इंदौर शहर में बढ़ते ट्रैफिक को नियंत्रित करने और बेहतर कनेक्टिविटी के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया है।
शहर में 160 किलोमीटर लंबा आउटर रिंग रोड बनाया जा रहा है, जिसे पूर्वी और पश्चिमी रिंग रोड के रूप में दो चरणों में विकसित किया जाएगा। इस रिंग रोड तक शहर के अंदर से आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए 100 किलोमीटर लंबी नई सड़कें बनाने की योजना बनाई गई है।
इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) ने मास्टर प्लान के तहत 10 नई सड़कों का प्रस्ताव तैयार किया है, जिनकी कुल लंबाई 100 किमी होगी और इस पर 1000 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है।
इस संबंध में शुक्रवार को सांसद शंकर लालवानी और महापौर पुष्यमित्र भार्गव की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जिसमें प्रस्तावित परियोजनाओं की समीक्षा की गई।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरपी अहिरवार के मुताबिक, मास्टर प्लान की इन नई सड़कों के निर्माण से इंदौर का यातायात ज्यादा संगठित और सुगम हो जाएगा।
बैठक में एनएचएआई प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल, नगर एवं ग्राम निवेश के संयुक्त संचालक शुभाशीष बैनर्जी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि मास्टर प्लान के अंतर्गत शहर की प्रमुख सड़कों—जैसे एमआर-3 से एमआर-12 तक—को नवीन सड़कों से जोड़कर सीधे आउटर रिंग रोड तक पहुंचाया जाएगा।
इससे शहर के अलग-अलग इलाकों से आउटर रिंग रोड तक तेज और आसान कनेक्टिविटी सुनिश्चित हो सकेगी।
परियोजना के लाभ:
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इंदौर में ट्रैफिक का दबाव होगा कम
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शहर के विकास को मिलेगी रफ्तार
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आउटर रिंग रोड से शहर के भीतर और बाहर आने-जाने में सुविधा
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आधुनिक मास्टर प्लान के तहत सुव्यवस्थित शहरी विस्तारयोजना,
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