बीजिंग : क्या चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की सत्ता का अंत होने वाला है? क्या चीन में तख्तापलट की साजिश चल रही है? ये सारे सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पिछले दो सप्ताह से गायब हैं। मई के आखिर और जून की शुरुआत के दौरान उन्हें कहीं देखा नहीं गया है। चीनी सरकार के मुखपत्र पीपुल्स डेली में भी उनकी खबर नहीं है, जबकि वो रोजाना उसकी खबरों का हिस्सा होते थे। इस बीच कम्युनिस्ट पार्टी के दूसरे नेताओं की बीजिंग के भव्य हॉल में आने वाले गणमान्य व्यक्तियों की मेजबानी की खबरें सुर्खियां बनीं। चीन में सीनियर नेताओं का चुपके से सत्ता से हटा दिए जाने का इतिहास रहा है। ऐसे में ये सवाल बेमानी नहीं है कि कहीं शी जिनपिंग के खिलाफ भी ऐसी ही तैयारी तो नहीं चल रही है।
इसी साल जून की शुरुआत में जब शी जिनपिंग ने बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ मुलाकात की, तो सेटिंग आश्चर्यजनक रूप से छोटी थी। रेड कार्पेट की चमक-दमक गायब थी। इससे भी अजीब यह है कि शी जिनपिंग की निजी सुरक्षा लगभग आधी कर दी है। उनके पिता की भव्य समाधि का आधिकारिक दर्जा खत्म हो गया है।
पीएलए जनरल के साथ झगड़ा
इस बीच शी जिनपिंग और चीन की शक्तिशाली पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जनरल झांग यूक्सिया के बीच झगड़ा होने की खबर है। जनरल झांग ने ही शी जिनपिंग को तीसरा कार्यकाल दिलाने में मदद की थी। सीएनएन-न्यूज 18 की रिपोर्ट में सूत्र के हवाले से बताया गया है कि वर्तमान में वास्तविक शक्ति जनरल झांग यूक्सिया के पास है, जो सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के पहले उपाध्यक्ष हैं, जिन्हें चीन के पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ के गुट का समर्थन हासिल है।
शी के वफादार जनरल गायब
शी के प्रति वफादार दर्जनों जनरल गायब हो गए हैं या उन्हें बदल दिया गया है। शी के साथ जो होने की अटकलें लगाई जा रही हैं, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी पहले भी तीन नेताओं के साथ ऐसा कर चुकी है, जब उन्हें महज औपचारिक भूमिकाओं तक सीमित कर दिया गया। इस बीच चीन में एक नए चेहरे की भी चर्चा शुरू हो गई है। वांग यी का नाम संभावित रूप से चर्चा में है। डेंग शियाओपिंग के गुमनामी से बाहर निकलने के बाद वांग सुधार का नेतृत्व करते हैं।
हू जिंताओ गुट ने शुरू किया खेल
साल 2022 में पूरी दुनिया ने देखा जब चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की अहम बैठक में शी जिनपिंग के पूर्ववर्ती हू जिंताओं को कैमरों के सामने मंच से हटाकर बाहर कर दिया गया था। चीन की शिन्हुओ एजेंसी ने बाद में कहा कि हू अस्वस्थ महसूस कर रहे थे, लेकिन कैमरों में साफ दिख रहा था कि वे मंच से हटने के लिए इच्छुक नहीं थे। यहां तक कि उन्होंने शी जिनपिंग के नोट्स भी लिए थे, लेकिन जिनपिंग ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया।
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2013 में शी के सत्ता में आने से पहले एक दशक तक चीन के सर्वेसर्वा रहे जिंताओ को जिस तरह से बाहर किया गया, वह जिनपिंग की बढ़ती ताकत को दिखाने के लिए काफी था। लेकिन अब शी के साथ हो रहा है और कहा जा रहा है कि हू जिंताओ गुट इसके पीछे है। जिनपिंग का दो सप्ताह से परिदृश्य से गायब होना इसी की एक कड़ी बताया जा रहा है। हालांकि, खुफिया सूत्र इससे सतर्क होने की सलाह देते हैं, क्योंकि चीन अपनी आंतरिक समस्याओं को बाहरी रूप देने के लिए जाना जाता है। खुफिया सूत्रों ने चेतावनी दी है कि पीएलए के पश्चिमी थिएटर कमान में फेरबदल से अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में नई झड़पें हो सकती हैं।
