मॉस्को: पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान अब भारत के संभावित ऐक्शन को लेकर घबराया हुआ है। पाकिस्तान ने दुनियाभर के देशों में अपने दूतावासों को सक्रिय कर दिया है, ताकि वे उन्हें भारत को मनाने के लिए तैयार कर सकें। इसी कड़ी में मॉस्को में तैनात पाकिस्तानी राजदूत मोहम्मद खालिद जमाली ने भारत के साथ तनाव कम करने के लिए रूस से मदद मांगी है। खास बात ये है कि ये वही जमाली हैं, जो दो दिन पहले रूस में बैठकर भारत को परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दे रहे थे। लेकिन अब उसी रूस के सामने भारत से बचाने के लिए गिड़गिड़ा रहे हैं। पाकिस्तानी राजदूत की निकली हेकड़ी22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। विश्लेषक ताजा संकट के सैन्य संघर्ष में बदलने की आशंका जता रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को ऑपरेशनल छूट दे रखी है। यही वजह है कि भारत को परमाणु हमल के धमकी दे रहे रूस में पाकिस्तान के राजदूत की हेकड़ी दो दिन में ही निकल गई है। रूस-भारत के अच्छे संबंधों की दिलाई यादरूस की सरकारी समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, एक साक्षात्कार में राजदूत मोहम्मद खालिद जमाली ने कहा कि रूस की भारत के साथ विशेष रणनीतिक साझेदारी है और पाकिस्तान के साथ भी उसके बहुत अच्छे संबंध हैं, ऐसे में वह 1966 के ताशकंद समझौते की तरह मध्यस्थता के लिए अपने अच्छे संबंधों का इस्तेमाल कर सकता है। ताशकंद में तत्कालीन सोवियत संघ के प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच सशस्त्र संघर्ष को समाप्त करने में मदद की थी। इससे पहले, शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ फोन पर बातचीत के दौरान रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने दोनों पक्षों से 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर घोषणापत्र की भावना के अनुरूप पहलगाम हमले के बाद तनाव कम करने का आग्रह किया था, जिसमें तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के बिना द्विपक्षीय रूप से मुद्दों को हल करने का प्रावधान है। एजेंसी इनपुट के साथ
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