शिवपुरी: जिले के करैरा के रामनगर गधाई गांव में लंबे समय से जलभराव की समस्या से परेशान हैं। इन परेशान ग्रामीणों ने जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए अनोखा प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने बताया कि इस समय बारिश का मौसम आते ही गांव के हालात अधिक खराब हो गए है।
गंदे पानी में होकर गुजरते हैं ग्रामीण
गांव की मुख्य सड़कें एवं दुर्गा माता मंदिर के पास जलभराव के कारण लोगों को कीचड़ एवं गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है। हल्की बारिश में भी सड़कें तालाब बन जाती है, जिससे महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
जल निकासी न होने से परेशान ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि गंदा पानी एवं कीचड़ न केवल असुविधा पैदा करता है, बल्कि मच्छरों और बीमारियों का खतरा भी बढ़ाता है। गांव में जल निकासी की कोई उचित व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण यह समस्या हर साल बारिश में खड़ी हो जाती है।
वृक्षासन प्रदर्शन कर अपनी परेशानी बताई
इस परेशानी से तंग आकर रामनगर गधाई के युवाओं ने प्रशासन के खिलाफ अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने वृक्षासन (पेड़ की तरह खड़े होकर ध्यान मुद्रा) अपनाकर प्रशासन को उसकी निष्क्रियता का आइना दिखाया। युवाओं का कहना है कि जिस तरह एक वृक्ष अपनी जगह पर खड़ा होकर मूकदर्शक बनकर सब कुछ देखता रहता है, ठीक उसी तरह प्रशासन ग्रामीणों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रहा है।
गांव वालों ने दिया अल्टीमेटम
इस अनोखे विरोध के माध्यम से उन्होंने प्रशासन को 5 दिन का अल्टीमेटम दिया है। युवाओं ने चेतावनी दी कि यदि इस अवधि में जलभराव की समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे गांव के अन्य लोगों के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन करेंगे।
ग्रामीणों ने कई बार शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई
ग्रामीणों ने बताया कि इस समस्या के समाधान के लिए कई बार स्थानीय पंचायत, जनपद सीईओ और इंजीनियरों से शिकायत की, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन वहां से भी कोई समाधान नहीं मिला। ग्रामीणों का कहना है कि इसके बाद उल्टा, शिकायतकर्ताओं पर दबाव बनाने की कोशिश की गई।
गांववासियों की प्रशासन से मांग
गांव में न तो जल निकासी के लिए नालियां हैं और न ही सफाई की कोई व्यवस्था। गलियों में गंदगी और पानी का जमाव आम बात हो गई है, जिससे ग्रामीणों का रोजमर्रा का जीवन प्रभावित हो रहा है। बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कत होती है, और महिलाओं को घरेलू कामकाज के लिए पानी से भरी सड़कों से गुजरना पड़ता है। ग्रामीणों की मांग है कि जल निकासी के लिए उचित नालियों का निर्माण किया जाए, सड़कों की मरम्मत हो, और गांव में नियमित सफाई की व्यवस्था की जाए।
गंदे पानी में होकर गुजरते हैं ग्रामीण
गांव की मुख्य सड़कें एवं दुर्गा माता मंदिर के पास जलभराव के कारण लोगों को कीचड़ एवं गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है। हल्की बारिश में भी सड़कें तालाब बन जाती है, जिससे महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
जल निकासी न होने से परेशान ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि गंदा पानी एवं कीचड़ न केवल असुविधा पैदा करता है, बल्कि मच्छरों और बीमारियों का खतरा भी बढ़ाता है। गांव में जल निकासी की कोई उचित व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण यह समस्या हर साल बारिश में खड़ी हो जाती है।
वृक्षासन प्रदर्शन कर अपनी परेशानी बताई
इस परेशानी से तंग आकर रामनगर गधाई के युवाओं ने प्रशासन के खिलाफ अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने वृक्षासन (पेड़ की तरह खड़े होकर ध्यान मुद्रा) अपनाकर प्रशासन को उसकी निष्क्रियता का आइना दिखाया। युवाओं का कहना है कि जिस तरह एक वृक्ष अपनी जगह पर खड़ा होकर मूकदर्शक बनकर सब कुछ देखता रहता है, ठीक उसी तरह प्रशासन ग्रामीणों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रहा है।
गांव वालों ने दिया अल्टीमेटम
इस अनोखे विरोध के माध्यम से उन्होंने प्रशासन को 5 दिन का अल्टीमेटम दिया है। युवाओं ने चेतावनी दी कि यदि इस अवधि में जलभराव की समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो वे गांव के अन्य लोगों के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन करेंगे।
ग्रामीणों ने कई बार शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई
ग्रामीणों ने बताया कि इस समस्या के समाधान के लिए कई बार स्थानीय पंचायत, जनपद सीईओ और इंजीनियरों से शिकायत की, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन वहां से भी कोई समाधान नहीं मिला। ग्रामीणों का कहना है कि इसके बाद उल्टा, शिकायतकर्ताओं पर दबाव बनाने की कोशिश की गई।
गांववासियों की प्रशासन से मांग
गांव में न तो जल निकासी के लिए नालियां हैं और न ही सफाई की कोई व्यवस्था। गलियों में गंदगी और पानी का जमाव आम बात हो गई है, जिससे ग्रामीणों का रोजमर्रा का जीवन प्रभावित हो रहा है। बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कत होती है, और महिलाओं को घरेलू कामकाज के लिए पानी से भरी सड़कों से गुजरना पड़ता है। ग्रामीणों की मांग है कि जल निकासी के लिए उचित नालियों का निर्माण किया जाए, सड़कों की मरम्मत हो, और गांव में नियमित सफाई की व्यवस्था की जाए।
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