हाल के दिनों में ईरान और इजराइल के बीच कुल 12 दिनों तक संघर्ष चला। इस संघर्ष में दोनों देशों ने एक दूसरे पर लगातार हमले किए। हालांकि, अब दोनों देशों के बीच युद्ध थम गया है। इन सबके बीच दोनों देश अपने नुकसान का आकलन कर रहे हैं। पहले ईरान ने इस युद्ध में किसी बड़े नुकसान को स्वीकार नहीं किया था, लेकिन अब धीरे-धीरे खामेनेई के देश को हुए नुकसान की जानकारी सामने आ रही है। इजराइल ने इस युद्ध के दौरान न सिर्फ ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया, बल्कि नेतन्याहू की सेना ने ईरान की कुख्यात इविन जेल को भी निशाना बनाया है। अब ईरान ने इस बात को स्वीकार कर लिया है। रविवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए ईरानी न्यायपालिका ने कहा कि इस जेल पर इजराइल के हमले में कम से कम 71 लोगों की जान चली गई है। ईरान की यह जेल बेहद डरावनी और कुख्यात बताई जाती है। आइए आपको इसके बारे में बताते हैं...
कुख्यात कही जाती है ईरान की इविन जेल
जानकारी के मुताबिक, इस जेल का निर्माण 1971 में शाह मोहम्मद रजा पहलवी के शासन में हुआ था। इस जेल का इतिहास शुरू से ही दमनकारी रहा है। कहा जाता है कि उस समय शाह की खुफिया पुलिस (शावक) यहां विरोधियों को बेरहमी से प्रताड़ित करती थी। हालांकि, 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद सत्ता में आए लोगों ने इस जेल को और भी क्रूर बना दिया।
जेल में हजारों कैदी बंद हैं
द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान की एविन जेल में हजारों कैदी बंद हैं। कैदियों में प्रमुख विपक्षी राजनेता, कार्यकर्ता, वकील, पत्रकार, पर्यावरण कार्यकर्ता और छात्र शामिल हैं। माना जाता है कि इसका इस्तेमाल प्रमुख गैर-ईरानी या दोहरी नागरिकता वाले कैदियों को रखने के लिए भी किया जाता है, जिनमें से कई पर जासूसी का आरोप लगाया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह जेल तेहरान में अल्बोरज़ पर्वत की तलहटी में एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। इस जेल का परिसर बिजली के कांटेदार तार की बाड़ के साथ एक बारूदी सुरंग से घिरा हुआ है।
जब एक साथ 1000 से ज़्यादा लोगों को फांसी दी गई
NYT ने ह्यूमन राइट्स वॉच की एक रिपोर्ट के हवाले से बताया कि 1988 में एक सरसरी सुनवाई के बाद हज़ारों एविन कैदियों को मार दिया गया था। मारे गए लोगों में से कई को नई इस्लामिक सरकार के लिए ख़तरा माना जाता था। यह 20वीं सदी के सबसे भयानक जेल नरसंहारों में से एक था.पूर्व कैदियों के मुताबिक, यहां घंटों पूछताछ की जाती है, इस दौरान कैदियों की आंखों पर पट्टी बांधकर उन्हें दीवार की तरफ़ मुंह करके बैठाया जाता है। वहीं, इस जेल में महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न की घटनाएं भी आम हैं।
एविन जेल में कैदियों को कैसे प्रताड़ित किया जाता है?
ईरान की एविन जेल में कैदियों को प्रताड़ित किया जाना किसी से छिपा नहीं है। कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि यहां कैदियों को इस हद तक प्रताड़ित किया जाता है कि वे आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाते हैं। साल 2023 में इतालवी पत्रकार सेसिलिया को भी इसी जेल में कैद किया गया था। उन्होंने बताया कि मेरे पास न तो बिस्तर था और न ही चादर। मेरा चश्मा छीन लिया गया था ताकि मैं कुछ भी न देख सकूं।
इस जेल को कौन चलाता है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान की इस कुख्यात जेल को कई सुरक्षा एजेंसियां चलाती हैं, जिसमें देश की खुफिया एजेंसी के साथ IRGC भी शामिल है। इस जेल में कैदियों की पिटाई के अलावा उन्हें बिजली के झटके दिए जाते हैं। इसके अलावा कैदियों को कई अन्य तरीकों से प्रताड़ित किया जाता है।
क्या इस जेल में विदेशी कैदियों को भी रखा जाता है?
ईरान की इस जेल को लेकर अक्सर यह सवाल उठता है कि क्या इस जेल में विदेशी कैदियों को भी रखा जाता है। रिपोर्ट्स की मानें तो ईरान ने करीब पांच दशकों से विदेशी और दोहरे नागरिकों को हिरासत में रखने को अपनी विदेश नीति के औजार के तौर पर इस्तेमाल किया है।हालांकि ब्रिटेन, फ्रांस, अमेरिका और दूसरे देशों ने ईरान पर अपने नागरिकों के साथ-साथ दोहरे नागरिकों को भी हिरासत में रखने और कूटनीतिक सौदेबाजी के तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। बताया जाता है कि सेसिल कोहलर और जैक्स पेरिस दो फ्रांसीसी नागरिक हैं जिन्हें इस जेल में 3 साल से भी ज्यादा समय तक रखा गया था।
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