इंटरनेट डेस्क। पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा का एक बड़ा बयान सामने आया है। यह बयान उस समय सामने आया हैं जब झालावाड़ जिले के पिपलोदी स्कूल हादसे में सात मासूम बच्चों की मौत के लिए नरेश मीणा जयपुर में शहीद स्मारक पर धरने के लिए पहुंचे थे और उनके साथ राजेंद्र गुढ़ा भी थे। हालांकि शहीद स्मारक पर ताला जड़ा मिला और प्रशासन ने धरने की अनुमति नहीं दी।
राजेंद्र गुढ़ा ने साधा निशाना
अमर उजाला से खास बातचीत में राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि पिपलोदी हादसे में मासूम बच्चों की मौत के बाद सरकार का रवैया बेहद असंवेदनशील रहा है। आदिवासी परिवारों को मुआवजे के नाम पर केवल पांच बकरियां दी गईं। उन्होंने कहा कि क्या आदिवासियों की किस्मत में सिर्फ पांच बकरियां ही लिखी हैं?
जाग चुका हैं युवा
खबरों की माने तो गुढ़ा ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि अब युवा जाग चुके हैं, 17 से 27 वर्ष का नौजवान परेशान और आक्रोशित है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जैसे नेपाल में नेताओं और मंत्रियों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया, वैसा ही भारत में भी हो सकता है।
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