लखनऊ: गोंडा के बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अतुल कुमार तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। उन पर गंभीर अनियमितताओं के आरोप हैं। उनके खिलाफ जांच के आदेश भी दिए हैं। यह कार्रवाई देवीपाटन मंडल के कमिश्नर और डीएम गोंडा की संस्तुति पर की गई है।
अतुल कुमार तिवारी पर फर्नीचर सप्लाई करने वाली कंपनी का टेंडर पास करने के एवज में सवा दो करोड़ की रिश्वत मांगने का आरोप है। इसमें 30 लाख रुपये का एडवांस भी मांग गया था। तिवारी के खिलाफ एंटी करप्शन कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था।
फिलहाल अतुल कुमार तिवारी को शासन ने निलंबित करते हुए उन्हें मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, लखनऊ मंडल से संबद्ध कर दिया गया है। इस बीच उनके खिलाफ जांच की जाएगी।
इससे पहले एंटी करप्शन कोर्ट ने गोंडा के बीएसए अतुल कुमार तिवारी, जिला समन्वयक निर्माण विद्याभूषण मिश्रा और जेम पोर्टल के जिला समन्वयक ₹15 करोड प्रेम शंकर मिश्रा के के टेंडर के लिए 15% कमिशन खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। तीनों पर 15 मांगने का करोड़ के टेंडर के लिए आरोप 15% कमिशन मांगने के आरोप थे। हालांकि बीएसए ने आरोपों को निराधार बताया था।
मोतीगंज निवासी मनोज कुमार पांडे ने कोर्ट में केस दर्ज करके आरोप लगाया था कि उन्होंने ₹15 करोड़ के फर्नीचर सप्लाई का टेंडर लिया था। इसकी मंजूरी के लिए 15% कमिशन मांगा गया। इसमें ₹50 लाख अडवांस मांगे गए। मनोज ने करीब ₹26 लाख दिए, लेकिन टेंडर नहीं मिला। इस पर बाकी रकम देने से मना किया तो फरवरी 2025 में फर्म ब्लैकलिस्ट कर फर्जी मुकदमा भी दर्ज करवा दिया गया।
अतुल कुमार तिवारी पर फर्नीचर सप्लाई करने वाली कंपनी का टेंडर पास करने के एवज में सवा दो करोड़ की रिश्वत मांगने का आरोप है। इसमें 30 लाख रुपये का एडवांस भी मांग गया था। तिवारी के खिलाफ एंटी करप्शन कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था।
फिलहाल अतुल कुमार तिवारी को शासन ने निलंबित करते हुए उन्हें मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, लखनऊ मंडल से संबद्ध कर दिया गया है। इस बीच उनके खिलाफ जांच की जाएगी।
इससे पहले एंटी करप्शन कोर्ट ने गोंडा के बीएसए अतुल कुमार तिवारी, जिला समन्वयक निर्माण विद्याभूषण मिश्रा और जेम पोर्टल के जिला समन्वयक ₹15 करोड प्रेम शंकर मिश्रा के के टेंडर के लिए 15% कमिशन खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। तीनों पर 15 मांगने का करोड़ के टेंडर के लिए आरोप 15% कमिशन मांगने के आरोप थे। हालांकि बीएसए ने आरोपों को निराधार बताया था।
मोतीगंज निवासी मनोज कुमार पांडे ने कोर्ट में केस दर्ज करके आरोप लगाया था कि उन्होंने ₹15 करोड़ के फर्नीचर सप्लाई का टेंडर लिया था। इसकी मंजूरी के लिए 15% कमिशन मांगा गया। इसमें ₹50 लाख अडवांस मांगे गए। मनोज ने करीब ₹26 लाख दिए, लेकिन टेंडर नहीं मिला। इस पर बाकी रकम देने से मना किया तो फरवरी 2025 में फर्म ब्लैकलिस्ट कर फर्जी मुकदमा भी दर्ज करवा दिया गया।
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