हम बात कर रहे हैं, यहां बहने वाली पांच सबसे अहम नदियों के बारे में, जिनकी वजह से नाम यहां का पंजाब पड़ा। ‘पंज’ मतलब पांच और ‘आब’ मतलब पानी। आज हम इस लेख के जरिए आपको बताएंगे आखिर ये नदियां कहां से निकलती हैं, कहां जाकर मिलती हैं, और क्यों आपको अपने ट्रेवल लिस्ट में इन्हें शामिल करना चाहिए। साथ ही ये भी बताएंगे कि कौन-सी नदियां भारत के पंजाब में बहती हैं और कौन-सी पाकिस्तान के पंजाब में बहती हैं।
सतलुज नदी
सबसे पहली नदी है - सतलुज नदी! ये नदी तिब्बत के राक्षसताल झील से निकलती है। हालांकि, कुछ भूवैज्ञानिक मानते हैं कि इसकी शुरुआत मानसरोवर झील से होती है, क्योंकि मानसरोवर का पानी राक्षसताल में जाकर मिलता है। खैर बात जो भी हो, सतलुज नदी हिमाचल प्रदेश से होते हुए पंजाब में रूपनगर (रोपड़) जिले से एंटर करती है। इसके बाद ये अमृतसर से गुजरती है और आखिर में पाकिस्तान के उच शरीफ के पास चिनाब नदी में मिल जाती है।पंजाब में सतलुज नदी का नजारा बहुत ही खूबसूरत लगता है! नदी के दोनों ओर हरियाली से ढकी जमीन इसे और भी सुंदर बना देती है। सतलुज नदी के किनारे बहुत लंबे हैं, आप इसे एक ड्राइव के जरिए देख सकते हैं। ड्राइव पर निकलते समय नंगल डैम, नाथपा झाकड़ी डैम और कर्चम वांगतू डैम जैसे शानदार डैम्स भी देख सकते हैं।
रावी नदी

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की ऊंची-ऊंची हिमालय की पहाड़ियों से एक बेहद खूबसूरत नदी निकलती है - रावी नदी। ये वही रावी है जो पंजाब की 5 प्रमुख नदियों में गिनी जाती है। हिमाचल से निकलने के बाद ये नदी पंजाब के पठानकोट जिले में पहुंचती है। इसके बाद ये भारत और पाकिस्तान की सीमा के साथ-साथ बहती है और अमृतसर और गुरदासपुर को पाकिस्तान से अलग करती है। रावी आगे चलकर चेनाब नदी में मिल जाती है - बिलकुल वैसे ही जैसे सतलुज मिलती है।हिंदू वेदों में रावी को प्राचीन इरावती नदी कहा गया है, और ऐसा माना जाता है कि यहीं दस राजाओं का मशहूर युद्ध भी हुआ था। धार्मिक मान्यता के साथ-साथ रावी नदी की खूबसूरती भी लोगों को बहुत आकर्षित करती है। अगर आप घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो रावी नदी पर बने ये कुछ खास डैम जरूर देखें: रणजीत सागर डैम, शाहपुर कांडी डैम, करचम डैम, चंबा का चमेर डैम और कौशल्या डैम।
व्यास नदी
व्यास कुंड हिमालय में स्थित है और यहां से व्यास नदी अपनी यात्रा शुरू करती है! यहां से निकलकर ये नदी हिमाचल प्रदेश के कई खूबसूरत इलाकों से होती हुई पंजाब के होशियारपुर जिले में पहुंचती है। इसके बाद यह लंबी दूरी तय करके तरनतारन जिले के हरिके में सतलुज नदी से मिल जाती है।अपने रास्ते में व्यास नदी धरती की खूबसूरती को और बढ़ाती है और कई शहरों, कस्बों और गांवों के लिए पानी का अहम जरिया बनती है। भारत के इतिहास में भी ब्यास नदी का खास जिक्र है - कहते हैं सिकंदर की भारत पर चढ़ाई के समय यही नदी उसकी सबसे बड़ी रुकावट बनी थी। अगर आप यहां आते हैं तो पोंग डैम और पंडोह डैम देखना बिल्कुल न भूलें!
झेलम नदी
झेलम नदी की शुरुआत हिमालय से नहीं होती। झेलम नदी की शुरुआत जम्मू-कश्मीर के वेरीनाग झरने से होती है। दूसरी खास बात इसका रास्ता है। झेलम नदी पाकिस्तान के पंजाब राज्य से होकर बहती है। यह नदी पाकिस्तान के झंग जिले में चिनाब नदी में मिल जाती है। आप कुछ और जगह भी देख सकते हैं जैसे - मंगला डैम, उरी डैम और रसूल बैराज!
चेनाब नदी

चेनाब नदी हिमाचल के लाहौल-स्पीति जिले में हिमालय की पहाड़ियों से निकलती है। फिर ये जम्मू-कश्मीर की खूबसूरत वादियों से होती हुई बहती है। इसके बाद, झेलम की तरह, ये भी पाकिस्तान के पंजाब राज्य की ओर मुड़ जाती है। अगर इसकी खूबसूरती की बात करें तो आप इसे देख कर मंत्रमुग्ध हो जाएंगे! असल में ‘चेन’ का मतलब होता है चांद और ‘आब’ का मतलब होता है पानी। कहा जाता है हीर और रांझा की पहली मुलाकात भी यहीं हुई थी!
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