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S-400 ने पाकिस्तानी विमानों को मारकर बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, क्या अब पुतिन के साथ Su-57, S-500, R-37M की होगी डील?

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मॉस्को/नई दिल्ली: बेंगलुरु में वायु सेना "कात्रे मेमोरियल लेक्चर" में बोलते हुए भारतीय वायु सेना के प्रमुख एपी सिंह ने कहा कि S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने 300 किलोमीटर से ज्यादा दूरी से पाकिस्तानी सर्विलांस एयरक्राफ्ट को मारकर रिकॉर्ड कायम किया है। इसके अलावा वायुसेना प्रमुख ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की सटीकता का खास तौर पर जिक्र किया है, जिससे भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के कम से कम 11 एयरबेस पर सटीक हमले किए। भारतीय वायुसेना ने ऐसे घातक हथियार पड़ोसी देश के खिलाफ ही रणनीति बनाकर तैयार किए हैं, जिनके साथ कम से कम तीन बार पूर्ण युद्ध और कई छोटी झड़पें हो चुकी हैं। जबकि पाकिस्तान ने अपनी सीमित क्षमता के साथ अपनी वायुसेना को मजबूत करने पर पूरा ध्यान दिया है।



भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष में कई देशों के हथियार और प्लेटफॉर्म इस्तेमाल किए गये। जिनमें अमेरिका, रूस, फ्रांस, तुर्की और चीन के हथियार शामिल थे। पाकिस्तान ने भी भारतीय विमानों को मारने का दावा किया और भारत ने भी पाकिस्तानी विमानों को मारने का दावा किया। लेकिन हकीकत ये है कि दोनों ही तरफ के विमान अगर गिरे हैं तो अपने अपने क्षेत्र में ही गिरे, क्योंकि वियॉल्ड विजुअल रेंज (BVR) मिसाइलें और लंबी दूरी की सतह से आकाश में मार करने वाली मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया।



एस-400 ने 300 किलोमीटर से निशाना लगाकर बनाया रिकॉर्ड

ऑपरेशन सिंदूर सीजफायर के ठीक बाद ही नवभारत टाइम्स ने अपने पाठकों को बता दिया था कि भारत ने एस-400 से 314 किलोमीटर दूर उड़ रहे पाकिस्तानी अवाक्स सर्विलांस एयरक्राफ्ट को मारकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। भारतीय वायुसेना प्रमुख ने अब उस बात की पुष्टि की है। वायुसेना प्रमुख ने बताया कि भारतीय एस-400 ने लगभग पांच पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को हवा में ही मार गिराया। इसके अलावा, वायु सेना प्रमुख ने बताया कि हवाई हमलों के दौरान कम से कम तीन F-16 और एक C-130 विमान भी नष्ट कर दिए गए। इसके अलावा ऑपरेशन सिंदूर में फ्रांस के SCALP मिसाइल, स्वदेशी स्काईस्ट्राइकर और इजरायली हारोप ड्रोन जैसे हथियारों ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया। लेकिन सबसे ज्यादा तारीफ रूसी S-400 और भारत-रूस के ब्रह्मोस मिसाइल की हो रही है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कम से कम 15 ब्रह्मोस मिसाइलें पाकिस्तान पर दागी गईं और एक भी ब्रह्मोस को पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम इंटरसेप्ट नहीं कर पाया।



यानि ऑपरेशन सिंदूर ने दिखा दिया है कि भविष्य के युद्धों में एयर डिफेंस सिस्टम और मिसाइल क्षमता निर्णायक भूमिका निभाने वाली हैं। भारतीय सेना में करीब 60% प्लेटफॉर्म रूसी मूल के हैं और इनका प्रदर्शन दशकों से भरोसेमंद रहा है। ऐसे में अब जबकि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दौरे पर आने वाले हैं, तब चर्चाएं तेज हो गई हैं कि क्या एस-400 की शक्ति पर गर्व करने वाला भारत, रूस से एस-500 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदेगा? एस-500 के साथ साथ रूस ने भारत तो पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान एसयू-57 और लॉन्ग रेंज एयर टू एयर मिसाइल R-37M का भी ऑफर दे रखा है। रूस के ऑफर में मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही निर्माण शामिल है, इसीलिए सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत, चीन और पाकिस्तान के खतरों को देखते हुए रूस के साथ और रक्षा सहयोग करेगा?

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