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Software Industry : एक हैदराबाद के लड़के से माइक्रोसॉफ्ट का CEO बनने का सफर जानिए सत्या नडेला की अद्भुत कहानी

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Software Industry : एक हैदराबाद के लड़के से माइक्रोसॉफ्ट का CEO बनने का सफर जानिए सत्या नडेला की अद्भुत कहानी

News India Live, Digital Desk: Software Industry : दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ (CEO) सत्या नडेला का नाम आज किसी पहचान का मोहताज नहीं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक छोटे से शहर हैदराबाद का यह लड़का कैसे दुनिया की इस दिग्गज कंपनी का नेतृत्व करने लगा? आइए, जानते हैं सत्या नडेला की प्रेरणादायक सफलता की कहानी, उनकी शिक्षा से लेकर उनके करियर और निजी जीवन तक के दिलचस्प पहलुओं को।

बचपन और शुरुआती शिक्षा:
सत्या नडेला का जन्म 1967 में हैदराबाद, तेलंगाना (तब आंध्र प्रदेश) में हुआ था। उनके पिता एक भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी थे और उनकी माँ संस्कृत की प्रोफेसर थीं। सत्या ने हैदराबाद पब्लिक स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। यहीं से उन्होंने कंप्यूटर साइंस और क्रिकेट के प्रति अपनी दिलचस्पी विकसित की।

उच्च शिक्षा और शुरुआती करियर:
स्नातक की पढ़ाई के लिए उन्होंने भारत के प्रतिष्ठित मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) को चुना, जहाँ से उन्होंने 1988 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की। उच्च शिक्षा के लिए वे अमेरिका चले गए। उन्होंने विस्कॉन्सिन-मिल्वौकी यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में मास्टर ऑफ़ साइंस (MS) की डिग्री ली और बाद में शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस से एमबीए (MBA) भी किया। माइक्रोसॉफ्ट से जुड़ने से पहले, सत्या सन माइक्रोसिस्टम्स (Sun Microsystems) में काम करते थे।

माइक्रोसॉफ्ट में शानदार करियर:
1992 में सत्या नडेला ने माइक्रोसॉफ्ट में एंट्री की। यहां उन्होंने तेजी से तरक्की की। वे कई महत्वपूर्ण डिवीजनों में शामिल रहे, जिनमें क्लाउड और एंटरप्राइज़ ग्रुप (Cloud and Enterprise Group) और माइक्रोसॉफ्ट बिज़नेस सॉल्यूशंस (Microsoft Business Solutions) शामिल हैं। क्लाउड कंप्यूटिंग (Cloud Computing) के क्षेत्र में उनके योगदान ने कंपनी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। वे ‘अज़ूर’ (Azure) जैसे उत्पादों की सफलता के पीछे एक प्रमुख चेहरा रहे हैं, जिसने माइक्रोसॉफ्ट को डेटा सेंटर्स से क्लाउड कंप्यूटिंग में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने में मदद की। उनकी इसी दूरदृष्टि और नेतृत्व क्षमता के चलते 2014 में उन्हें स्टीव बाल्मर के बाद माइक्रोसॉफ्ट का सीईओ बनाया गया।

एक संवेदनशील और दूरदर्शी नेता:
सीईओ बनने के बाद, सत्या नडेला ने माइक्रोसॉफ्ट की संस्कृति को पूरी तरह बदल दिया। उन्होंने ‘फिक्सड माइंडसेट’ की जगह ‘ग्रोथ माइंडसेट’ (Growth Mindset) पर जोर दिया, जहाँ सीखना और बदलाव को प्राथमिकता दी गई। उन्होंने प्रतिस्पर्धियों के साथ सहयोग किया और माइक्रोसॉफ्ट को एक ‘खुले’ पारिस्थितिकी तंत्र (Open Ecosystem) की ओर ले गए, जिससे कंपनी की प्रतिष्ठा और बाजार मूल्य में जबरदस्त इजाफा हुआ। उनका संवेदनशीलता और विनम्रता वाला अंदाज़ भी उन्हें एक अलग लीडर बनाता है।

व्यक्तिगत जीवन:
सत्या नडेला ने 1992 में अनुपमा से शादी की। उनकी अनुपमा उनके पिता के सहकर्मी की बेटी हैं। उनके तीन बच्चे हैं – एक बेटा और दो बेटियां। परिवार उनकी प्राथमिकता रहा है। सत्या नडेला एक सफल पेशेवर होने के साथ-साथ एक अनुशासित व्यक्ति और एक क्रिकेट प्रेमी भी हैं। उनका मानना है कि ‘आप क्या कहते हैं’ से ज्यादा महत्वपूर्ण ‘आप क्या करते हैं’।

सत्या नडेला की कहानी सिर्फ एक बिजनेस सक्सेस स्टोरी नहीं है, बल्कि यह दिखाती है कि कैसे विनम्रता, दूरदर्शिता और सीखने की ललक से कोई भी व्यक्ति शिखर तक पहुंच सकता है।

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