"जल ही जीवन है" - यह पंक्ति हम बचपन से सुनते और पढ़ते आ रहे हैं। हम सभी जानते हैं कि पानी बचाना हमारे पर्यावरण और भविष्य के लिए कितना ज़रूरी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पानी की बर्बादी का संबंध सिर्फ विज्ञान और पर्यावरण से ही नहीं,बल्कि ज्योतिष और वास्तु शास्त्र से भी बहुत गहरा है?वास्तु और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार,घर में पानी का अनादर या उसकी बर्बादी करना साक्षात अपने भाग्य को दुर्भाग्य में बदलने जैसा है। एक टपकता हुआ नल या बेवजह बहता हुआ पानी सिर्फ पानी की बर्बादी नहीं है,बल्कि यह आपके घर की सकारात्मक ऊर्जा,धन,और सुख-शांति को भी बहाकर ले जाता है। आइए,विस्तार से जानते हैं कि पानी बर्बाद करने से कौन से ग्रह नाराज़ होते हैं और इसका हमारे जीवन पर क्या विनाशकारी प्रभाव पड़ता है।वास्तु और ज्योतिष में'जल'का क्या महत्व है?पंचतत्वों (पृथ्वी,जल,अग्नि,वायु और आकाश) में जल को सबसे महत्वपूर्ण तत्वों में से एक माना गया है। धार्मिक रूप से,जल कोवरुण देवका स्वरूप माना जाता है। वहीं,ज्योतिष शास्त्र में इसका सीधा संबंध दो बहुत ही महत्वपूर्ण ग्रहों से है:चंद्रमा (Moon):चंद्रमा को मन,माता,भावनाओं और तरलता (Cash Flow)का कारक माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार,पानी पर चंद्रमा का अधिकार होता है। जब घर में पानी की बर्बादी होती है,तो यह सीधे तौर पर आपकी कुंडली में चंद्रमा को कमजोर करता है।शुक्र (Venus):शुक्र ग्रह को धन,वैभव,ऐश्वर्य,भौतिक सुख-सुविधाओं और प्रेम संबंधों का कारक माना गया है। जल तत्व का संबंध शुक्र ग्रह की ऊर्जा से भी जुड़ा है।जब आप पानी बर्बाद करते हैं,तो आप अनजाने में ही वरुण देव के साथ-साथ चंद्रमा और शुक्र ग्रह को भी नाराज़ कर देते हैं,जिसके परिणाम अत्यंत गंभीर हो सकते हैं।पानी की बर्बादी के गंभीर ज्योतिषीय और वास्तु परिणामघर के किसी भी हिस्से में टपकता हुआ नल या लीक होता पाइप एक बड़ा वास्तु दोष माना जाता है। इसके निम्नलिखित प्रभाव देखने को मिलते हैं:आर्थिक संकट और धन हानि (Financial Crisis):यह सबसे आम और सीधा प्रभाव है। जिस तरह नल से बूंद-बूंद पानी टपकता है,ठीक उसी तरह आपके घर से धन भी धीरे-धीरे खत्म होने लगता है। फिजूलखर्ची बढ़ जाती है,आय के स्रोत कम होने लगते हैं और व्यक्ति कर्ज के बोझ तले दब सकता है।मानसिक तनाव और अशांति (Mental Stress):कमजोर चंद्रमा व्यक्ति को भावुक,चिड़चिड़ा और अस्थिर बनाता है। पानी की बर्बादी से जन्मा चंद्र दोष घर में मानसिक अशांति का माहौल पैदा करता है। व्यक्ति हर समय एक अनजाने भय या तनाव में रहता है और सही निर्णय लेने में असमर्थ होता है।पारिवारिक कलह और रिश्तों में दरार:कमजोर शुक्र और चंद्र का प्रभाव पारिवारिक रिश्तों पर भी पड़ता है। घर के सदस्यों के बीच आपसी तालमेल खत्म होने लगता है,बेवजह के झगड़े और वाद-विवाद बढ़ जाते हैं,जिससे घर का माहौल नकारात्मक हो जाता है।नकारात्मक ऊर्जा का वास (Negative Energy):वास्तु के अनुसार,जिस स्थान पर हर समय पानी टपकता रहता है या सीलन रहती है,वहां नकारात्मक ऊर्जा का वास होने लगता है। यह ऊर्जा घर की बरकत और सदस्यों की सेहत पर बुरा असर डालती है।स्वास्थ्य समस्याएं:चंद्र दोष के कारण व्यक्ति को सर्दी-जुकाम,फेफड़ों से संबंधित रोग और मानसिक बीमारियां होने का खतरा भी बढ़ जाता है।कैसे रोकें पानी की बर्बादी और वास्तु दोष?अपने ग्रहों को मजबूत करने और घर में सुख-समृद्धि बनाए रखने के लिए इन बातों का विशेष ध्यान रखें:तुरंत मरम्मत कराएं:अगर आपके घर के बाथरूम,किचन या किसी भी हिस्से में नल टपक रहा है या कोई पाइप लीक हो रहा है,तो उसे आलस्य किए बिना तुरंत ठीक कराएं।पानी की टंकी पर नज़र रखें:सुनिश्चित करें कि आपकी छत पर लगी पानी की टंकी भरने के बाद ओवरफ्लो होकर न बहे। इसके लिए आप अलार्म या ऑटो-कट सिस्टम लगवा सकते हैं।ROफिल्टर के पानी का सदुपयोग करें: ROमशीन से निकलने वाले व्यर्थ पानी को बाल्टी में इकट्ठा करें और उसका उपयोग पोछा लगाने,गाड़ियां धोने या पौधों में डालने के लिए करें।पानी का सम्मान करें:नहाते समय या बर्तन धोते समय पानी को बेवजह न बहने दें। जल स्रोतों को कभी गंदा न करें।जल की हर एक बूंद अनमोल है। इसे बचाकर आप न केवल प्रकृति की मदद करते हैं,बल्कि अपने जीवन में सुख,समृद्धि और शांति को भी आमंत्रित करते हैं। पानी का सम्मान करें,क्योंकि जल में ही जीवन और भाग्य दोनों छिपे हैं।
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