प्रतापगढ़: उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से एक बड़े फर्जीवाड़ा गैंग का पर्दाफाश हुआ है। प्रतापगढ़ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए खुद को CBI और इनकम टैक्स अधिकारी बताकर लोगों से ठगी करने वाले संगठित गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस गिरोह के 5 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। इन लोगों हाल ही में एक व्यक्ति से 5 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी। इसके बाद से पुलिस लगातार इस गिरोह की तलाश में लगी हुई थी। आखिरकार पुलिस को फ्रॉडों तक पहुंचने में कामयाबी मिल गई।
क्या है घटना?घटना 14 जुलाई 2025 की शाम की है। गिरोह का सदस्य राम विशाल तिवारी ने महुआर गांव के एक व्यक्ति को मजदूर दिलाने के बहाने उडैयाडीह नहर पुलिया के पास बुलाया। वहीं पर पहले से मौजूद गिरोह का सरगना बृजेश सिंह ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए पीड़ित को धमकाया। इस दौरान राम सकल केवट और लल्लू केवट ने खुद को इनकम टैक्स विभाग का कर्मचारी बताया।
जांच के बहाने पीड़ित की गाड़ी की तलाशी ली गई। उसमें रखा 5 लाख रुपये का बैग निकाल लिया गया। यह बैग गिरोह के एक अन्य सदस्य रंजीत यादव को बीबीपुर नहर पुलिया के पास सौंप दिया गया। पुलिस जांच में यह सामने आया है कि गिरोह ने 17 जुलाई को महदहां गांव की बगिया में रुपयों के बंटवारे की योजना बनाई थी।
पांच आरोपियों की गिरफ्तारीमामले में पुलिस ने इस मामले पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने रंजीत कुमार (निवासी- प्रयागराज), बृजेश सिंह, रामसकल केवट, लल्लू केवट और राम विशाल तिवारी को अरेस्ट किया। इन सभी के खिलाफ प्रयागराज, उन्नाव, प्रतापगढ़, अम्बेडकरनगर और अमेठी जिलों में धोखाधड़ी, लूट, फर्जी दस्तावेज तैयार करना और अपहरण जैसे गंभीर अपराधों के कई मामले दर्ज हैं।
पुलिस ने आरोपियों के पास से फर्जी पहचान पत्र, सीबीआई और इनकम टैक्स विभाग के नकली आईडी कार्ड और नकली नोट बरामद किए हैं। पूछताछ में आरोपियों ने गिरोहबंद होकर ठगी करने और असली नोटों के साथ नकली नोट मिलाकर बाजार में चलाने की बात भी कबूल की है।
क्या है घटना?घटना 14 जुलाई 2025 की शाम की है। गिरोह का सदस्य राम विशाल तिवारी ने महुआर गांव के एक व्यक्ति को मजदूर दिलाने के बहाने उडैयाडीह नहर पुलिया के पास बुलाया। वहीं पर पहले से मौजूद गिरोह का सरगना बृजेश सिंह ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए पीड़ित को धमकाया। इस दौरान राम सकल केवट और लल्लू केवट ने खुद को इनकम टैक्स विभाग का कर्मचारी बताया।
जांच के बहाने पीड़ित की गाड़ी की तलाशी ली गई। उसमें रखा 5 लाख रुपये का बैग निकाल लिया गया। यह बैग गिरोह के एक अन्य सदस्य रंजीत यादव को बीबीपुर नहर पुलिया के पास सौंप दिया गया। पुलिस जांच में यह सामने आया है कि गिरोह ने 17 जुलाई को महदहां गांव की बगिया में रुपयों के बंटवारे की योजना बनाई थी।
पांच आरोपियों की गिरफ्तारीमामले में पुलिस ने इस मामले पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने रंजीत कुमार (निवासी- प्रयागराज), बृजेश सिंह, रामसकल केवट, लल्लू केवट और राम विशाल तिवारी को अरेस्ट किया। इन सभी के खिलाफ प्रयागराज, उन्नाव, प्रतापगढ़, अम्बेडकरनगर और अमेठी जिलों में धोखाधड़ी, लूट, फर्जी दस्तावेज तैयार करना और अपहरण जैसे गंभीर अपराधों के कई मामले दर्ज हैं।
पुलिस ने आरोपियों के पास से फर्जी पहचान पत्र, सीबीआई और इनकम टैक्स विभाग के नकली आईडी कार्ड और नकली नोट बरामद किए हैं। पूछताछ में आरोपियों ने गिरोहबंद होकर ठगी करने और असली नोटों के साथ नकली नोट मिलाकर बाजार में चलाने की बात भी कबूल की है।
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