की जमीनें किसी ने किसी संस्था के जरिए उद्योगपतियों को लीज प्रीमियम रेट पर दी गई हैं। अमौसी इंड्रस्ट्रियल एरिया की जमीन यूपीएसआईडीसी ने लीज पर दी है। ऐसे में कारोबार के लिए अकृषक जमीन लीज पर देने में सर्किल रेट का खास असर नहीं पड़ेगा।
इंड्रस्ट्रियल एरिया में मौजूदा सर्किल रेट
डीएम सर्किल रेट में बढ़ोतरी का असर एलडीए की प्रस्तावित नई योजनाओं पर भी पड़ेगा। एलडीए को आईटी सिटी, वेलनेस सिटी, सीतापुर रोड स्थित बीकेटी योजना तथा आगरा एक्सप्रेसवे के किनारे प्रस्तावित नई आवास योजना में जमीन अधिग्रहण के बदले किसानों को अधिक मुआवजा देना होगा। इससे योजना की लागत बढ़ जाएगी।
नए रेट से बेअसर रहेंगे औद्योगिक इलाके
राजधानी में सर्किल रेट बढ़े तो इंडस्ट्रियल एरिया पर इसका नहीं पड़ेगा। प्रस्तावित लिस्ट में अकृषक जमीनों का सर्किल रेट अधिकतम 25% तक बढ़ाने का प्रस्ताव है। इंड्रस्ट्रियल एरिया भी अकृषक जमीन पर ही डिवेलप किए जा रहे हैं। ये जमीनें किसी न किसी संस्था की ओर से उद्योगपतियों को लीज पर दी गई हैं, लेकिन इंडस्ट्रियल एरिया में अलग से सर्किल रेट बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। ऐसे में इंडस्ट्रियल एरिया में पूर्व से लागू नियमावली के आधार पर ही खरीद-फरोख्त होगी। माना जा रहा है कि उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला किया गया है।
अमौसी इंडस्ट्रियल एरिया के महामंत्री रजत मेहरा का कहना है कि सरकार ने शुरू से उद्योगों को बढ़ावा देने पर ध्यान दिया है। सभी इंड्रस्ट्रियल एरिया की जमीनें किसी ने किसी संस्था के जरिए उद्योगपतियों को लीज प्रीमियम रेट पर दी गई हैं। अमौसी इंड्रस्ट्रियल एरिया की जमीन यूपीएसआईडीसी ने लीज पर दी है। ऐसे में कारोबार के लिए अकृषक जमीन लीज पर देने में सर्किल रेट का खास असर नहीं पड़ेगा।
इंड्रस्ट्रियल एरिया में मौजूदा सर्किल रेट
- इंड्रस्ट्रियल एरिया ₹/वर्ग मीटर
- अमौसी औद्योगिक क्षेत्र 4500
- गहरू औद्योगिक क्षेत्र 5000
- तालकटोरा औद्योगिक क्षेत्र 6000
- चिनहट औद्योगिक क्षेत्र 6000
- धावा औद्योगिक क्षेत्र 5000
- डिफेंस कॉरिडोर, भटगांव 1700
- सरोजनीनगर औद्योगिक क्षेत्र 4500
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