इसी साल जून की शुरुआत में जब शी जिनपिंग ने बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ मुलाकात की, तो सेटिंग आश्चर्यजनक रूप से छोटी थी। रेड कार्पेट की चमक-दमक गायब थी। इससे भी अजीब यह है कि शी जिनपिंग की निजी सुरक्षा लगभग आधी कर दी है। उनके पिता की भव्य समाधि का आधिकारिक दर्जा खत्म हो गया है।
पीएलए जनरल के साथ झगड़ा
इस बीच शी जिनपिंग और चीन की शक्तिशाली पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के जनरल झांग यूक्सिया के बीच झगड़ा होने की खबर है। जनरल झांग ने ही शी जिनपिंग को तीसरा कार्यकाल दिलाने में मदद की थी। सीएनएन-न्यूज 18 की रिपोर्ट में सूत्र के हवाले से बताया गया है कि वर्तमान में वास्तविक शक्ति जनरल झांग यूक्सिया के पास है, जो सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के पहले उपाध्यक्ष हैं, जिन्हें चीन के पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ के गुट का समर्थन हासिल है।
शी के वफादार जनरल गायब
शी के प्रति वफादार दर्जनों जनरल गायब हो गए हैं या उन्हें बदल दिया गया है। शी के साथ जो होने की अटकलें लगाई जा रही हैं, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी पहले भी तीन नेताओं के साथ ऐसा कर चुकी है, जब उन्हें महज औपचारिक भूमिकाओं तक सीमित कर दिया गया। इस बीच चीन में एक नए चेहरे की भी चर्चा शुरू हो गई है। वांग यी का नाम संभावित रूप से चर्चा में है। डेंग शियाओपिंग के गुमनामी से बाहर निकलने के बाद वांग सुधार का नेतृत्व करते हैं।
हू जिंताओ गुट ने शुरू किया खेल
साल 2022 में पूरी दुनिया ने देखा जब चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की अहम बैठक में शी जिनपिंग के पूर्ववर्ती हू जिंताओं को कैमरों के सामने मंच से हटाकर बाहर कर दिया गया था। चीन की शिन्हुओ एजेंसी ने बाद में कहा कि हू अस्वस्थ महसूस कर रहे थे, लेकिन कैमरों में साफ दिख रहा था कि वे मंच से हटने के लिए इच्छुक नहीं थे। यहां तक कि उन्होंने शी जिनपिंग के नोट्स भी लिए थे, लेकिन जिनपिंग ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया।
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2013 में शी के सत्ता में आने से पहले एक दशक तक चीन के सर्वेसर्वा रहे जिंताओ को जिस तरह से बाहर किया गया, वह जिनपिंग की बढ़ती ताकत को दिखाने के लिए काफी था। लेकिन अब शी के साथ हो रहा है और कहा जा रहा है कि हू जिंताओ गुट इसके पीछे है। जिनपिंग का दो सप्ताह से परिदृश्य से गायब होना इसी की एक कड़ी बताया जा रहा है। हालांकि, खुफिया सूत्र इससे सतर्क होने की सलाह देते हैं, क्योंकि चीन अपनी आंतरिक समस्याओं को बाहरी रूप देने के लिए जाना जाता है। खुफिया सूत्रों ने चेतावनी दी है कि पीएलए के पश्चिमी थिएटर कमान में फेरबदल से अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में नई झड़पें हो सकती हैं।
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