नेपाल में कार्की सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने पूर्व नेपाली पियान देउबा का पासपोर्ट रद्द कर दिया है। साथ ही, पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की विदेश यात्रा पर भी रोक लगा दी गई है। ओली के अलावा, सरकार ने पूर्व गृह मंत्री रमेश अख्तर, पूर्व गृह सचिव गोकर्णमणि दुवादी, राष्ट्रीय जाँच विभाग के पूर्व प्रमुख हुतराज थापा और काठमांडू के पूर्व मुख्य ज़िला अधिकारी छबी रिज़ल के देश छोड़ने पर भी रोक लगा दी है। सरकार ने नेपाल में 8 सितंबर को हुई घटना पर कार्रवाई की है।
खुफ़िया विभाग करेगा निगरानीसरकार ने 5 नेताओं को बिना अनुमति के देश छोड़ने का आदेश दिया है। इस बीच, पुलिस और ख़ुफ़िया विभाग को उन नेताओं पर नज़र रखने के लिए सतर्क कर दिया गया है। सरकार ने पूर्व विदेश मंत्री के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा के हाल ही में जारी किए गए पासपोर्ट भी रद्द कर दिए हैं।
जाँच का निर्णयआयोग ने अपने निर्णय में कहा कि जिन लोगों के पासपोर्ट रद्द किए गए हैं और जिनकी विदेश यात्रा पर रोक लगाई गई है, वे सभी जाँच और पूछताछ के दायरे में हैं, इसलिए उनकी विदेश यात्रा रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए और चूँकि उन्हें जाँच के लिए किसी भी समय आयोग के समक्ष उपस्थित होना आवश्यक है, इसलिए संबंधित प्राधिकारी को पत्र लिखा जाएगा ताकि आयोग की अनुमति के बिना उन्हें काठमांडू घाटी छोड़ने से रोकने की व्यवस्था की जा सके।
पूर्व प्रधानमंत्री ओली ने कल ही दिया था बयानपूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने शनिवार को कहा था कि मैं सरकार की ओर से चल रही तरह-तरह की अफवाहों के बारे में सुन रहा हूँ। पासपोर्ट रोककर उन्होंने मेरे बारे में क्या सोचा है? यह दुष्प्रचार करने वाली सरकार, कि हम यह देश सौंप देंगे और विदेश भाग जाएँगे, वे क्या सोच रहे हैं? उन्होंने कहा कि हमें इस देश का निर्माण करना है। हमें इस देश को एक संवैधानिक, लोकतांत्रिक देश बनाना है और राजनीति को पटरी पर लाना है। हम देश में कानून का राज लाएँगे।
You may also like
कहर मचाने आ रहे 90 के दशक के ओजी विलेन दिलीप ताहिल और मुकेश ऋषि, शेयर किया पोस्टर
जोधपुर सेंट्रल जेल में सोनम वांगचुक से मिलने पहुंचे अमराराम मेघवाल, पुलिस ने रोका
मणिपुर: संयुक्त अभियान में 4 आतंकी गिरफ्तार, हथियार, आईईडी और ड्रग्स बरामद
प्रशांत किशोर आरजेडी की बी-टीम बनकर काम कर रहे : नितिन नबीन
कांग्रेस शासन की कमजोरी को चिदंबरम ने बताया : रविशंकर प्रसाद