– गौरी योग में होगा बाबा का विशेष श्रृंगार, श्रद्धालुओं को मिलेगा गौरीशंकर स्वरूप का दुर्लभ दर्शन
वाराणसी,20 जुलाई (Udaipur Kiran) । श्रावण मास के दूसरे सोमवार की पूर्व संध्या पर रविवार को ही श्री काशी विश्वनाथ के स्वर्णिम दरबार में दर्शन-पूजन के लिए शिवभक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। भीषण उमस और गर्मी के बावजूद श्रद्धालुओं का रेला मंदिर परिसर में अलसुबह से ही बोलबम और हर—हर महादेव के उद्घोष के बीच नंगे पांव पहुंचता रहा। श्रद्धालु दशाश्वमेधघाट पर पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाने के बाद जल लेकर श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में दर्शन-पूजन के लिए कतारबद्ध होते रहे। मंदिर के गर्भगृह में भोर की मंगला आरती के बाद शुरू हुआ दर्शन-पूजन का सिलसिला अनवरत चलता रहा। मंदिर के गर्भगृह के बाहर से ही शिव भक्त बाबा का झांकी दर्शन पाकर आह्लादित दिखे। पावन ज्योर्तिलिंग पर जल चढ़ाने के लिए लोहे के पात्र लगाए गए हैं। इन पात्रों से होकर गंगाजल और बेलपत्र,चंदन सहित अन्य पूजन सामग्री सीधे बाबा के ज्योर्तिलिंग तक पहुंच रही है।घरों में भी लोगों ने अवकाश के दिन रूद्राभिषेक कर बाबा से सुखमय जीवन और वंशबेल में वृद्धि की कामना की। वहीं,सावन के दूसरे सोमवार को बाबा का झांकी दर्शन पाने के लिए रविवार शाम से ही श्रद्धालु कतार में जाकर बैठ गए। शिवभक्त पूरी रात कतार में महादेव का स्मरण कर खड़े होकर या बैठ कर गुजारेंगे। सोमवार को भोर में मंगलाआरती के बाद मंदिर का पट खुलते ही श्रद्धालु अपनी बारी आने पर दर्शन पूजन करेंगे। बाबा विश्वनाथ के प्रति उनकी अगाध आस्था को देख विदेश पर्यटक चकित हैं। उधर, मंदिर में सावन के दूसरे सोमवार को बाबा के गौरीशंकर स्वरूप का श्रृंगार होगा। शाम को शिवभक्त बाबा के इस स्वरूप का दर्शन पाएंगे। मंगला आरती से लेकर शयन आरती तक दर्शन-पूजन का सिलसिला अनवरत चलता चलता रहेगा।
— इस बार सावन मास का दूसरा सोमवार खास गौरी योग में
इस बार सावन मास का दूसरा सोमवार बेहद खास है। शिवभक्त गौरी योग में दरबार में दर्शन पूजन करेंगे। सावन मास के दूसरे सोमवार को कामिका एकादशी, वृद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का भी सुखद संयोग है। ज्योतिषविद रविन्द्र तिवारी बताते है कि 21 जुलाई सोमवार को रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा वृषभ राशि में गोचर करेगा, जिससे गौरी योग का निर्माण हो रहा है। यह बेहद शुभ माना जाता है। सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा और अमृत सिद्धि योग रात 9 बजे बनेगा, ये दोनों ही योग शुभ कार्यों के लिए बहुत फलदायी माने जाते हैं।
(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी