सीमित पूंजी से शुरुआत
अनंत तांतेड़ TIGC के मालिक हैं। वह इंदौर के रहने वाले हैं। उनके पिता कपड़ों के डिस्ट्रीब्यूटर थे। अनंत ने कॉलेज के आखिरी साल में सरप्लस शर्ट बेची थीं। इससे उन्हें बिजनेस का अनुभव मिला। लगभग 13 साल पहले जब अनंत तांतेड़ सिर्फ 23 साल के थे, उन्होंने अपने खुद के कपड़ों का ब्रांड लॉन्च करने का महत्वाकांक्षी कदम उठाया। उस समय उनके पास बड़ी पूंजी नहीं थी। इसलिए उन्होंने सरकार की एक योजना के तहत 10 लाख रुपये का लोन लिया। इसी सीमित पूंजी के साथ उन्होंने बेंगलुरु के कोरमंगला में एक छोटे से दफ्तर में 'द इंडियन गैराज कंपनी' (TIGC) की शुरुआत की। उनके साथ शुरुआत में सिर्फ चार लोग थे।
चुनौतियों का करना पड़ा सामना
भारतीय फैशन बाजार में, खासकर पुरुषों के कपड़ों के सेगमेंट में ब्रांड स्थापित करना कोई आसान काम नहीं था। शुरुआत में टीआईजीसी ने पुरुषों के कैजुअल परिधानों पर फोकस किया। इसमें शर्ट, टी-शर्ट और जीन्स जैसे उत्पाद शामिल थे। इस सेगमेंट में उन्हें बड़े ब्रांडों और पहले से स्थापित प्लेयर्स के साथ प्रतिस्पर्धा करनी पड़ी। इसके लिए मार्केटिंग, क्वालिटी और डिस्ट्रीब्यूशन में लगातार इनोवेशन की जरूरत थी।
ई-कॉमर्स का उठाया फायदा

अनंत तांतेड़ ने डिजिटल और ई-कॉमर्स की बढ़ती ताकत को पहचाना। उन्होंने अपने उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर बेचने पर विशेष ध्यान दिया। इससे उन्हें पूरे भारत में ग्राहकों तक पहुंचने में मदद मिली। यह रणनीति उनके लिए गेम-चेंजर साबित हुई। कारण है कि इसने उन्हें पारंपरिक खुदरा स्टोर की बड़ी लागत से बचाया। साथ ही तेजी से बढ़ने का मौका दिया। समय के साथ TIGC ने अपनी प्रोडक्ट रेंज का विस्तार किया। पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं के कपड़ों के सेगमेंट में भी कदम रखा।
तेजी से बनाई अलग पहचान
अपनी क्वालिटी, डिजाइन और किफायती कीमतों के कारण 'द इंडियन गैराज कंपनी' ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की। अनंत तांतेड़ की नेतृत्व क्षमता और उनकी टीम की कड़ी मेहनत ने TIGC को एक छोटे स्टार्टअप से एक पहचान बनाने वाले ब्रांड में बदल दिया। आज, TIGC भारत के अग्रणी ऑनलाइन फैशन ब्रांडों में से एक है। इसकी उपस्थिति कई प्रमुख ई-कॉमर्स पोर्टल्स पर है। अनंत तांतेड़ ने हाल ही में क्रिकेटर सूर्यकुमार यादव को अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया। मीडिया रिपोर्टों के मुताबित, कंपनी का बिजनेस 220 करोड़ रुपये का है। अनंत तांतेड़ की कहानी दर्शाती है कि कैसे एक युवा उद्यमी, सीमित संसाधनों के बावजूद सही रणनीति और दृढ़ संकल्प के साथ सफल व्यवसाय खड़ा कर सकता है। यह सिर्फ एक कपड़ों के ब्रांड की कहानी नहीं, बल्कि सपने को हकीकत में बदलने की कहानी है।
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