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एल्सटॉम के मेट्रो ट्रेनसेट् और सिग्नलिंग सिस्टम से बदलेगी कानपुर की मोबिलिटी,

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एल्सटॉम की मेट्रो ट्रेनों और सीबीटीसी सिग्नलिंग सिस्टम से बेहतर होगी कनेक्टिविटी, यात्रा का समय घटेगा और मिलेगी भरोसेमंद सर्विस कानपुर के मेट्रो ट्रेनसेट् 100% भारत में, एल्सटॉम के सावली प्लांट में बनाए गए हैं
इनमें फ्लेक्स बोगी और मित्रैक ट्रैक्शन सिस्टम लगे हैं, जो ऊर्जा की बचत करते हैं और ऑपरेशन खर्च कम करते हैं

कानपुर, मई 2025:– स्मार्ट और सस्टेनेबल मोबिलिटी में ग्लोबल लीडर, एल्सटॉम ने शुक्रवार को कानपुर मेट्रो के कॉरिडोर-1 के बढ़े हुए हिस्से की रेवेन्यू सर्विस की शुरुआत का जश्न मनाया, जिसमें पाँच नए स्टेशंस जोड़े गए हैं। पूरी तरह भारत में बनी कानपुर की ये मेट्रो ट्रेनें एडवांस कम्युनिकेशन-बेस्ड ट्रेन कंट्रोल (सीबीटीसी) सिस्टम से लैस हैं, जिससे यात्रियों को सुरक्षित, भरोसेमंद और किफायती सफर मिल सकेगा। इस बढ़े हुए कॉरिडोर के साथ पाँच अंडरग्राउंड स्टेशंस भी जुड़ गए हैं, जिससे शहर शहर के यात्रियों को ज्यादा इलाकों तक पहुँच और सफर में बेहतर सुविधा मिलेगी।

एल्सटॉम आगरा-कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए कुल 201 मेट्रो कोच (67 तीन-डिब्बों वाली ट्रेन सेट्स) और एक एडवांस सिग्नलिंग सिस्टम बना रहा है। इन ट्रेनों को हैदराबाद के एल्सटॉम इंजीनियरिंग सेंटर में डिज़ाइन किया गया है, जबकि सिग्नलिंग सॉल्यूशन भारत के गुरुग्राम और थाईलैंड के बैंकॉक में तैयार हुई है। ये ट्रेनें एल्सटॉम की सावली, गुजरात स्थित अत्याधुनिक फैक्ट्री में तैयार की गई हैं, जो ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सोच को साकार करती हैं। पहली ट्रेन एल्सटॉम ने सितंबर 2021 में कानपुर में यूपीएमआरसी को सौंपी थी। अब तक शहर में 40 ट्रेनें चल रही हैं, जिनका तीन डिब्बों वाला कॉन्फिगरेशन लगभग 960 यात्रियों को सफर की सुविधा देता है।

ओलिवियर लोइज़ॉन, मैनेजिंग डायरेक्टर, एल्सटॉम इंडिया, ने कहा, “हमारी यूपीएमआरसी के साथ मजबूत साझेदारी है और हमें गर्व है कि हम राज्य के लगभग सभी मेट्रो प्रोजेक्ट्स में योगदान देने में सक्षम रहे हैं। साथ मिलकर, हम प्रदेश के ट्रांसपोर्ट सिस्टम को नए सिरे से आकार देंगे। यह बढ़ी हुई मेट्रो सर्विस कानपुर में जन परिवहन को बदल देगी और लोगों को एक सुरक्षित, कुशल और टिकाऊ सफर का विकल्प देगी।”

कानपुर के लिए अत्याधुनिक रोलिंग स्टॉक और सिग्नलिंग सिस्टम
नई मेट्रो ट्रेनें पारंपरिक साधनों के मुकाबले एक इको-फ्रेंडली और टिकाऊ विकल्प हैं। ये ट्रेनें कानपुर के लगभग 45 लाख लोगों को लाभ पहुँचाएँगी। इसके साथ ही यह पूरा प्रोजेक्ट क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी अहम् भूमिका निभाएगा।

उत्तर प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आधुनिक डिज़ाइन का संगम, कानपुर मेट्रो के आकर्षक और खूबसूरत ट्रेनसेट में साफ झलकता है। कानपुर मेट्रो यात्रियों को एक सुगम और स्वागतभरा अनुभव देती है। एयर कंडीशन कोच हैं, जिनमें ऑटोमैटिक स्लाइडिंग दरवाज़े, आरामदायक बैठने और खड़े होने की जगह, दिव्यांग यात्रियों के लिए अलग से स्थान और आधुनिक पैसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम मौजूद हैं।

एल्सटॉम की ये मेट्रो ट्रेनें 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम हैं और मजबूत स्टेनलेस स्टील से बनी हैं। इनका मॉड्यूलर और एयरोडायनामिक डिज़ाइन सुरक्षा, पर्यावरण और सस्टनेबिलिटी के उच्चतम मानकों को पूरा करता है। ये ट्रेनें फ्लेक्स बोगी और माइट्रैक प्रोपल्शन सिस्टम से लैस हैं, जो ब्रेकिंग के दौरान ऊर्जा की बचत कर ऑपरेटिंग कॉस्ट कम करती हैं। साथ ही, इनमें एडवांस कम्युनिकेशन-बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (सीबीटीसी) लगा है, जिससे ट्रेनें ऑटोमैटिक तरीके से ऑपरेट होती हैं। सीबीटीसी तकनीक में 30 साल से भी ज्यादा अनुभव और 32 देशों में 190 से अधिक मेट्रो लाइन्स के साथ एल्सटॉम आज ग्लोबल मोबिलिटी की जरूरतों को पूरा कर रहा है।

एल्सटॉम भारत में एकमात्र मल्टीनेशनल कंपनी है, जो सस्टेनेबल मोबिलिटी की पूरी रेंज ऑफर करती है। यह ग्राहकों की अलग-अलग जरूरतों को पूरा करती है, चाहे वह किफायती मास मार्केट प्लेटफॉर्म हो या फिर हाई-टेक इनोवेशन। देश की ‘रेल क्राँति’ के साथ जुड़ा एल्सटॉम भारत की परिवहन क्राँति और यात्री परिवहन में भी एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार है। छह इंडस्ट्रियल साइट्स और चार बड़े इंजीनियरिंग सेंटर के साथ, कंपनी सिर्फ देश के प्रोजेक्ट्स ही नहीं, बल्कि कई अंतर्राष्ट्रीय प्रोजेक्ट्स के लिए भी सर्विसेस की पेशकश करती है। सरकार की आधुनिकता योजनाओं का समर्थन करते हुए, एल्सटॉम ने भारत में कई नई तकनीकें और विश्वस्तरीय रोलिंग स्टॉक, रेल उपकरण, सिग्नलिंग और सर्विसेस पेश की हैं। ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सोच के साथ पूरी तरह तालमेल रखते हुए, एल्सटॉम स्थानीय सोर्सिंग और सप्लाई चेन को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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