अहमदाबाद: ध्रुव जुरेल ने अपने छोटे से करियर में ही साबित कर दिया है कि जब भी ऋषभ पंत उपलब्ध नहीं हों तो भारत की विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी सुरक्षित हाथों में रहती है। वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैच की सीरीज के पहले मैच में शुक्रवार को यहां शतक जड़ने के बाद इस युवा खिलाड़ी ने इस तरह के मौकों का फायदा उठाने के पूरी तरह से तैयार रहने अहमियत बताई। जुरेल ने 125 रन की धमाकेदार पारी खेली और रविंद्र जडेजा के साथ 206 रन की भागीदारी निभाई जिससे भारत ने 286 रन की बढ़त हासिल कर ली।
शतक ठोकने के बाद क्या बोले जुरेल?टेस्ट क्रिकेट में शानदार विकेटकीपर बल्लेबाज पंत के बाद दूसरी पसंद जुरेल हैं। पहले दिन विकेटकीपिंग में शानदार प्रदर्शन के बाद बल्लेबाजी में भी दमदार प्रदर्शन करने वाले जुरेल ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, ‘यह बड़े सम्मान की बात है कि भले ही आपको खेलने का मौका नहीं मिल रहा हो लेकिन फिर भी आप टीम के साथ हो। कितने खिलाड़ियों को टीम के शामिल होने का मौका मिलता है और कितने खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौका मिलता है?’
मौका मिलने पर रहना होता है तैयार
सीमित मौके मिलने के बावजूद शतक जड़ने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘मैं खुश हूं कि मैं टीम के साथ हूं। अगर मैं मैच नहीं खेल रहा हूं तो भी मैं कड़ी मेहनत करता रहता हूं। मुझे पता है कि एक दिन मुझे मौका मिलेगा और मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए पूरी तरह तैयार रहना होगा।’
यह पूछने पर कि वह खुद को इस चुनौती के लिए कैसे तैयार रखते हैं, तो उन्होंने कहा, ‘अपनी दिनचर्या का पालन करके और अनुशासित रहकर। नेट्स में बल्लेबाजी करके, जिम में ट्रेनिंग करके, लेकिन मुझे अनुशासित रहना होता है। कभी कभार ऐसा नहीं कर पाता, लेकिन मैं खुद को और अधिक करने के लिए प्रेरित रखने की कोशिश करता हूं।’
मेरा काम रन बनाना है- जुरेल
24 साल के इस खिलाड़ी ने स्वीकार किया कि बल्लेबाजी करने से पहले विकेटकीपिंग करने से उन्हें पिच को समझने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा, ‘मुझे बल्लेबाज या विकेटकीपर के तौर पर खिलाना मेरा फैसला नहीं है। मेरा एकमात्र काम रन बनाना है। क्योंकि आपको विकेट देखने को मिलता है। तो मेरी आदत है कि विकेट का आकलन करना और यह सोचना कि मैं कौन से शॉट खेल सकता हूं।’
शतक ठोकने के बाद क्या बोले जुरेल?टेस्ट क्रिकेट में शानदार विकेटकीपर बल्लेबाज पंत के बाद दूसरी पसंद जुरेल हैं। पहले दिन विकेटकीपिंग में शानदार प्रदर्शन के बाद बल्लेबाजी में भी दमदार प्रदर्शन करने वाले जुरेल ने दूसरे दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, ‘यह बड़े सम्मान की बात है कि भले ही आपको खेलने का मौका नहीं मिल रहा हो लेकिन फिर भी आप टीम के साथ हो। कितने खिलाड़ियों को टीम के शामिल होने का मौका मिलता है और कितने खिलाड़ियों को टेस्ट क्रिकेट खेलने का मौका मिलता है?’
मौका मिलने पर रहना होता है तैयार
सीमित मौके मिलने के बावजूद शतक जड़ने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘मैं खुश हूं कि मैं टीम के साथ हूं। अगर मैं मैच नहीं खेल रहा हूं तो भी मैं कड़ी मेहनत करता रहता हूं। मुझे पता है कि एक दिन मुझे मौका मिलेगा और मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए पूरी तरह तैयार रहना होगा।’
यह पूछने पर कि वह खुद को इस चुनौती के लिए कैसे तैयार रखते हैं, तो उन्होंने कहा, ‘अपनी दिनचर्या का पालन करके और अनुशासित रहकर। नेट्स में बल्लेबाजी करके, जिम में ट्रेनिंग करके, लेकिन मुझे अनुशासित रहना होता है। कभी कभार ऐसा नहीं कर पाता, लेकिन मैं खुद को और अधिक करने के लिए प्रेरित रखने की कोशिश करता हूं।’
मेरा काम रन बनाना है- जुरेल
24 साल के इस खिलाड़ी ने स्वीकार किया कि बल्लेबाजी करने से पहले विकेटकीपिंग करने से उन्हें पिच को समझने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा, ‘मुझे बल्लेबाज या विकेटकीपर के तौर पर खिलाना मेरा फैसला नहीं है। मेरा एकमात्र काम रन बनाना है। क्योंकि आपको विकेट देखने को मिलता है। तो मेरी आदत है कि विकेट का आकलन करना और यह सोचना कि मैं कौन से शॉट खेल सकता हूं।’
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