शनि जयंती 2025: शनि ग्रह को न्याय का देवता माना जाता है। यह ग्रह व्यक्ति के कर्मों के अनुसार फल प्रदान करता है। शनि की दृष्टि कठोर मानी जाती है, लेकिन जब यह कृपा करते हैं, तो व्यक्ति को ऊंचाइयों तक पहुंचा देते हैं। ज्योतिष के अनुसार, शनि की दो स्वराशियां होती हैं: मकर और कुंभ। ये दोनों राशियां शनि की सबसे शक्तिशाली राशियां मानी जाती हैं, जो जीवन के हर मोड़ पर व्यक्ति का साथ देती हैं और उसे तरक्की की राह पर ले जाती हैं। आइए जानते हैं, शनिदेव किस प्रकार से इन राशियों पर मेहरबानी बरसाते हैं?
मकर राशि
मकर राशि पृथ्वी तत्व की राशि है और इसके स्वामी स्वयं शनि हैं। इस राशि के लोग बुद्धिमान, व्यावहारिक और मेहनती होते हैं। मकर राशि के जातक अक्सर अपने करियर में बड़ी सफलता प्राप्त करते हैं, क्योंकि वे संयम, अनुशासन और मेहनत में विश्वास रखते हैं। यही कारण है कि इसे कर्म की राह पर आगे बढ़ने वाली राशि कहा जाता है।
शनि की कृपा से मकर राशि के लोगों को जीवन में धन, संपत्ति और सामाजिक प्रतिष्ठा प्राप्त होती है। हालांकि, इनका एक कमजोर पक्ष अहंकार है। जब शनि वक्री होते हैं, तो इन्हें अपने व्यवहार में विनम्रता लानी चाहिए, अन्यथा तरक्की में बाधाएं आ सकती हैं।
कुंभ राशि
शनि की दूसरी और प्रिय स्वराशि कुंभ है, जो उनकी मूल त्रिकोण राशि भी है। यह वायु तत्व की राशि है और शनि का इस पर गहरा प्रभाव होता है। कुंभ राशि के जातक प्रायः गहरे चिंतनशील, बुद्धिजीवी और सामाजिक होते हैं। इनमें नेतृत्व क्षमता, समाज सुधार की सोच और आध्यात्मिक प्रवृत्ति अधिक होती है। यही कारण है कि यह राशि ज्ञान, कला और आध्यात्म की प्रतीक मानी जाती है।
शनि की कृपा से कुंभ राशि के लोग न केवल अपने लिए बल्कि समाज के बड़े वर्ग के लिए भी कुछ कर गुजरते हैं। इनकी सोच पारंपरिक से हटकर होती है, जिससे ये नवाचार, तकनीक और रचनात्मक क्षेत्रों में बड़ी सफलता प्राप्त करते हैं।
शनि जयंती पर करें ये काम
जब शनि की कृपा मकर और कुंभ राशियों पर पड़ती है, तो व्यक्ति जीवन में हर मोड़ पर मजबूत फैसले लेता है और निरंतर प्रगति करता है। ये राशियां मेहनत, धैर्य और ज्ञान का प्रतीक हैं। शनि जयंती के इस पावन अवसर पर यदि आप भी इन राशियों से संबंधित हैं, तो शनि देव की पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद अवश्य लें। यह न केवल जीवन की दिशा बदल सकता है, बल्कि भाग्य का द्वार भी खोल सकता है।
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