इस्लामाबाद/ढाका: शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद पाकिस्तान लगातार बांग्लादेश से नजदीकी बढ़ा रहा है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस पहले से ही एक के बाद एक भारत विरोधी फैसले ले रहे है। इस बीच पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े सैन्य अधिकारी, ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ढाका पहुंचे हैं। इससे एक हफ्ते पहले भारतीय सैन्य खुफिया अधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा करने के बाद बांग्लादेश की राजधानी से वापस भारत लौटी है।
पिछले साल अगस्त में शेख हसीना की अवामी लीग की सरकार के पतन के बाद, पिछले लगभग दस महीनों में पाकिस्तान के कई सैन्य अधिकारियों ने ढाका का दौरा किया है, लेकिन जनरल परवेज मुशर्रफ के बाद पहली बार किसी इतने बड़े अधिकारी का ढाका दौरा हो रहा है। बांग्लादेश के सैन्य अधिकारी भी पिछले साल से लगातार इस्लामाबाद पहुंच रहे हैं और कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI बांग्लादेश में एक्टिव हो चुकी है।
पाकिस्तान के टॉप सैन्य अधिकारी का ढाका दौरा
पाकिस्तान का मकसद भारत के खिलाफ बांग्लादेश वाला फ्रंट खोलना हो सकता है। खासकर जब से तालिबान उसे चुनौती दे रहा है, तबसे वो भारत के खिलाफ नया खुराफात करने की कोशिशों में लगा हुआ है। इसीलिए भारत को सतर्क रहने की जरूरत होगी। जनरल मिर्जा की यात्रा को बांग्लादेशी सेना अत्यंत महत्वपूर्ण मान रही है, जो लगातार तुर्की और चीन से भी संबंधों को बढ़ावा दे रही है। ऐसी रिपोर्ट है कि बांग्लादेश, चीन से J-10C लड़ाकू विमान खरीदने की योजना बना रही है, जबकि तुर्की से बायरकतार ड्रोन और एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने को लेकर बातचीत आखिरी दौर में पहुंच चुकी है।
जनरल मिर्जा पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों की छह सदस्यीय टीम का नेतृत्व कर रहे हैं जो अमीरात एयरलाइंस की उड़ान (EK-584) से रात करीब 11:30 बजे के बाद ढाका के हजरत शाह जलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे। पाकिस्तानी अधिकारियों की बांग्लादेश के साथ होने वाली बैठक को अत्यंत गोपनीय रखा जा रहा है, खासकर उस वक्त जब कई खुफिया अधकारी भी डेलिगेशन में मौजूद हो।
भारत के खिलाफ एकसाथ बांग्लादेश-पाकिस्तान
भारत के लिए चिंता यहीं खत्म नहीं होती। जनरल मिर्जा की यात्रा के फौरन बाद पाकिस्तान के संघीय आर्थिक मामलों के मंत्री अहद खान चीमा 26 अक्टूबर को नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ ढाका पहुंचेंगे। यह प्रतिनिधिमंडल अगले दिन बांग्लादेशी नेतृत्व के साथ एक संयुक्त आर्थिक आयोग के गठन पर बात करेगा। चीमा के साथ आने वाला दल बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और विदेश एवं वाणिज्य मंत्रालय के सलाहकारों तौहीद हुसैन और शेख बशीर उद्दीन से मुलाकात करेगा। इससे पहले भी पाकिस्तान के कई सीनियर सैन्य अधिकारी, जिनमें ज्वॉइंट स्टाफ हेडक्वार्टर के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल तबस्सुम हबीब और सियालकोट स्थित 15वीं इन्फैंट्री डिवीजन के मेजर जनरल शामिल हैं, वो ढाका का दौरा कर चुके हैं।
इससे पहले इसी साल मई में पाकिस्तान सेना की मेडिकल कोर के तीन ब्रिगेडियरों ने बांग्लादेश का दौरा किया था और कॉक्स बाजार के पास स्थित 10वीं इन्फैंट्री डिवीजन के मुख्यालय का भी दौरा किया था। जनरल साहिर शमशाद मिर्ज़ा, जो नवंबर 2022 में CJCSC नियुक्त हुए थे, हाल ही में कश्मीर मुद्दे पर बयान देकर सुर्खियों में आए थे। उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के विवादों के समाधान के लिए किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता "जरूरी" है। इसके अलावा उन्होंने 16 अक्टूबर को कहा था कि भारतीय सेना का राजनीतिकरण हो गया है, जिसको लेकर उनका काफी मजाक बना था, क्योंकि पाकिस्तान की सेना ही सालों से पाकिस्तान पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से शासन करती रही है।
