हरियाणा के किसानों के लिए फसल हानि दावा करने की अंतिम तिथि 1 मई: हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है, जिसे समय पर पूरा करना आवश्यक है।
हाल ही में आग की घटनाओं के कारण गेहूं की फसल को हुए नुकसान को देखते हुए, सरकार ने किसानों से 1 मई 2025 तक अपने नुकसान के दावे ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया है।
यह कदम उन किसानों के लिए राहत का एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिनकी मेहनत आग की चपेट में आ गई। समय पर दावा दर्ज करने से सरकार जल्दी मुआवजा पैकेज जारी कर सकेगी, जिससे किसानों को आर्थिक सहायता प्राप्त होगी।
सात जिलों में फसल को हुआ बड़ा नुकसान सात जिलों में बड़ा नुकसान
वित्तीय आयुक्त राजस्व (एफसीआर) सुमिता मिश्रा ने सिरसा, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, चरखी दादरी, यमुनानगर, कैथल और रोहतक के उपायुक्तों को पत्र लिखकर स्पष्ट निर्देश दिए हैं। इन सात जिलों के 102 गांवों में आग की घटनाओं ने गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है।
कृषि विभाग के अनुसार, 814 एकड़ से अधिक फसल बर्बाद हुई, जिससे 312 किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र सिरसा रहा, जहां 266.28 एकड़ फसल नष्ट हुई। इसके बाद कैथल (146.3 एकड़), फतेहाबाद (83.3 एकड़) और कुरुक्षेत्र (57 एकड़) का नुकसान हुआ।
दावा कैसे करें? कैसे करें दावा?
किसानों को अपने नुकसान का दावा ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करना होगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है, जिससे पारदर्शिता और तेजी सुनिश्चित होगी।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि संबंधित उपायुक्त दावों की जांच करेंगे और उनकी पुष्टि के बाद मुआवजा पैकेज जारी किया जाएगा। किसानों से अनुरोध किया गया है कि वे समय सीमा का पालन करें, ताकि राहत राशि में कोई देरी न हो। पोर्टल पर दावा अपलोड करने के लिए किसानों को अपनी फसल, नुकसान का विवरण और आवश्यक दस्तावेज तैयार रखने होंगे।
किसानों के लिए राहत की उम्मीद किसानों के लिए राहत की उम्मीद
यह आदेश उन किसानों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, जो आग की घटनाओं के कारण आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। सिरसा, कैथल और फतेहाबाद जैसे जिलों में बड़े पैमाने पर फसल नष्ट होने से किसानों की उम्मीदें टूट गई थीं।
सरकार का यह कदम न केवल उनकी मेहनत को सम्मान देता है, बल्कि उन्हें फिर से खड़ा होने का अवसर भी प्रदान करता है। समय पर दावा दर्ज करना इसलिए आवश्यक है, क्योंकि देरी से मुआवजा मिलने में बाधा आ सकती है।
सरकार की जवाबदेही सरकार की जवाबदेही
हरियाणा सरकार का यह कदम किसानों के प्रति उसकी संवेदनशीलता को दर्शाता है। ऑनलाइन पोर्टल और उपायुक्तों के माध्यम से दावों की जांच की व्यवस्था से प्रक्रिया को तेज और निष्पक्ष बनाया गया है।
यह पहल न केवल प्रभावित किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करेगी, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए एक मॉडल भी तैयार करेगी। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे जल्द से जल्द अपने दावे अपलोड करें और इस अवसर का लाभ उठाएं।
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