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ईरान के पास केवल दो सप्ताह... ट्रंप ने शिया देश को दिया सीधा अल्टीमेटम, जानें युद्धविराम को लेकर क्या बोले अमेरिकी राष्ट्रपति

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वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि वह इजरायल और ईरान के बीच चल रहे हवाई संघर्ष में युद्ध विराम का समर्थन कर सकते हैं, जो अब अपने दूसरे सप्ताह में है। उन्होंने कहा कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि 'परिस्थितियां कैसे सामने आती हैं।' पत्रकारों के इस सवाल पर क्या वह वार्ता जारी रहने के दौरान संघर्ष विराम का समर्थन करेंगे, ट्रंप ने कहा, परिस्थितियों के आधार पर मैं कर सकता हूं। ट्रंप ने यह भी कहा कि ईरान और इजरायल के बीच युद्ध में यूरोप ज्यादा मदद नहीं कर पाएगा।



ईरान को दो सप्ताह पर समय

इसके साथ ही ट्रंप ने चेतावनी भी दी कि ईरान के पास अमेरिकी सैन्य कार्रवाई से बचने के लिए ज्यादा समय नहीं है। उन्होंने कहा, 'मैं एक समयावधि दे रहा हूं और मैं कहूंगा कि अधिकतम दो सप्ताह होंगे।' उन्होंने संकेत दिया कि फैसला जल्दी आ सकता है। ट्रंप ने कहा, 'ईरान यूरोप से बात नहीं करना चाहता। वे हमसे बात करना चाहते हैं। यूरोप इसमें मदद नहीं कर पाएगा।' इस बीच ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने शुक्रवार को जिनेवा में अपने यूरोपीय समकक्षों के सात बातचीत की।



ईरान में सेना भेजने पर दिया जवाब

यूरोपीय नेताओं ने तेहरान से वाशिंगटन के साथ सीधे जुड़ने का आग्रह किया, लेकिन चर्चा बिना किसी सफलता के खत्म हुई। जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या ईरान में अमेरिकी सैनिक उतारे जा सकते हैं तो ट्रंप ने कहा, 'ठीक है, मैं जमीनी बलों (ग्राउंड फोर्सेज) के बारे में बात नहीं करने जा रहा हूं, क्योंकि जमीनी बल आखिरी चीज है, जो आप करना चाहते हैं।'



इजरायल और ईरान के बीच युद्ध 13 जून को शुरू हुआ, जब इजरायली वायु सेना ने ईरानी क्षेत्र पर हमले शुरू किए। इसके बाद ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए इजरायल के ऊपर सैकड़ों मिसाइलें दागी हैं, जिनमें बैलिस्टिक और हाइपरसोनिक हथियार हैं। इजरायल ने कहा है कि उसकी कार्रवाई ईरान को परमाणु हथियार से रोकने के लिए है। अमेरिका स्थित मानवाधिकार एजेंसी के अनुसार, इजरायल के हमलों में ईरान में 639 लोग मारे गए हैं। वहीं, इजरायल ने ईरानी हमलों में 24 नागरिकों की मौत की सूचना दी है।

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