इंटरनेट डेस्क। भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव में ब्रेक लगाते हुए सीजफायर की घोषणा कर दी गई। दोनों देशों के बीच समझौता करानेमें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अहम भूमिका निभाई। अब देश-विदेश सेनेता इस पर अपने-अपने तरीके से प्रतिक्रिया दे रहे हैं। AIMIM के मुखियाअसदुद्दीनओवैसी ने भी सीजफायर पर अपनी बात रखते हुए कहां है कि जब तक पाकिस्तान अपनी धरती पर आतंकवाद फैलाने के लिए मदद पहुंचाता रहेगा तब तक दोनों देशों के बीच कभी भी शांति हो ही नहीं सकती।
पहलगाम के दोषियों के खिलाफ जारी रहे कार्रवाईअसदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भले ही दोनों देशों के बीच सीजफायर हो गया हो लेकिन मैं केंद्र सरकार से या अपील करूंगा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शरीर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहे। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मैं भारत सरकार और सेना द्वारा लिए गए मौजूदा हाल में हर फैसले का समर्थन करता हूं, इसके साथ ही सेवा की बहादुरी और कौशल की तहे दिल से सराहना करता हूं। उन्होंने कहा कि इस युद्ध में मारे गए आम नागरिकों की आत्मा की शांति के लिए भी मैं प्रार्थना करता हूं।
ओवैसी ने खड़े किए ये सवालअसदुद्दीन ने इसके बाद भारत सरकार पर कुछ सवाल खड़े करते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह अमेरिका के राष्ट्रपति ने शांति समझौते की घोषणा क्यों की। उन्होंने कहा कि शिमला समझौते के बाद से भारत तीसरे पक्ष की हस्तक्षेप के खिलाफ रहा है फिर इस बार हमने इसे कैसे स्वीकार कर लिया। ओवैसी ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर अंतर्राष्ट्रीयकरण नहीं होना चाहिए क्योंकि यह हमारा आंतरिक मामला है।
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