पिछले साल अगस्त में शेख हसीना की अवामी लीग की सरकार के पतन के बाद, पिछले लगभग दस महीनों में पाकिस्तान के कई सैन्य अधिकारियों ने ढाका का दौरा किया है, लेकिन जनरल परवेज मुशर्रफ के बाद पहली बार किसी इतने बड़े अधिकारी का ढाका दौरा हो रहा है। बांग्लादेश के सैन्य अधिकारी भी पिछले साल से लगातार इस्लामाबाद पहुंच रहे हैं और कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि अब पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI बांग्लादेश में एक्टिव हो चुकी है।
पाकिस्तान के टॉप सैन्य अधिकारी का ढाका दौरा
पाकिस्तान का मकसद भारत के खिलाफ बांग्लादेश वाला फ्रंट खोलना हो सकता है। खासकर जब से तालिबान उसे चुनौती दे रहा है, तबसे वो भारत के खिलाफ नया खुराफात करने की कोशिशों में लगा हुआ है। इसीलिए भारत को सतर्क रहने की जरूरत होगी। जनरल मिर्जा की यात्रा को बांग्लादेशी सेना अत्यंत महत्वपूर्ण मान रही है, जो लगातार तुर्की और चीन से भी संबंधों को बढ़ावा दे रही है। ऐसी रिपोर्ट है कि बांग्लादेश, चीन से J-10C लड़ाकू विमान खरीदने की योजना बना रही है, जबकि तुर्की से बायरकतार ड्रोन और एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने को लेकर बातचीत आखिरी दौर में पहुंच चुकी है।
जनरल मिर्जा पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों की छह सदस्यीय टीम का नेतृत्व कर रहे हैं जो अमीरात एयरलाइंस की उड़ान (EK-584) से रात करीब 11:30 बजे के बाद ढाका के हजरत शाह जलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे। पाकिस्तानी अधिकारियों की बांग्लादेश के साथ होने वाली बैठक को अत्यंत गोपनीय रखा जा रहा है, खासकर उस वक्त जब कई खुफिया अधकारी भी डेलिगेशन में मौजूद हो।
भारत के खिलाफ एकसाथ बांग्लादेश-पाकिस्तान
भारत के लिए चिंता यहीं खत्म नहीं होती। जनरल मिर्जा की यात्रा के फौरन बाद पाकिस्तान के संघीय आर्थिक मामलों के मंत्री अहद खान चीमा 26 अक्टूबर को नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ ढाका पहुंचेंगे। यह प्रतिनिधिमंडल अगले दिन बांग्लादेशी नेतृत्व के साथ एक संयुक्त आर्थिक आयोग के गठन पर बात करेगा। चीमा के साथ आने वाला दल बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और विदेश एवं वाणिज्य मंत्रालय के सलाहकारों तौहीद हुसैन और शेख बशीर उद्दीन से मुलाकात करेगा। इससे पहले भी पाकिस्तान के कई सीनियर सैन्य अधिकारी, जिनमें ज्वॉइंट स्टाफ हेडक्वार्टर के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल तबस्सुम हबीब और सियालकोट स्थित 15वीं इन्फैंट्री डिवीजन के मेजर जनरल शामिल हैं, वो ढाका का दौरा कर चुके हैं।
इससे पहले इसी साल मई में पाकिस्तान सेना की मेडिकल कोर के तीन ब्रिगेडियरों ने बांग्लादेश का दौरा किया था और कॉक्स बाजार के पास स्थित 10वीं इन्फैंट्री डिवीजन के मुख्यालय का भी दौरा किया था। जनरल साहिर शमशाद मिर्ज़ा, जो नवंबर 2022 में CJCSC नियुक्त हुए थे, हाल ही में कश्मीर मुद्दे पर बयान देकर सुर्खियों में आए थे। उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के विवादों के समाधान के लिए किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता "जरूरी" है। इसके अलावा उन्होंने 16 अक्टूबर को कहा था कि भारतीय सेना का राजनीतिकरण हो गया है, जिसको लेकर उनका काफी मजाक बना था, क्योंकि पाकिस्तान की सेना ही सालों से पाकिस्तान पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से शासन करती रही है।
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