हैदराबाद (सिंध): सिंधु नदी के उत्तरी भाग में बांध के निर्माण और इसकी झील में एकत्रित पानी को पंजाब के ओलीशान रेगिस्तान तक पहुंचाने के खिलाफ पूरे सिंध में व्यापक विरोध हो रहा है। इसके कारण सिंध में सिंधु नदी का जल प्रवाह कम होने की संभावना है।
पाकिस्तान की संघीय सरकार के इस फैसले के खिलाफ वकीलों ने खैरपुर में बाबरबाव बाईपास के पास धरना शुरू कर दिया है, जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात ठप हो गया है।
इस संबंध में वकीलों और अन्य नागरिक समूहों ने कहा है कि जब तक संघीय सरकार अपना निर्णय वापस नहीं ले लेती, उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
इसके अलावा सिविल सोसायटी और ट्रांसपोर्टरों ने कहा है कि सिंध से एक भी ट्रक पंजाब नहीं जा सकेगा। गौरतलब है कि अन्य अनाजों के अलावा चावल के लिए भी पूरा पाकिस्तान सिंध पर निर्भर है। अब चावल ले जाने वाले ट्रकों को पंजाब में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी, इसलिए निकट भविष्य में वहां चावल की कमी होने की संभावना है। यह स्थिति खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में भी व्यापक भय का विषय है। इसके अलावा सिंध से आने वाला कोई भी कच्चा माल पंजाब नहीं जाएगा, इसलिए वहां के उद्योगों पर असर पड़ने की संभावना है।
बिलावल भुट्टो जरदारी के अपने क्षेत्र खैरपुर में सख्त लॉकडाउन लगा दिया गया है। इसके अलावा वकीलों और अन्य नागरिकों ने घोटका, हैदराबाद (सिंध), बरकाना, नवाबशाह, मेंग्रियो पाम साइट समेत कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया है। उनका कहना है कि जब तक सरकार (इस्लामाबाद) यह फैसला वापस नहीं ले लेती, चक्का जाम जारी रहेगा। पूरे सिंध में स्कूल, कॉलेज, निजी व्यवसाय और सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार यह सिलसिला पिछले 9 दिनों से चल रहा है और गुरुवार को प्रधानमंत्री शाहवाज शरीफ और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी के बीच इस्लामाबाद में बैठक हुई।
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