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10,000 VIP नंबरों का फर्जी खेल, परिवहन विभाग में 600 करोड़ का 'जैकपॉट' घोटाला, अब ईडी की एंट्री

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जयपुर. RTO ऑफिस में तीन डिजिट वाले नंबरों के गलत इस्तेमाल की जांच के लिए बनी जांच कमेटी को राजस्थान में 10,000 VIP नंबरों के साथ छेड़छाड़ का शक है। कमेटी ने पाया है कि इस धोखाधड़ी से सरकार को ₹500 से ₹600 करोड़ के रेवेन्यू का नुकसान हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि RTO ऑफिस में VIP नंबर गैर-कानूनी तरीके से रजिस्टर और बेचे गए। इसे आसान बनाने के लिए RC और आधार समेत नकली और जाली डॉक्यूमेंट तैयार किए गए। कमेटी ने माना है कि RTO कर्मचारियों ने धोखाधड़ी करके गंभीर अपराध किया है।

कमेटी ने अब इस मामले की जांच स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) से कराने की सिफारिश की है। गौरतलब है कि तीन डिजिट वाले इस फ्रॉड का पता जयपुर RTO ऑफिस I के RTO राजेंद्र सिंह शेखावत ने लगाया था। ऑफिस के दो कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। ED ने भी ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के इस गलत इस्तेमाल की जांच की है। ED ने ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट से जांच रिपोर्ट मांगी है।

इस तरह पूरे राज्य में यह स्कैम सामने आया।

इस तरह का फ्रॉड कोटा, नागौर, जोधपुर, जयपुर, सलूंबर, सवाई माधोपुर, बूंदी, हनुमानगढ़, उदयपुर और बीकानेर समेत कई जगहों पर हुआ। 2018 के बाद डिपार्टमेंट ने एक ऑर्डर जारी किया था जिसमें कहा गया था कि गाड़ी का रजिस्ट्रेशन किसी भी RTO ऑफिस में कराया जा सकता है। इसी ऑर्डर का फायदा उठाकर अफसरों, क्लर्कों और दलालों ने यह स्कैम किया। उन्होंने RTO ऑफिस से उन नंबरों को बैकलॉग किया, जिनके नंबर रिकॉर्ड में थे, और उन्हें ऑनलाइन अपलोड कर दिया। उन्होंने इन नंबरों का इस्तेमाल करके दूसरे जिलों में भी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन करने के लिए नकली डॉक्यूमेंट्स का इस्तेमाल किया।

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