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हुंकार महारैली में भारी संख्या में आदिवासियों के शामिल होने की बनी रणनीति : गीताश्री

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रांची, 04 अक्टूबर (Udaipur Kiran News) . कुड़मी-कुरमी जाति के अनुसूचित जनजाति एसटी बनने की मांग के विरोध में आगामी 17 अक्टूबर को आदिवासी हुंकार महारैली की तैयारी को लेकर राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे आदिवासी संगठन, सामाजिक कार्यकर्ता और समाज से जुडे़ लोगों की बैठक रांची के सिरोमटोली में Saturday को हुई.

बैठक के बाद प्रेसवार्ता में पूर्व मंत्री गीता उरांव ने बताया कि इस महारैली में कुड़मी (कुरमी, महतो) जाति के लोगों की ओर से अनुचित तरीके से एसटी बनने की मांग और आंदोलन का जोरदार विरोध करने के लिए सभी जिलों में अभियान चलाकर आदिवासियों के भारी संख्या में शामिल होने की रणनीति बनाई गई.

उन्होंने बताया कि कुड़मी (कुरमी-महतो) जाति के लोगों की मांग मूल आदिवासियों के संवैधानिक हक-अधिकारों राजनीतिक प्रतिनिधित्व, आरक्षण, नौकरी, जमीन और गौरवशाली आदिवासी विद्रोह के इतिहास पर कब्जा करके मूल आदिवासियों को हाशिए में धकेलने की साज़िश है. उन्होंने कहा कि कुड़मी-कुरमी समाज की यह मांग आदिवासियों की पहचान और अस्तित्व पर हमला है.

उन्होंने बताया कि बैठक में राज्यभर के सभी पारंपरिक अगुआ आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधियों से अपील की गई कि आदिवासी समाज की ओर से आयोजित आदिवासी हुंकार महारैली में शामिल होकर आदिवासी एकता को मजबूत करें.

मौके पर लक्ष्मीनारायण मुंडा, देवकुमार धान, प्रेमशाही मुंडा, टीएसी सदस्य नारायण उरांव, बबलू मुंडा, श्याम सुन्दर करमाली, अभय भुट कुंवर डब्लू मुंडा, चंपा कुजूर, आकाश तिर्की, रविन्द्र भगत, राहुल तिर्की सहित अन्य मौजूद रहे.

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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे

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