ग्वालियर में देश के प्रमुख इमाम डॉ. उमर अहमद इलियासी ने आतंकवाद के खिलाफ फतवा जारी किया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को अंजाम देने वाले और मारे गए लोगों की जनाजे की नमाज नहीं पढ़ी जाएगी और उन्हें भारत की धरती पर दफनाया नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि आतंकवादी संगठनों को अपने नाम से इस्लाम और पैगम्बर मोहम्मद जैसे पवित्र शब्द हटा देने चाहिए।
लव जिहाद के बढ़ते मामलों पर डॉ. इलियासी ने कहा कि समाज में विवाह को धन्य माना जाता है। "जिहाद" जैसे शब्द अशुद्ध हैं। ऐसे विवाह जिनसे समाज में झगड़े और विवाद बढ़ते हैं, उनसे बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि नाम व पहचान छिपाकर ऐसा काम नहीं किया जाना चाहिए। समाज में अच्छे लोग अधिक हैं और बुरे लोग कम।
बलूचिस्तान की मांग पर उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय भारत की कूटनीति और नीति के साथ है। बलूचिस्तान की आजादी की मांग लंबे समय से चल रही है और पाकिस्तान वहां अन्याय कर रहा है। बलूचिस्तान को स्वतंत्र होना चाहिए क्योंकि स्वतंत्रता हर किसी का अधिकार है। शंकराचार्य के उस बयान पर, जिसमें उन्होंने इस्लाम को आतंकवाद का धर्म बताया था, चीफ इमाम डॉ. इलियासी ने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। आतंकवादी सिर्फ आतंकवादी है, वह शैतान जैसा है। ऐसे शैतानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
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